tibet.net अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों में फिर से पेश किए गए तिब्बत विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत तिब्बती लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार की रक्षा के लिए एक नीति बनाएगा। आत्मनिर्णय के इस अधिकार का प्रयोग करने की तिब्बतियों के अधिकार को वर्तमान पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की नीतियों द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। और यह कि तिब्बत और पीआरसी के बीच संघर्ष अनसुलझा है, और यह कि तिब्बत की कानूनी स्थिति अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार निर्धारित की जानी बाकी है। विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि आगे का एकमात्र रास्ता परम पावन के मध्यम मार्ग के दृष्टिकोण को अपनाना है, जो कि चीन के जनवादी गणराज्य के संविधान के ढांचे के भीतर तिब्बती लोगों के लिए वास्तविक स्वायत्तता स्थापित करने के लिए सद्भावना और बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत पर आधारित है।
कांग्रेस सदस्य जिम मैकगवर्न, कांग्रेस सदस्य माइकल मैककॉल, सीनेटर जेफ मर्कले और सीनेटर टॉड यांग के प्रयासों की सराहना करते हुए सीटीए के सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग की कालोन नोर्जिन डोल्मा ने कहा, ‘वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों में द्विदलीय विधेयक को पुन: पेश किया गया है। इस बीच केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने उत्तरी अमेरिका में अपने कार्यक्रमों के अनुरूप वाशिंगटन डीसी में तिब्बत के कई प्रमुख समर्थकों और दोस्तों से मुलाकात की और बातचीत की।
०७ फरवरी की सुबह सिक्योंग ने विनियोग पर हाउस कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य सांसद डियाज़ बलार्ट से मुलाकात की, उसके बाद महिला सांसद यंग किम और सीनेटर ब्रायन शाट्ज़ के साथ बैठक की।
इसके बाद सिक्योंग ने विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल टी. मैककॉल से मुलाकात की, जो प्रतिनिधि सभा में ‘तिब्बत-चीन संघर्ष के समाधान को बढ़ावा देनेवाले कानून के प्रस्ताव’ को फिर से पेश करने वाले सांसदों में से एक हैं। इसी तरह, सिक्योंग ने सीनेटर टॉड यंग से मुलाकात की, जो द्विदलीय सीनेटरों के समूह में शामिल हैं। इस समूह ने अमेरिकी सीनेट में इस तिब्बत विधेयक को पेश किया था।
सिक्योंग ने विधेयक को पारित कराने में सीनेटरों और प्रतिनिधियों से लगातार समर्थन की याचना की। यह विधेयक यूरोपीय संघ जैसे अन्य देशों के सांसदों के लिए वहां की संसदों में इसी तरह के विधेयक को बढ़ावा देने के लिए उदाहरण बन सकता है और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित कर सकता है। इसके साथ ही वहां की संसदों की बैठकों के दौरान तिब्बत मुद्दे के प्रति निरंतर राजनीतिक और वित्तीय समर्थन की मांग उठाने की प्रेरणा मिल सकती है।
सिक्योंग के साथ बैठक में वर्चुअल रूप से इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत के अध्यक्ष रिचर्ड गेरे ने भाग लिया। प्रतिनिधि डॉ. नामग्याल छोडुप और आईसीटी के अंतरिम अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सिक्योंग के साथ बैठक में साक्षात शामिल थे।
सिक्योंग ने सोमवार को डिपार्टमेंट ऑफ डेमोक्रेसी, ह्यूमन राइट्स एंड लेबर अफेयर्स (डीआरएल) के निदेशक और कर्मचारियों और अध्यक्ष डेरेक मिशेल और नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट (एनडीआई) के कर्मचारियों से भी मुलाकात की और उन्हें सीटीए उपक्रम और इसकी भविष्य की योजनाएं के बारे में अवगत कराया।
अमेरिकी कांग्रेस में इस विधेयक का फिर से पेश किया जाना मध्यम मार्ग दृष्टिकोण के माध्यम से लंबे समय से अनसुलझे चीन-तिब्बत संघर्ष के समाधान के लिए अमेरिकी सांसदों की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है।
कालोन नोरज़िन डोल्मा ने कहा, ‘अमेरिका द्वारा एकजुटता का ऐसा मजबूत प्रदर्शन तिब्बती लोगों के अमेरिका के न्यायपूर्ण नेतृत्व में विश्वास और भरोसे को पुष्ट करता है। यह हर जगह शांति, लोकतंत्र, स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए प्रयास करने वालों की रक्षा करने के अमेरिकी मूल्यों और उसे आगे बढ़ाने की उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है।‘ इस विधेयक के प्रस्ताव ने तिब्बत के भीतर तिब्बतियों की उम्मीदों को निर्विवाद रूप से गहरा कर दिया है। जैसा कि हम कहते हैं कि वे लगातार गंभीर दमन के शिकार हैं।‘
तिब्बत के मुद्दे के प्रति संयुक्त राज्य अमेरिका के दृढ़ और सतत समर्थन को स्वीकार करते हुए कालोन ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से ‘तिब्बत-चीन संघर्ष के स्थायी समाधान को बढ़ावा देनेवाले’ तिब्बत विधेयक पर आगे बढ़ने और इसे नीति बनाने में अपना प्रयास करने के लिए समर्थन की अपील की।