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तिब्बती पुनर्वास परियोजना के प्रणेता कांग्रेसमैन बार्नी फ्रैंक लोसार उत्‍सव में सम्मानित

February 13, 2024

tibet.net

मैसाचुसेट्स। तिब्बती नववर्ष या २१५१ वुड ड्रैगन वर्ष पर आयोजित लोसर उत्सव समारोह में अमेरिकी संसद- कांग्रेस- के सदस्य बार्नी फ्रैंक को अमेरिका में तिब्बती शरणार्थियों के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए मैसाचुसेट्स के क्षेत्रीय तिब्बती संघ द्वारा सम्मानित किया गया। यह आयोजन उस ऐतिहासिक प्रवास की ३२वीं वर्षगांठ को भी याद करने के लिए किया गया है, जो १९९२ में कांग्रेसमैन फ्रैंक द्वारा प्रायोजित कानून के पारित होने के बाद शुरू हुआ था। इस कानून के कारण भारत और नेपाल के १००० तिब्बती शरणार्थियों को अमेरिका में नया घर खोजने की कानूनी वैधता प्राप्त हो सकी।
१९९० के आप्रवासन अधिनियम के अंतर्गत सन्निहित, तिब्बती अमेरिकी पुनर्वास परियोजना (टीयूएसआरपी)  अमेरिका में आप्रवासन नीतियों में सुधार लाने के उद्देश्य से एक व्यापक विधायी ढांचे के भीतर ऐतिहासिक पहल के रूप में सामने आई। मैसाचुसेट्स से प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य फ्रैंक ने इस प्रमुख प्रावधान को पेश करने और प्रायोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने और शरणार्थी पुनर्वास के प्रति उनके अटूट समर्पण का इजहार होता है।

इस उत्सव में तिब्बती पुनर्वास परियोजना में शामिल तिब्बतियों, शेरपाओं, स्वयंसेवकों और मेजबान परिवारों के एक जीवंत समुदाय ने भाग लिया। सभा को संबोधित करते हुए बार्नी फ्रैंक ने परियोजना की सफलता और अमेरिका में आप्रवासन के व्यापक निहितार्थों पर विचार किया। उन्होंने पुनर्वास के पारस्परिक लाभों पर भी प्रकाश डाला। इनमें उन तिब्बती शरणार्थियों के लिए लाभ हैं जो चीनी उत्पीड़न से बच गए और अमेरिका के लिए लाभ है, जिसने तिब्बती लोगों की उपस्थिति के साथ अपनी सांस्कृतिक टेपेस्ट्री को समृद्ध किया। सांसद फ्रैंक ने अपने भाषण में अमेरिकी समाज के आधार के रूप में विविधता और आप्रवासन के महत्व को भी रेखांकित किया, जो पूर्वी यूरोप से उनके अपने परिवार के प्रवासन के इतिहास से समानताएं दर्शाता है। उन्होंने उनके प्रयासों को मान्यता देने के लिए आभार व्यक्त किया और अच्छे कार्यों के स्थायी प्रभाव को रेखांकित करते हुए ऐसे मानवीय प्रयासों के स्थायी लाभों के बारे में बात की।

उत्तर और दक्षिण अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्य थोंडुप छेरिंग ने कानूनी तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बार्नी फ्रैंक, एडवर्ड बेडनार के अनुकरणीय नेतृत्व और उन स्वयंसेवकों और मेजबान परिवारों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की, जिनकी अटूट करुणा और सहायता उन्हें मिली। उन्‍होंने कहा कि तिब्बती- अमेरिकी पुनर्वास परियोजना (टीयूएसआरपी) सफल होगी। उन्होंने टीयूएसआरपी की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में सराहना की। साथ ही इसके मिशन पर जोर दिया कि पुनर्वासित तिब्बतियों को अमेरिका के भीतर ‘तिब्बत के राजदूत’ के तौर पर सेवा करने का मौका दिया जाए, जिससे तिब्बती संस्कृति, भाषा और पहचान का संरक्षण और प्रचार सुनिश्चित हो सके।

