भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

तिब्बत में भूस्खलन के चलते अरुणाचल, असम पर मंडरा रहा ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ का खतरा टला

October 23, 2018

दैनिक जागरण, 23 अक्टूबर 2018

बीजिंग, प्रेट्र/आइएएनएस। तिब्बत में भूस्खलन से ब्रह्मपुत्र नदी के बाधित मार्ग में बने कृत्रिम झील का बढ़ा जलस्तर सामान्य हो गया है। इससे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश और असम पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा टल गया है। सोमवार को चीन ने भारत को यह जानकारी दी। उसने बताया कि यरलुंग त्संगपो (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) में बनी कृत्रिम झील का बढ़ा जलस्तर घट गया है और फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने उपरोक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘भूस्खलन से यरलुंग त्संगपो नदी के मार्ग में बने कृत्रिम झील के बढ़े जलस्तर को लेकर भारत और चीन के बीच लगातार संपर्क कायम रहा। नदी के प्रवाह के संबंध में हमने कुल 117 डाटा भारत के साथ साझा किया। नदी मार्ग में बने झील का बढ़ा जलस्तर 20 अक्टूबर को कम हो गया।’ बकौल चुनयिंग, ‘नदी के बाधित मार्ग में बढ़ा जलस्तर तो फिलहाल कम हो गया, फिर भी हम भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और भारत को ताजा हालत से अवगत कराते रहेंगे।’

चीनी प्रवक्ता का कहना था, ‘नदी मार्ग में जब भूस्खलन हुआ तो हमने फौरन ही भारत को सूचित कर दिया था और आगे भी इस पर नजदीकी संपर्क कायम रखेंगे।’ सीमापार नदियों की प्रवाह संबंधी स्थिति के बारे में जानकारी साझा करने के लिए भारत और चीन ने 2006 में विशेषज्ञस्तरीय तंत्र का गठन किया था। इसी के तहत ब्रह्मापुत्र के जलीय चक्र के बारे में चीन साल में दो बार 15 मई और 15 अक्टूबर को डाटा साझा करता है। यह डाटा बाढ़ के पूर्वानुमान और उससे निपटने की आवश्यक तैयारियों के लिए जरूरी हैं।

ध्यान रहे चीन ने इससे पूर्व जानकारी दी थी कि तिब्बत में भूस्खलन होने के चलते 17 अक्टूबर को ब्रह्मापुत्र नदी का मार्ग अवरुद्ध हो गया और इसमें एक कृत्रिम झील बन गई है, जिसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस सूचना के बाद अरुणाचल प्रदेश और असम में बाढ़ की आशंका को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया।

अरुणाचल प्रदेश में सियांग (अरुणाचल में ब्रह्मापुत्र का नाम) नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया। असम के मुख्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी अरुणाचल की सीमा से सटे जिलों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट कर दिया था।

तिब्बत से निकलती है ब्रह्मपुत्र नदी

ब्रह्मपुत्र यानी यरलुंग त्संगपो नदी तिब्बत के पश्चिमी भाग में कैलास पर्वत और मानसरोवर झील से दक्षिणपूर्व स्थित तमलुंग त्सो झील से निकलती है। यह दक्षिण तिब्बत घाटी और यरलुंग त्संगपो महान घाटी बनाती हुई दक्षिण की ओर रुख़ कर के भारत के अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है, जहां इसे सियांग नदी के नाम से जाना जाता है। यही नदी आगे चलकर और चौड़ी हो जाती है और असम में प्रवेश करते ही इसका नाम ब्रह्मपुत्र हो जाता है।


विशेष पोस्ट

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

3 Jun at 7:22 am

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

संबंधित पोस्ट

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

5 days ago

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

4 weeks ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

4 weeks ago

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

4 weeks ago

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

1 month ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service