
जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन ‘कॉप-२६’ में तिब्बत का प्रतिनिधि
tibet.net / ग्लास्गो। संयुक्त राष्ट्र के सबसे बड़े जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन ‘कॉप-२६’ में तिब्बत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तिब्बती पर्यावरणविदों की एक समर्थ टीम ग्लास्गो में है। वहां ‘कॉप-२६ टीम तिब्बत’ तिब्बती पठार के वैश्विक पारिस्थितिकीय महत्व को उजागर करने की कोशिश करेगी और संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित विश्व नेताओं से किसी भी वैश्विक जलवायु परिवर्तन चर्चा में तिब्बती पठार को केंद्रीय तत्व बनाने का आग्रह करेगी।
इस वर्ष, दुनिया के सबसे ऊंचे और सबसे अधिक संख्या में हिमनद वाले पठार की सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से जोर देने के लिए तिब्बत नीति संस्थान के पर्यावरण डेस्क के अलावा चार अन्य तिब्बती संगठन एक टीम के रूप में ग्लास्गो में एकत्रित हुए हैं। टीम ने कॉप-२६ में विशेष रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बात की।
टीम में तिब्बत नीति संस्थान में रिसर्च फेलो डेचेन पाल्मो, पर्यावरण शोधकर्ता और अंतरराष्ट्रीय तिब्बत नेटवर्क में एशिया के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. लोबसांग यांग्त्सो, इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत के एडवोकेसी और अनुसंधान अधिकारी पाल्मो तेनज़िन, फ्री तिब्बत अभियान में छात्रों के लिए अभियान निदेशक पेमा डोमा और तिब्बत वॉच के वरिष्ठ शोधकर्ता तेनज़िन चोएक्यी शामिल हैं।
जलवायु संकट के ‘टिकिंग बम’ के बारे में बहुत चर्चा है और तिब्बत जलवायु संकट टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं बना रखी हैं कि तिब्बत को इस चर्चा में शामिल किया जाए। ऐसे में सरकारें और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ग्रह के भविष्य की रक्षा के लिए इन योजनाओं को देखने के लिए विवश हो जाएंगे।
टीम तिब्बत वैश्विक जलवायु मुद्दे के रूप में तिब्बत के महत्व के बारे में बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका सहित विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ चर्चा शुरू करने के लिए तैयार है और यहां तक कि स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री निकोला स्टर्जन, पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति अल गोर, हॉलीवुड अभिनेता एवं पर्यावरण प्रचारक लियोनार्डो डिकैप्रियो और जलवायु संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी के साथ बातचीत में तिब्बत मुद्दे को उठाने को तैयार है। उन्होंने प्रमुख हस्तियों और अन्य प्रतिनिधियों को ‘तिब्बत पर कार्रवाई के लिए पांच सूत्रीय आह्वान (५ प्वाइंट कॉल टू एक्शन फॉर तिब्बत)’ शीर्षक से एक लिफलेट या पत्रक भी सौंपे।
‘तिब्बत के लिए ५-सूत्रीय आह्वान’ पहली बार २०१५ में कॉप-२१ के लिए तैयार किया गया था। इसमें तिब्बती पठार की सुरक्षा और समझ के लिए पांच स्पष्ट मांगें हैं। ‘तिब्बत के लिए ५-सूत्रीय आह्वान’ में प्राथमिक मांग तिब्बती पठार के वैश्विक पारिस्थितिकीय महत्व के लिए मान्यता प्राप्त करना है और इसे वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में प्राथमिक विषय के रूप में शामिल कराने की आवश्यकता है।
अन्य जलवायु सम्मेलनों से कॉप-२६ में एक उल्लेखनीय अंतर यह है कि यहां चीन मंडप अनुपस्थित है। इसके अलावा राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने, इस तथ्य के बावजूद कि यह सभी सरकारों को स्थायी प्रतिबद्धता जताने के लिए एक साथ लाने में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन है, घोषणा की है कि वह कॉप-२६ में भाग नहीं लेंगे।
अगले कुछ दिनों में टीम विशेष रूप से तिब्बत के निचले इलाके के देशों, क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम (जलवायु मुद्दे पर संवेदनशील मंच) और द मार्शल आइलैंड्स जैसे छोटे द्वीप देशों के गठबंधन जैसे सहयोगी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ अपनी पैरवी के काम को आगे बढ़ाएगी।
टीम का उद्देश्य ग्लेशियोलॉजिस्ट (ग्लेशियर विशेषज्ञ) और पर्माफ्रॉस्ट विशेषज्ञों, जाने-माने कार्यकर्ताओं, उन गैर सरकारी संगठनों और सिविल सोसायटी समूहों के साथ गठजोड़ करना है जो पानी के मुद्दों और गुलाम बना लिए गए देशों को लेकर काम कर रहे हैं। यह पैनल चर्चाओं का भी आयोजन करेगा और आने वाले दिनों में इंग्लैंड के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों में भाषण देगा।