थोंडुप ने कब्जे वाले तिब्बत में चल रही चुनौतियों को भी रेखांकित किया। फ्रीडम हाउस रिपोर्ट के खतरनाक निष्कर्षों को रेखांकित किया, जिसने लगातार दूसरे वर्ष तिब्बत को विश्व स्तर पर सबसे कम आजादी वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना है। उन्होंने चीनी औपनिवेशिक बोर्डिंग स्कूलों में जबरन तिब्बती बच्चों को भर्ती करने वाले गंभीर सांस्कृतिक और भाषाई संहार पर प्रकाश डाला और तिब्बत को ‘जिजांग’ नाम देकर तिब्बती पहचान को कम करने के चीनी सरकार के सुनियोजित प्रयासों की निंदा की।

मैसाचुसेट्स के क्षेत्रीय तिब्बती संघ के अध्यक्ष सुल्ट्रिम कुनसांग ने सांसद बार्नी फ्रैंक और उन सभी लोगों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया, जिन्होंने तिब्बती समुदाय के लंबे समय के सपने को साकार करते हुए अमेरिका में १००० तिब्बतियों के पुनर्वास में योगदान दिया। उन्होंने अमेरिका में तिब्बती प्रवासियों के बसने का श्रेय परम पावन दलाई लामा के दूरदर्शी मार्गदर्शन, अपनी मातृभूमि और निर्वासन दोनों में तिब्बतियों की दृढ़ प्रतिबद्धता और अमेरिकी सरकार, नेताओं और दयालु व्यक्तियों के लगातार समर्थन को दिया।

सुल्ट्रिम ने परम पावन १४वें दलाई लामा के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए सामूहिक तिब्बती आकांक्षा को दोहराया, उनके सपनों की प्राप्ति और अहिंसक तिब्बती आंदोलन की सफलता की आशा व्यक्त की। उनकी टिप्पणियां तिब्बती लोगों के स्थायी लचीलेपन और न्याय, शांति और स्वतंत्रता के लिए उनकी निरंतर खोज की मार्मिक याद दिलाती हैं।

इस परियोजना के माध्यम से एमहर्स्ट क्षेत्र में पुनर्स्थापित होने वाले पहले तिब्बतियों में से एक यूटेन ग्याछो ने शरणार्थी होने से लेकर तिब्बती-अमेरिकी प्रवासी का गौरव पाने तक की अपने व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में बात की। उनकी कहानी तिब्बती समुदाय की आशाओं और सपनों का उदाहरण है, जिनकी संख्या अमेरिका में ३०,००० से अधिक हो गई है। यूटेन ने कहानी में अमेरिकी समाज और वैश्विक समुदाय के निर्माण में योगदान करते हुए अपनी सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने के लिए समुदाय की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

कांग्रेसमैन बार्नी फ्रैंक को कृतज्ञता के गहन भाव से एमहर्स्ट क्षेत्र में तिब्बती पुनर्वास परियोजना के समर्पित स्वयंसेवकों और मेजबान परिवारों के साथ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और निर्वासित तिब्बती संसद की ओर से मान्यता प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। समुदाय के सदस्यों ने खड़े होकर जब उनका स्वागत किया तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। यह अमेरिका में तिब्बती प्रवासी की सफलता की कहानी बुनने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मार्मिक सलामी थी। इस घटना ने अमेरिका में तिब्बती पुनर्वास के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया। यह परम पावन दलाई लामा के दूरदर्शी नेतृत्व, अमेरिकी कांग्रेस के दृढ़ समर्थन और कांग्रेसी बार्नी फ्रैंक और अमेरिका के कई व्यक्तियों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। साथ में उन्होंने तिब्बती लोगों की लचीली भावना को मूर्त रूप दिया और इस महत्वाकांक्षी सपने को एक जीवंत वास्तविकता में बदलने के प्रति एकजुटता प्रकट की।


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