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निर्वासन के बावजूद हिमाचल में होता है घर जैसा आभास । दलाई लामा

December 10, 2010

धर्मशाला ,9 दिसम्बर (निस) । मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल , विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए महामहिम दलाई लामा ने कहा कि गत 50 वर्षां में हिमाचल प्रदेश की जनता और सरकार द्वारा उन्हें औऱ तिब्बतियों को दिए गए सम्मान और प्रेम के लिए वे उनके कृतज्ञ है। उन्होंने ने कहा कि इतने लम्बे समय से दोनों समुदाय मैत्रीभाव के साथ रह रहे है और हिमाचल प्रदेश में निर्वासित जीवन व्यतीत करते समय उन्हें ऐसा आभास होता है कि वे अपने घर पर है । भारत -तिब्बत संबंध शताब्दियों पुराने है, क्योंकि तिब्बत का हिमाचल प्रदेश के साथ घनिष्ठ संबंध रहा है तथा हिमाचल और तिब्बत के मध्य व्यापारिक , सांस्कृतिक और अन्य संबंध रहे है।
दलाई लामा ने कहा कि तिब्बत में बुद्ध धर्म का प्रचार भारत से हिमाचल प्रदेश के माध्यम से हुआ , क्योंकि सभी प्रमुख बौद्ध प्रचारक हिमाचल से होकर तिब्बत आए और इनमें से दो बौद्ध भिक्षु हिमाचल प्रदेश से सम्बन्ध रखते थे ।
दलाई लामा आज मैकलोडगंज में आमंत्रित मेहमानों को सम्बोधित कर रहे थे। शीतकालीन सत्र में भाग लेने आए मंत्रियों और विधान सभा सदस्यों को आज महामहिम दलाई लामा ने नाश्ते पर आमंत्रित किया था।
मुख्यमंत्री प्रो . प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि महामहिम दलाई लामा का आशीर्वाद प्राप्त करने का यह उनके औऱ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों के लिए विशोष अवसर है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में महामहिम दलाई लामा की उपस्थिति ही हिमाचलवासियों के लिए आशीर्वाद है । उन्होंने महामहिम दलाई लामा को साक्षात बुद्ध की उपाधि देते हुए कहा कि उनके अनुयायी पूरे विश्व में है और उन्हें शांति का दूत माना जाता है तथा उन्हें नोबल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है , जोकि विशिष्ट उपलब्धि है। उन्होंने इस अवसर पर महाहिम दलाई लामा को एक स्मारिका भी भेंट की ।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा में विपक्ष की नेता विधा स्टोक्स ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे और महामहिम दलाई लामा का आभार व्यक्त किया । हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तुलसी राम शर्मा , उधोग मंत्री किशन कपूर , विधान सभा उपाध्यक्ष आर आर .कौंडल , राज्य विधान सभा के सदस्य , प्रधान सचिव , सचिव विभागाध्यक्ष , अन्य वरिष्ठ अधिकारी , उपायुक्त आरएस .गुप्ता और पुलिस अधिक्षक दिलजीत ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे ।


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