-By Human Rights Watch,
क्या आपने कभी किसी दूसरे देश में किसी को फ़ोन या ईमेल किया है? किसी मित्र, रिश्तेदार या शायद किसी सहकर्मी को?
यह पूरी तरह से एक मूर्खतापूर्ण प्रश्न लगता है। आज की अत्यधिक जुड़ी दुनिया में, जहां संचार अविश्वसनीय रूप से सस्ता और आसानी से उपलब्ध है, ये ऐसी चीज़ें हैं जो लोग बिना सोचे-समझे दिन में अनगिनत बार करते हैं।
हालांकि, अगर आप तिब्बती हैं तो आपको इसके बारे में बहुत सावधानी से सोचना होगा। वर्षों से चीन सरकार ने तिब्बती क्षेत्रों में लोगों को राजनीतिक रूप से प्रेरित फ़ोन और इंटरनेट से संबंधित अपराधों के लिए गिरफ़्तार किया है।
चीन के बाहर के लोगों, यहां तक कि रिश्तेदारों से भी संपर्क करना, सिर्फ़ एक ऐसी गतिविधि है जो आपको अधिकारियों द्वारा उत्पन्न परेशानी में डाल सकती है। दूसरा है आपके फ़ोन पर ऐसी तस्वीरें या टेक्स्ट होना जो सरकार को पसंद नहीं है। इसे तथाकथित तौर पर प्रतिबंधित सामग्री माना जाता है। तीसरा है ऐसी सामग्री सार्वजनिक करना जो अधिकारियों को नापसंद हो। चाहे यह सिर्फ़ एक मज़ेदार वीडियो ही क्यों न हो।
ऐसी चीज़ें- जो दुनिया के ज़्यादातर हिस्सों में मामूली बातें हैं- चीनी शासन के तहत तिब्बत में गिरफ़्तारी, हिरासत और यातना का कारण बन सकती हैं।
तिब्बतियों को हर बार अपने फोन को छूने से पहले इन खतरों को ध्यान में रखना पड़ता है। क्योंकि वहां मोबाइल फोन अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा निगरानी में रखा जानेवाला डिवाइस है।
दुनिया भर में लोग मोबाइल फोन के बारे में यही कहते हैं और आम तौर पर इसमें कुछ सच्चाई भी है। लेकिन तिब्बत में आपके सेल फोन के ज़रिए निगरानी उन्नत स्तर की है।
अधिकारी सामूहिक तौर पर फ़ोन की तलाशी लेते हैं और सभी को अनिवार्य रूप से सरकार द्वारा निगरानी किया जानेवाला फ़ोन ऐप इंस्टॉल करने होते हैं।
तिब्बत में दूरसंचार-संबंधित कथित ‘अपराधों’ के लिए गिरफ़्तारियों और मुकदमों का पूरा पैमाना अज्ञात है। चीनी अधिकारी राजनीतिक अपराधों के लिए आधिकारिक डेटा का खुलासा नहीं करते हैं। एक नई एचआरडब्ल्यू रिपोर्ट में ६० से ज़्यादा मामले पाए गए, लेकिन यह निश्चित रूप से सिर्फ़ हिमशैल का एक सिरा है।
कुछ मामलों से, ख़ास तौर पर ‘प्रतिबंधित सामग्री’ की व्यापक परिभाषा के इर्द-गिर्द आपको यह अंदाज़ा हो जाता है कि स्थिति कितनी क्रूर है।
कई ऐसे मामले भी आए, जिनमें ‘प्रतिबंधित सामग्री’ के लिए गिरफ़्तार किए गए लोगों के पास निर्वासित आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा जैसे तिब्बती धार्मिक हस्तियों के संदर्भों के अलावा कुछ भी नहीं था या उन्होंने कुछ साझा नहीं किया था।
एक मामले में एक व्यक्ति को ८० वर्षीय बौद्ध भिक्षुओं के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए एक वीचैट समूह बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि ‘अनुमति के बिना’ इस तरह का चैट समूह बनाना अवैध है।
चीनी अधिकारी तिब्बतियों के अधिकारों का मज़ाक उड़ा रहे हैं। वे तिब्बतियों को न तो स्वतंत्र रूप से अपनी बात कहने देते हैं और न ही उन तक जानकारी पहुंचने देते हैं। वे तिब्बतियों से उनके प्रियजनों के संपर्क में रहने के मूल अधिकार को भी छीन रहे हैं।
दुनिया के अधिकांश हिस्सों में वैश्विक संचार तेजी से फैल रहा है। दूसरों के संपर्क में रहना पहले कभी इतना आसान नहीं रहा।
चीन में चीजें विपरीत दिशा में जा रही हैं, क्योंकि सरकार तेजी से पूरी आबादी को बंद करने और नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है।