
धर्मशाला। दोरजी ताशी की बहन गोनपो क्यी ने अपने नवीनतम वीडियो में बीजिंग के पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट द्वारा दोरजी ताशी को गैरजरूरी सजा देने और अपील के नाम पर उसे अनावश्यक रूप से घसीटने के लिए की गई गैरकानूनी और भ्रामक कार्रवाइयों का पर्दाफाश किया गया है। दोरजी ताशी को झूठे आरोपों में गलत तरीके से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि चीनी कानून और संविधान के अनुसार, इस मामले में वह अपराधी नहीं थे।
वीडियो में गोनपो क्यी ने एक पत्र दिखाया है, जो उन्होंने बीजिंग पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट से सात-आठ साल पहले प्राप्त किया था। इस पत्र में कहा गया था कि दोरजी ताशी के मामले की तीन महीने के भीतर फिर से सुनवाई की जाएगी। आठ साल बाद उनके मामले की अभी तक समीक्षा तक नहीं की गई है। परिणामस्वरूप, उसने कई मौकों पर ल्हासा में ‘तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र उच्चतर पीपुल्स कोर्ट’ में अपील की है। इसके परिणामस्वरूप चीनी अदालत से कोई फैसला आए बिना अब तक उनके साथ बार-बार मारपीट की गई है और उन्हें हिरासत में लिया गया है।
वीडियो में वह कहती हैं-
‘बीजिंग के पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट ने घोषणा की है कि दोरजी ताशी के मामले की फिर से सुनवाई की जाएगी और तीन महीने के भीतर निपटारा किया जाएगा। ल्हासा कोर्ट में पिछले सात या आठ वर्षों से दोरजी ताशी मामले को लेकर निष्पक्ष सुनवाई को टाला और रोका जा रहा है। अगर पीपुल्स कोर्ट ने दोरजी ताशी के मामले को निष्पक्ष तरीके से निपटाया होता तो मुझे ल्हासा कोर्ट और ल्हासा पुलिस से हर दिन घसीटने और पीटने के खिलाफ मुझे अपील करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।’
बीजिंग में पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट के पत्र को गोनपो क्यी ने अपने हाथ में ले रखा था। उसमें लिखा था:-
‘ आपका पत्र प्राप्त हो गया है। जांच के बाद कानून और संबंधित नियमों के अनुसार, हमने इस सामग्री को जांच और सुनवाई के लिए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट को भेज दिया है। कार्यवाही की पूरी प्रक्रिया या परिणामों का जवाब प्रोक्यूरेटोरेट द्वारा तीन महीने के भीतर दिया जाएगा।’
२८ मई २०२४ को रिकॉर्ड किए गए एक अन्य वीडियो में वह अपनी बाहों पर चोट के निशान भी दिखाती हुई दिखाई देती हैं।
दोरजी ताशी को आजीवन कारावास
दोरजी ताशी १५ साल से ज़्यादा समय से चीन की जेल में बंद हैं। पिछले कई सालों से दोरजी ताशी के परिवार के सदस्य उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जता रहे हैं, क्योंकि उन्हें कई तरह की यातनाएं दी गई हैं और उनके साथ मारपीट की गई है। निष्पक्ष सुनवाई और मामले की समीक्षा के लिए कई बार अनुरोध किए जाने के बावजूद वे अभी भी सलाखों के पीछे हैं। उनके परिवार को जेल में उनसे मिलने नहीं दिया जाता है और उच्च अधिकारियों से अपील भी बेकार साबित हुई है। दोरजी ताशी को शुरू में १० जुलाई २००८ को तिब्बती निर्वासितों को दान देने और तिब्बत में तिब्बती प्रदर्शनकारियों को धन मुहैया कराने के संदेह में गिरफ़्तार किया गया था। उन्हें १७ मई २०१० को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी।