१९ सितंबर, २०२२
नई दिल्ली। तिब्बत और तिब्बती मुद्दे के बारे में जानने में भारतीय युवाओं की जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुएभारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) ने सम्यलिंग तिब्बती सेटलमेंटकार्यालय, दिल्ली की ओर से १६ सितंबर २०२२ को सम्यलिंग तिब्बती बस्ती के तिब्बती गैर सरकारी संगठनों औरबेनेट विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेशके छात्र समूह के बीच एक संवाद-सत्र का आयोजन किया गया।
आईटीसीओ के उप समन्वयक ताशी देकी ने सदस्यों को भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय के बारे में जानकारी दी और तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन के लिए काम कर रहे केंद्रीय तिब्बती प्रशासन से लेकर तिब्बती गैर सरकारी संगठनों और संघों तक निर्वासित तिब्बती प्रतिष्ठानोंका परिचयदिया।
बेनेट विश्वविद्यालय केलिबरल आर्ट्स स्कूल में समाजशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत डॉ. कोयल वर्मा ने अपने समूह का परिचय कराया और अपनी यात्रा के उद्देश्य और छात्रों को वृहत्तरतिब्बती समुदाय को और अधिक गहराई से समझने के लिए उनके साथ जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए इस संवाद-सत्र की उपयोगिता के बारे में समझाया,ताकि वे लोगों को समझ सकें और सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशील हो सकें।
संवाद-सत्र में भाग लेने वाले तिब्बती गैर सरकारी संगठनों और संघों- रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), तिब्बती मुक्ति साधना, क्षेत्रीय तिब्बती महिला संघ (आरटीडब्ल्यूए), क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस (आरटीवाईसी), नव आगमन तिब्बती संघ और मजनुं का टीला मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने परिचय दिया और क्रमशः समूह को अपने संघों के बारे में बताया।
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष श्री कर्मा तेनज़िन ने सम्यलिंग तिब्बती बस्ती के विकास के बारे में जानकारीदी, जिसमें तिब्बती शरणार्थियों द्वारा इसके विकास के लिए की गई कड़ी मेहनत के बारे में जानकारी थी। तिब्बती मुक्ति साधना के प्रतिनिधि ने तिब्बती आंदोलन में प्रत्येक तिब्बती शरणार्थी के स्वेच्छा से वित्तीय योगदान के बारे में बताया। आरटीडब्ल्यूए की अध्यक्ष फुर्बु डोल्मा ने समूह को तिब्बती महिलाओं द्वारा तिब्बती समुदाय के कल्याण में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। आरटीवाईसी प्रतिनिधि ने तिब्बती युवाओं की स्वतंत्रता की आकांक्षाओं और तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया।
छात्रों के समूह को आगे तिब्बत, परम पावन १४वें दलाई लामा और भारत में तिब्बती समुदाय के अंदर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। तदनुसार, समूह ने कई प्रश्न उठाए, जिनके उत्तरसे तिब्बती प्रतिनिधि उन्हें अवगत कराते रहे। सदस्यों के बीच अच्छी बातचीत और चर्चा हुई।
अंत मेंडॉ. कोयल वर्मा और उनके छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामना के तौर पर खटक और तिब्बत से संबंधित पुस्तकें भेंट की गईं।
संवादात्मक सत्र में सम्यलिंग तिब्बती सेटलमेंट कार्यालय, दिल्ली के सचिव जिग्मे छेतेन और आईटीसीओ-दिल्ली के कार्यक्रम अधिकारी चोनी छेरिंग ने भी भाग लिया।