महाराष्ट्र। भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) का तीसरा महाराष्ट्र राज्य सम्मेलन १० दिसंबर २०२३ को आईटीएफएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार और राज्य अध्यक्ष अमरूद बंसोड़ की अध्यक्षता में महाराष्ट्र के बदलापुर स्थित श्री बाबासाहेब आंबेडकर मेमोरियल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया।
सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करने वाली गणमान्य हस्तियों में आईटीएफएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार, आईटीएफएस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मनोज कुमार, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के सचिव कर्मा चोयिंग, आईटीएफएस के महाराष्ट्र राज्य अध्यक्ष श्री अमरुद बंसोड़, कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज-इंडिया के क्षेत्रीय संयोजक अरविंद निकोसे, भंडारा तिब्बती सेंटलमेंट अधिकारी धोंदुप सांगपो, भारत- तिब्बत समन्वय कार्यालय, नई दिल्ली की ताशी डेकी शामिल थीं।
प्रोफेसर डॉ. आनंद कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में आईटीएफएस के मूल आदर्श वाक्य यानी ‘मुक्त तिब्बत, सुरक्षित भारत’ पर बात की और उन्होंने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से तिब्बत की स्वतंत्रता के संबंधित होने के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में १७ जिला स्तरीय आईटीएफएस इकाइयां स्थापित करने के लिए राज्य आईटीएफएस अध्यक्ष श्री अमरूद बंसोड़ और उनके सहयोगियों की सराहना की और जिला पदाधिकारियों से तिब्बती हित के लिए और अधिक ताकत और उत्साह के साथ काम करने का आग्रह किया।
सचिव कर्मा चोयिंग ने भारत-तिब्बत संबंधों पर बात करते हुए भारत की तिब्बत नीति और तिब्बत के अंदर की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने निर्वासित तिब्बती समुदाय को भारत सरकार और लोगों की उदारता के प्रति आभारी बताया। उन्होंने परम पावन दलाई लामा और तिब्बतियों को भाइयों के रूप में स्वागत करने के लिए भारतीयों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने तिब्बत मुक्ति साधना के लिए भारत में तिब्बती समर्थक समूहों के महत्व पर भी प्रकाश डाला और उनसे अधिक भारतीय भाइयों और बहनों तक पहुंचने और उन्हें तिब्बती मुद्दे के बारे में जागरूक समर्थक बनाने के लिए सीटीए का समर्थन जारी रखने की अपील की।
आईटीएफएस का दिनभर चला महाराष्ट्र राज्य सम्मेलन सभी १७ जिला इकाइयों और उनके सदस्यों द्वारा राज्य स्तर पर तिब्बती मुद्दे और तिब्बत के पक्ष में अभियान के लिए कार्य योजनाओं के समर्थन में एक सर्वसम्मत घोषणा के साथ संपन्न हुआ।
यह सम्मेलन आईटीएफएस के महाराष्ट्र चैप्टर द्वारा परम पावन दलाई लामा को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की ३४वीं वर्षगांठ मनाने के साथ ही अगले ३ वर्षों के लिए महाराष्ट्र में तिब्बती हित के लिए काम करने की कार्य योजनाओं पर चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में भारत-तिब्बत संबंध, भारत की तिब्बत नीति और तिब्बत की स्वतंत्रता और भारत की सुरक्षा पर भी पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। सम्मेलन और कार्य समिति की बैठक में महाराष्ट्र के १७ जिलों से आईटीएफएस के लगभग १०० सदस्यों ने भाग लिया।