बौद्ध भिक्षु को कथित तौर पर क्षेत्र के बाहर के लोगों से संपर्क करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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तिब्बत की स्थिति के बारे में जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने सुदूर-पश्चिमी क्षेत्र के गांसु प्रांत स्थित ताशी मठ से एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु को बाहर के लोगों से कथित तौर पर संपर्क करने के आरोप में गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया है। सूत्रों ने बताया कि कुंचोक दक्पा को अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में थेवो काउंटी के मठ से ले जाया गया था।
तिब्बत में रहने वाले एक तिब्बती ने कहा, ‘कुंचोक दक्पा ने अतीत में भारत की यात्रा की थी और धर्मशाला स्थित कीर्ति मठ में अध्ययन किया था।‘ उन्होंने कहा कि उनके हिरासत के स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
भारत के धर्मशाला में कीर्ति मठ तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा और निर्वासित तिब्बती सरकार का केंद्रीय स्थान है।
उन्होंने कहा, ‘हालांकि चीनी अधिकारी अतीत में अक्सर भिक्षु कुंचोक दक्पा को बुलाते थे और पूछताछ करते थे, लेकिन इस बार उन्हें गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया गया है।‘
दक्पा की गिरफ्तारी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और आसपास के चीनी प्रांतों के तिब्बती क्षेत्रों में चीनी अधिकारियों द्वारा धर्म, अभिव्यक्ति, आंदोलन और सभा करने की आजादी पर जारी प्रतिबंधों के बीच हुई है।
आरएफए ने पहले विदेशों में तिब्बती समुदायों को जानकारी प्रदान करने वाले स्वायत्त क्षेत्र के अंदर के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी थी कि चीन बाहरी दुनिया में सूचना प्रवाह को बंद करने के लिए निर्वासित लोगों के साथ बातचीत कर रहे तिब्बत के तिब्बतियों पर नज़र रख रहा है।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार ने ऑनलाइन संचार पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है। चीन सरकार का दावा है कि यह राष्ट्रीय एकता को कमजोर करता है। साथ ही सरकार ने कथित ऑनलाइन अपराधों के आरोप में कुछ तिब्बतियों को हिरासत में लिया है।
एक अन्य तिब्बती ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों ने भिक्षु को लगातार परेशान किया और पूछताछ की, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी पुलिस या सरकारी गुप्त एजेंटों ने उन्हें गिरफ्तार किया है या किसी अन्य एजेंसी ने।
उन्होंने कहा, ‘कुंचोक दक्पा हमेशा कानून का पालन करने वाले व्यक्ति रहे हैं और कभी भी ऐसी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हुए हैं जो अराजकता पैदा कर सकती हों। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिनका स्थानीय तिब्बती सम्मान करते हैं और प्रशंसा करते हैं।‘
कीर्ति मठ की पढ़ाई पूरी करने के बाद दक्पा ने लगभग पांच वर्षों तक वहां प्रशासनिक कार्यालय में काम किया। २०१२ में वह तिब्बत लौट आए और तब से वह गांसु के यिपा टाउनशिप में ताशी मठ में शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे।