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अधिकारियों ने बीमार तिब्बती व्यवसायी के परिवार को जेल में उनसे मिलने से मना किया

January 18, 2023

उम्रकैद की सजा काट रहे दोरजी ताशी से मिलने के लिए आए उनके भाई नेअधिकारियों से गुहार लगाते हुए वीडियो पोस्ट की

rfa.org

जेल में बंद एक तिब्बती व्यवसायी के भाई ने कईवीडियो पोस्ट किए हैं,जिनमें वहअधिकारियों से अपने भाई से मिलने की अनुमति देने की गुहार लगा रहे हैं।इन वीडियो में पश्चिमी चीनी स्वायत्त क्षेत्र में जेल के सामने विरोध प्रदर्शन भी चल रहा है, जहां हिरासत में रखे गए उनके छोटे भाई का स्वास्थ्य खराब है। १३ जनवरी को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो मेंदोरजी छेतेन का कहना है कि चीनी अधिकारियों ने ४८ वर्षीय दोरजी ताशी से मिलने के उनके सभी अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया है। ताशी को जुलाई २००८ में बड़े पैमाने पर तिब्बती विरोध-प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किया गया था। ताशी२०१० सेतिब्बत की राजधानी ल्हासा में द्राप्ची जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उनके बारे में अधिकार समूहों और समर्थकों का कहना है कि उनपरऋण धोखाधड़ी के राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा,‘जब मैं ०६ जनवरी को फिर से अपील करने गया, तो स्थानीय अधिकारियों ने द्राप्ची जेल की गरिमाको बर्बाद करने का मुझ पर आरोप लगाया और मुझसे माफी की मांग की।एक सुरक्षा गार्ड चाहता था कि मैं ऑनलाइन एक माफी वीडियो पोस्ट करूं। ‘एक अधिकार समूह-इंटरनेशनल कैंपेन फॉर तिब्बत के अनुसार,चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यताशी एक सफल व्यवसायी थे, जो अपनी गिरफ्तारी से पहले तिब्बत में एक लक्जरी होटल शृंखला और रियल एस्टेट कंपनियां चला रहे थे। उनकी परोपकारी गतिविधियों के लिए उनकी प्रशंसा की जाती थी। उन्होंने क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन और आर्थिक विकास में योगदान दिया।

लेकिन मार्च २००८में तिब्बत में चीनीशासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विद्रोह-प्रदर्शनों के बादउन्हें तिब्बती प्रदर्शनकारियों को कथित गुप्त समर्थन और निर्वासि‍त तिब्बती समुदाय के साथ राजनीतिकसंबंध रखने के आरोप में ‘अलगाववादी’ करार दिया गया था।अधिकार समूह के अनुसार, उन्‍होंने अपने पर लगाए गए इन आरोपों को बाद में अस्वीकार कर दिया था। हालांकि पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ राजनीतिक आरोप हटा दिए गए थे, लेकिन उन्‍हें ऋण धोखाधड़ी मेंआरोपित किया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

हाल के वर्षों में, अधिकारियों ने छेतेनको अपने भाई से मिलने नहीं देने के लिए बहाना बनाते हुए कोविड-१९ महामारी का हवालादिया। हालांकि,उन्होंने उन्‍हें वर्चुअल बैठक करनेदेने से भी इनकार कर दिया।छेतेन को पहले एक अलग मामले में छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसी तरह उनके दो अन्य रिश्तेदारों को भी क्रमशः पाँच और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।सोशल मीडिया पर प्रसारित एक अन्य वीडियो मेंछेतेन को ०६ जनवरी को जेल के बाहर चीनी भाषा में बोलते हुए देखा जा सकता है। इसमें वह ताशी से मिलने की अनुमति देने के लिए चीनी अधिकारियों के नामएक अपील-पत्र के बारे में बता रहे हैं।

वह कहते हैं,‘मेरा छोटा भाई जेल में एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैऔर हमने संबंधित अधिकारियों से उसके स्वास्थ्य की जांच करने और उसे उचित चिकित्सा प्रदान करने का अनुरोध किया है।लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैऔर इसलिएहम चीनीनेताओं से अनुरोध करते हैं कि वे सभी के साथ समान व्यवहार करें। ‘छेतेन ने अधिकारियों से परिवार के सदस्यों को ताशी से मिलने की अनुमति देने का भी आग्रह किया। वीडियो में वह कहते हैं,‘हम मानते हैं कि परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने से मना करना और हमें उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में सूचित नहीं करना देश के कानून के खिलाफ है और यह बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन है। ‘छेतेन कहते हैं,‘अगर इन परिस्थितियों में आने वाले दिनों में उनका स्वास्थ्य बिगड़ता रहता है तो द्राप्ची जेल को पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी। ‘१९दिसंबर कोदोरजी ताशी की बड़ी बहनगोनपो क्‍यी,जिसे गोंटे के नाम से भी जाना जाता है, ने ल्हासा में एक अदालत के बाहर अपने भाई की रिहाई के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। बाद में सुरक्षा गार्डों ने उन्‍हें हिरासत में ले लिया। गोनपो ने जून-२०२२में राजधानी के एक अन्य न्यायालय के बाहर भीधरना दिया था। द्राप्ची जेलया ल्हासा जेल नंबर-१तिब्बत में सबसे बड़ा कारावास केंद्र है।यहां कुछ तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों को उनकी भिन्‍नराजनीतिक प्रति‍बद्धताओंके लिए हिरासत में रखागया है। मानवाधिकार समूह- फ्री तिब्बत- के अनुसार, यह जेल अपनी खराब स्थिति, क्रूरता और कैदियों पर अत्याचार का प्रयोग करने के लिए कुख्‍यात है।

तिब्बत पूर्व में एक स्वतंत्र राष्ट्र था जब तक कि उस पर आक्रमण नहीं किया गया और सात दशक से अधिक समय पहले चीन में शामिल नहीं किया गया था। आज की तारीख में चीनी अधिकारी तिब्बतियों की राजनीतिक गतिविधियों और सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान की शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित करते हुए इस क्षेत्र पर कड़ी पकड़ बनाएरखते हैं।


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