
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश के वन मंत्री श्री राकेश पठानिया के निमंत्रण पर तिब्बती सांसदों ने अपने स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल के नेतृत्व में धर्मशाला के पास तपोवन में १० से १५ दिसंबर तक आयोजित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही को कल १४ दिसंबर को देखा।
निर्वासित तिब्बती संसद के स्पीकर ने हिमाचल प्रदेश विधानसभ के अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार, विपक्ष के नेता श्री मुकेश अग्निहोत्री, वन मंत्री श्री राकेश पठानिया, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्रीमती सरवीन चौधरी और एमपीपी एवं बिजली मंत्री श्री सुखराम से मुलाकात की।
विधान सभा में पहली बार आए तिब्बती संसद के स्पीकर खेंपो सोनम तेनफेल और संसद सदस्यों- खेंपो काडा नेगडुप सोनम, गेशे न्गाबा गंगरी, फुरपा दोरजी ग्यालधोंग, दावा त्सेरिंग, दावा फुंकी, धोंडुप ताशी, लोबसंग ग्यात्सो सिथर, पेमा त्सो और लोबसंग थुप्टेन का हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार ने सदन में अलग- अलग परिचय देते हुए सम्मानित किया और गर्मजोशी से स्वागत किया।

पिछले छह दशकों से परम पावन दलाई लामा और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का मुख्यालय होने के कारण तिब्बती स्पीकर ने भारत, इसके लोगों और विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में हजारों वर्षों के भारत-तिब्बत के सौहार्दपूर्ण संबंधों पर प्रकाश डाला।
अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफेल ने श्री विपिन सिंह परमार, श्री मुकेश अग्निहोत्री और श्री राकेश पठानिया को स्मृति चिन्ह और श्रीमती सरवीन चौधरी और श्री सुख राम को औपचारिक खटक भेंट किए। बदले में स्पीकर के नेतृत्व वाले तिब्बती सांसदों को हिमाचली टोपी और शॉल से सम्मानित किया गया। इसके बाद तिब्बती सांसदों को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में दोपहर के भोजन पर आमंत्रित किया गया।
तिब्बती संसद के अध्यक्ष खेंपो सोनम तेनफेल ने भी हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष श्री विपिन सिंह परमार को निकट भविष्य में निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा करने का निमंत्रण दिया।