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वाशिंगटन डीसी। कनाडा के ‘पार्लियामेंटरी फ्रेंड्स ऑफ तिब्बत (पीएफटी)’ ने 14 जून को तिब्बत मुद्दे के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नए सिक्योंग श्री पेन्पा त्सेरिंग को सम्मानित करने के लिए ‘सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग के साथ तिब्बत दिवस’ का आयोजन किया।
सिक्योंग और पीएफटी के बीच यह पहली औपचारिक बैठक थी। बैठक का संचालन सांसद आरिफ विरानी ने किया और इसमें चार अन्य सांसदों- गार्नेट जेनुइस, जेम्स मैलोनी, लैरी बैगनेल और डेविड स्वीट ने भाग लिया। तिब्बत-वाशिंगटन डीसी का कार्यालय के प्रतिनिधि न्गोडुप त्सेरिंग, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सूचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग के सचिव, कनाडा-तिब्बत समिति के अध्यक्ष और निदेशक, तिब्बतन एसोसिएशनों के अध्यक्ष और कनाडा में कई तिब्बती गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
कनाडा के पार्लियामेंटरी फ्रेंड्स ऑफ तिब्बत के अध्यक्ष सांसद आरिफ विरानी ने तिब्बती भाषा में सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग का आधिकारिक रूप से स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘हम बहुत प्रसन्न हैं और आपको तहे दिल से बधाई देना चाहते हैं और यह भी कि हम आपके साथ अच्छे कामकाजी संबंध रखने के लिए बहुत उत्सुक हैं।’
उन्होंने सीटीए के मध्यम मार्ग दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, एक प्रतिबद्धता जो उन्होंने परम पावन दलाई लामा से की थी और जिसे उन्होंने अनिवार्य रूप से ‘यह सुनिश्चित करने के विचार के रूप में वर्णित किया कि कनाडा का ध्यान और दुनिया का ध्यान तिब्बत की जमीन सहित तिब्बत पर रहेगा।’
इस लक्ष्य की दिशा में अपने कुछ महत्वपूर्ण प्रयासों का हवाला देते हुए उन्होंने रिसिप्रोकल एक्सेस ऐक्ट (पारस्परिक पहुंच अधिनियम) सहित कुछ पहलों का प्रस्ताव दिया, जो पारस्परिकता के राजनयिक सिद्धांत पर आधारित है, जो कि कनाडाई प्रतिनिधियों को तिब्बत और पीआरसी तक उसी तरह की पहुंच का अधिकार सुनिश्चित करेगा जैसा कि चीनी प्रतिनिधियों को कनाडा में प्रवेश करने पर प्राप्त होता है।
सांसद विरानी ने उन दो प्रस्तावों का उल्लेख किया जिनका पीएफटी कनाडा वर्तमान में समर्थन करता है। पहला मध्यम मार्ग दृष्टिकोण का समर्थन और दूसरा चीन-तिब्बत वार्ता। ये दोनों प्रस्ताव क्रमशः सीनेट और हाउस ऑफ कॉमन्स में लंबित हैं। सभी सांसदों ने सिक्योंग श्री पेन्पा त्सेरिंग का स्वागत किया और चीन-तिब्बत संघर्ष के शीघ्र समाधान के लिए सहयोगात्मक प्रयास में उनके साथ काम करने का आश्वासन दिया।
सिक्योंग पेन्पा त्सेरिंग ने सभी सांसदों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और तिब्बत के लिए वैश्विक समर्थन के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, मेरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं में से एक है- वैश्विक समर्थन प्रयासों का अनुकूलन करना। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास लगभग 25 विभिन्न देशों में रह रहे तिब्बतियों की क्षमता है, जो हमारी भाषा बोलते हैं, हमारी प्रणाली को समझते हैं और देश में उन नेताओं के साथ काम करते हैं।’
इस संबंध में, सिक्योंग ने कहा कि उन्हें कनाडा से बहुत उम्मीद है कि वह एक उदाहरण स्थापित करेगा और तिब्बत मुद्दे का प्रचार करने को बढ़ावा देगा। हालांकि, उन्होंने देखा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जहां ‘कुछ मुद्दों को ठोस बनाने’ के लिए अधिक महत्वपूर्ण प्रयास की आवश्यकता हो सकती है, जिसे तिब्बती प्रशासन आने वाले समय में उठाने का इच्छुक होगा। इंटर्नशिप कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए सिक्योंग ने कहा कि यह ऐसी चीज है जिसकी उन्होंने लगातार सराहना की है और टिप्पणी की कि कार्यक्रम से लाभान्वित होने वाले तिब्बती युवा अब समुदाय के योगदानकर्ता सदस्य बन गए हैं।
ओओटी-डीसी के प्रतिनिधि न्गोदुप त्सेरिंग ने इस वर्ष के तिब्बत दिवस में भाग लेने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए सांसद आरिफ विरानी और कनाडा के पार्लियामेंटरी फ्रेंड्स ऑफ तिब्बत के सदस्यों को धन्यवाद दिया। उन्होंने 2018 और 2019 में दो तिब्बत दिवस कार्यक्रमों में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने का उल्लेख किया और इसे ‘सबसे अधिक उपयोगी और प्रभावी युवा नेतृत्व कार्यक्रम में से एक’ के रूप में वर्णित किया। हर साल पीएफटी हिल (मई और जून) पर सात सप्ताह के पीएफटी-कनाडा इंटर्नशिप कार्यक्रम की मेजबानी करता है और इंटर्नशिप कार्यक्रम के अंत में वे हिल पर वार्षिक पीएफटी ‘ल्हाकर’ कार्यक्रम की मेजबानी करते हैं। जिसमें हमारे पीएफटी सदस्य, प्रशिक्षु, विशेष अतिथि, तिब्बती समुदाय के सदस्य, मित्र और समर्थक शामिल होते हैं। दुर्भाग्य से कोविड-19 के कारण पीएफटी पिछले दो वर्षों से इंटर्नशिप कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सका है।
चोगकी ने ‘हिल्स पर तिब्बत दिवस’ बुधवार को ही क्यों मनाया जाता है, इस बारे में विवरण दिया। उन्होंने समझाया कि असल में कनाडा के मानद नागरिक परम पावन दलाई लामा का जन्म बुधवार को हुआ था, इसलिए तिब्बतियों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। कई वर्षों से, यह तिब्बती पहचान और संस्कृति के सभी पहलुओं को अपनाने के लिए एक विश्वव्यापी गैर-प्रतिरोध आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है।
– तिब्बत कार्यालय, वाशिंगटन डीसी द्वारा प्रस्तुत