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चीन की वैश्विक आवधिक समीक्षा में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने तिब्बत में मुक्त आवागमन का आह्वान किया

November 7, 2018

तिब्बत.नेट, 6 नवंबर, 2018

जेनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के वैश्विक आवधिक समीक्षा कार्यसमूह ने 31 वें सत्र (5-16 नवंबर 2018) में चीन के मानव अधिकारों के प्रति रुख की समीक्षा की। यह चीन की तीसरी समीक्षा है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने इस समीक्षा में भाग लिया।

संयुक्त राष्ट्र  मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष माननीय श्री वोजस्लाव सुक ने साढ़े तीन घंटे तक चलने वाले सत्र की अध्यक्षता की। पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के उप विदेश मंत्री माननीय श्री ले युचेंग ने उद्घाटन भाषण दिया। सूचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) और जिनेवा स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने समीक्षा सत्र का अवलोकन किया।

कुल 12 सदस्य देशों- ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, जापान, न्यूजीलैंड, स्वीडेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका ने तिब्बत में विशेष रूप से धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सभा करने की स्वतंत्रता, कारावास में मानव अधिकारों के उल्लंघन, भाषा अधिकार कार्यकर्ता ताशी वांगचुक की सजा, तिब्बती बौद्ध लामाओं पर दमन चक्र पर गहरी चिंता व्यक्त कीं और राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों की तिब्बत में मुक्त आवागमन की अनुमति देने की मांग की।

नौ सदस्य देशों ने तिब्बत पर कुल 12 सिफारिशें कीं। न्यूजीलैंड ने तिब्बत को लेकर दो-तरफा बातचीत को फिर से शुरू करने का आह्वान किया।

मौखिक हस्तक्षेप के अलावा  इस साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र के सात सदस्य देशों- संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, बेल्जियम, स्वीडेन, ऑस्ट्रिया, जर्मनी और स्विट्जरलैंड ने यूपीआर के नेतृत्व में तिब्बत पर अग्रिम लिखित प्रस्तुतियां दीं। लिखित बयानों ने भाषा कार्यकर्ता ताशी वांगचुक के मामले पर सवाल उठाया और चीन को तिब्बत और झिंझियांग में नस्लीय भेदभाव उन्मूलन समिति (सीईआरडी) की हालिया सिफारिशों को लागू करने और तिब्बत और अन्य क्षेत्रों में ‘नस्लीय अल्पसंख्यकों’ के इलाकों तक पहुंच को सुविधाजनक बनाने की मांग की।

डीआईआईआर के सचिव सोनम नोरबू दाग्पो ने कहा, ‘हाल के दशकों में हमने वैश्विक स्तर पर चीन की तेजी को देखा है। जबकि ठीक उसी दौरान चीनी शासन के तहत सभी क्षेत्रों में मानवाधिकारों में लगातार गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। उधर इन मामलों को लेकर चीन के समझ उपस्थित चुनौतियां भी  कम हुई  हैं। इसलिए यूपीआर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के लिए एक मजबूत तंत्र है जो चीन को अपने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों के दायित्वों के प्रति जवाबदेह बनाने और चीनी क्षेत्रों में मानवाधिकारों की रक्षा करने में मदद कर सकता है।’

डीआईआईआर के सचिव धारदोंग शर्लिंग ने कहा, ‘यूपीआर  की समीक्षा के बाद  हम अपने अभियान को जारी रखेंगे और इन सिफारिशों पर अमल करने के लिए चीन पर दबाव बनाते रहेंगे। हम  चीन  को  इस बात के लिए मजबूर करेंगे कि वह संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों को तथ्यपरक जांच और खोजी अभियानों के लिए तिब्बत जाने की अनुमति दे।’ साथ ही मानवाधिकार परिषद में चीन को अपनी पतिबद्धताओं के लिए मजबूती से दबाव डालेंगे और मानवाधिकार संधियों के अनुपालन सुनिश्चित करने पर जोर डालेंगे।

जेनेवा में तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि न्गो दुप दोरजी ने सफल समीक्षा पर संतोष व्यक्त किया और कहा, ‘चीन की आज की समीक्षा ने न केवल चीन में अधिकारों के उल्लंघन को सुर्खियों में लाने में सफलता हासिल की, बल्कि चीन के मानवाधिकारों के रिकॉर्ड के लिए और अधिकारों के उल्लंघन का निवारण करने में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका को दोहराया है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सदस्य के रूप में चीन की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।’

यहां तिब्बत पर सिफारिशों की सूची इस प्रकार है :

आस्ट्रेलिया

उइगर और तिब्बतियों के आंदोलन पर प्रतिबंध हटाया जाए और मीडिया, संयुक्त राष्ट्र और विदेशी अधिकारियों को झिंझियांग और तिब्बत में मुक्त आवागमन की अनुमति मिले।

कनाडा

मुसलमानों, ईसाइयों, तिब्बती बौद्धों और फालुन गोंग समुदायों पर धर्म और विश्वास के आधार पर चलाया जा रहा अभियोजन और उत्पीड़न समाप्त करें।

डेनमार्क

डेनमार्क ने सरकार को सभी प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र विशेष प्रक्रियाओं के लिए झिंझियांग और तिब्बत तक पूर्ण आवागमन की सुविधा प्रदान करने की सिफारिश की है।

फ्रांस

तिब्बत और झिंझियांग सहित धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता की गारंटी की सिफारिश की।

जर्मनी

धर्म और विश्वास, मत और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों का सम्मान करें, तिब्बतियों, उइगर और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के शांतिपूर्ण सभा और संस्कृति के अधिकारों का भी सम्मान करें।

न्यूजीलैंड

मानवाधिकार समिति (एचआर कमेटी) की सामान्य टिप्पणी 22 के अनुसार विचार, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान, रक्षा और पूर्ति करना। न्यूजीलैंड ने सिफारिश की कि चीन तिब्बत पर दोतरफा बातचीत फिर से शुरू करे।

स्वीडन

विशेष रूप से झिंझियांग और तिब्बत में धर्म और संस्कृति का पालन करने के लिए, शांतिपूर्ण सभा के अधिकारों सहित जातीय अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।

स्विट्जरलैंड

चीन को एक सुरक्षित, स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण का महत्व समेत तिब्बती लोगों और अन्य अल्पसंख्यकों के सभी प्रकार के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए जो इन अधिकारों के उपभोग के लिए महत्वपूर्ण है।

अमेरिका

ताशी वांगचुक, इल्हाम तोहती, हुआंग क्यूई और वांग क्वांगझंग सहित ऐसे (अधिकार रक्षक) काम के लिए कैद किए गए लोगों को रिहा करें।

तिब्बती बौद्ध लामाओं का पुनर्जन्म समेत धार्मिक नेताओं के चयन और शिक्षा में हस्तक्षेप को रोकें।


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