27 अप्रैल, 2016
धर्मशाला, चंडीगढ़। डॉ. लोबसंग सांगये को दूसरी बार तिब्बत निर्वासित सरकार का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया है।
-हार्वर्ड लॉ स्कूल के वरिष्ठ फेलो सांगये को तिब्बत निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए 20 मार्च को हुए प्रत्यक्ष चुनाव में सबसे अधिक वोट मिले हैं।
-डॉ. लोबसंग सांगये का कार्यकाल आगामी पांच वर्षों तक रहेगा। वह वर्तमान में तिब्बत निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री हैं।
-तिब्बती चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सोनम छोपेल ने इसकी आधिकारिक घोषणा बुधवार को की। नए प्रधानमंत्री समेत 45 नए सांसद सदस्य विश्वभर में निर्वाचित हुए हैं।
9012 वोटों से जीते…
सांग्ये हाल ही में हुए चुनाव में 9012 मतों के अंतर से जीत दर्ज करवाने में सफल रहे। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन द्वारा अधिकत तौर पर की गई घोषणा में सांग्ये को 33876 मत पड़े जबकि उनके प्रतिद्वंदी पेंपा सिरिंग को 24864 मत हासिल हुए।
-निर्वासित तिब्बती संसद के लिए हुए चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए कुल 90377 पंजीकत मतों में से 59353 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
-केंदीय तिब्बती प्रशासन के चुनाव आयोग द्वारा 20 मार्च को संपन्न करवाए गए चुनावों में डॉ. लोबसंग सांगये को 57.8 फीसदी मत मिले तथा उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तिब्बत निर्वासित संसद के स्पीकर पेंपा छेरिंग को 9012 वोटों से पराजित किया है।
-भारत, नेपाल, भूटान, आस्ट्रेलिया, यूरोप व अमेरिका में हुए मतदान की गिनती पूर्ण होने के साथ ही तिब्बत निर्वासित सरकार के नए प्रधानमंत्री पद की चयन प्रक्रिया संपन्न हो गई है।
-तिब्बती चुनाव आयोग द्वारा अधिकारिक रूप से प्रकाशित परिणामों की गिनती में डॉ. लोबसंग सांगये ही तिब्बत निर्वासित सरकार के पुन: प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए हैं।
– डॉ. लोबसंग सांगये का जन्म भारत में निर्वासन के दौरान वर्ष 1968 में हुआ था। सांगेय का परिवार वर्तमान में दार्जलिंग के पास एक गांव में रहता है।
-प्रथम बार डॉ. लोबसंग सांगये को वर्ष 2011 में हुए चुनाव में तिब्बत निर्वासित सरकार का प्रधानमंत्री चुना गया था। वर्ष 2011 के चुनाव में डॉ. सांगये को 27051 मत मिले थे जो कुल मतदान का 55 प्रतिशत था।
-गौरतलब है कि वर्ष 1959 में चीन की साम्यावादी सरकार में तिब्बत पर आक्रमण कर ल्हासा पर कब्जा कर लिया था तो उस समय तिब्बतियों के सर्वोच्च राजनायक व धर्मगुरू दलाईलामा अपने समर्थकों सहित भारत में शरण ली थी।
Link of news article: http://www.bhaskar.com/news/c-3-1194690-ch0491-NOR.html