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नई दिल्ली। उपसभापति डोल्मा सेरिंग तेखांग के नेतृत्व में तिब्ब्ती सांसदों- तेनपा यारफेल, खेंपो काडा नगेडुप सोनम, और फुरपा दोरजी ग्यालधोंग के तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ४३ भारतीय सांसदों और मंत्रियों से मिलकर और ताइवान, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के दूतावासों का दौरा कर अपने तिब्बत वकालत अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया। ०४ से ०८ अप्रैल तक निर्धारित वकालत अभियान को उनकी दिल्ली यात्रा का अधिकतम लाभ उठाने के लिए दो अतिरिक्त दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था।
तिब्बती प्रतिनिधिमंडल अपने अभियान के पहले तीन दिनों में मंत्रियों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के ३७ भारतीय सांसदों तक पहुंचा और तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन, पर्यावरण क्षरण, संस्कृति के आत्मसात, आबादी का स्थानांतरण, नस्लीय भेदभाव, आर्थिक और शैक्षिक नजरअंदाज और वहां हो रहे सांस्कृतिक दमन समेत उन्हें तिब्बत की गंभीर स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने भारतीय सांसदों से तिब्बत में होने वाली गैरकानूनी चीजों पर चिंता व्यक्त करने में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया और विश्व के नेताओं से वैश्विक जलवायु के लिए तिब्बती पठार में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) से पारिस्थितिकीय असंतुलन के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू कराने का आग्रह किया।





