tibet.net / नई दिल्ली। भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक ०४ और ०५ फरवरी २०२३ को गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश-मानसरोवर भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने की।
बैठक के उद्घाटन सत्र में देश भर से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए बीटीएसएम के राष्ट्रीय महासचिव श्री पंकज गोयल ने कहा कि पूरी दुनिया में चीन जैसे धोखेबाज देश का पर्दाफाश करने के लिए बड़े पैमाने पर जन जागरूकता की जरूरत है। मुझे खुशी है कि भारत-तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ता बड़े उत्साह के साथ जनजागरण का कार्य कर रहे हैं।
बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि चीन एक ऐसा देश है जिसे इंसानियत से कोई लेना-देना नहीं है। यह दुनिया के कई देशों को किसी न किसी रूप में टेंशन देता रहता है। चीन से मानवता की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने आगे कहा कि ०५ मई २०२३ को भारत-तिब्बत सहयोग मंच की स्थापना के २५ साल पूरे होने वाले हैं और उसी दिन से फोरम का ‘रजत जयंती वर्ष’ शुरू होगा। रजत जयंती वर्ष की शुरुआत हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से होगी और समापन भी ०५ मई २०२४ को धर्मशाला में ही होगा। इस बीच पूरे देश में तिब्बत के प्रति जागरूकता बढ़ाने और तिब्बती मुद्दे को मजबूत करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इस उद्घाटन-सत्र में निर्वासित तिब्बती संसद के पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य येशी फुंटसोक और राष्ट्रीय संत महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. अभिजीतानंद जी महाराज ने भी विचार व्यक्त किए। मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल ने उद्घाटन-सत्र में भाग लेने वाले सभी प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि तिब्बत को मुक्त कराने के मिशन के रूप में माननीय इंद्रेश जी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों को हमें पूरा करना है।
आईटीसीओ की समन्वयक ने वी-टैग, सीटीए के डीआईआईआर द्वारा शुरू किए गए हस्ताक्षर अभियान पर प्रकाश डाला जो तिब्बत में चीनी सरकार द्वारा लागू किए जा रहे औपनिवेशिक आवासीय स्कूलों को बंद करने से संबंधित है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से याचिका पर हस्ताक्षर करने और इसे अन्य सदस्यों के पास भेजने की अपील की।
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सुरक्षा विभाग की कालोन ग्यारी डोल्मा, भारत सरकार के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य श्रीमती रिनचेन ल्हामो, डॉ. इंद्रेश कुमार और भारत-तिब्बत सहयोग मंच के अन्य कार्यकारी सदस्य शामिल हुए।
सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमें हर स्तर पर सतर्क रहकर चीन के नापाक मंसूबों के खिलाफ जन जागरूकता अभियान को और गति देनी है। हम सबको संकल्प लेकर कैलाश-मानसरोवर के पवित्र जल को हर जिले में पहुंचाना है और चीन को कड़ा संदेश देना है कि कैलाश-मानसरोवर मुक्त होकर रहेगा। साथ ही तिब्बत की आजादी का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके लिए समाज के हर वर्ग तक पहुंचने की जरूरत है।
कालोन ग्यारी डोल्मा ने सत्र को संबोधित करते हुए भारत-तिब्बत सहयोग मंच, इसके कार्यकारी सदस्यों और इसके सभी सदस्यों को केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और सभी तिब्बतियों की ओर से तिब्बत और तिब्बतियों के लिए अथक समर्थन और काम करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत-तिब्बत सहयोग मंच के २५ वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और तिब्बत और तिब्बतियों के लिए मंच से निरंतर समर्थन की अपेक्षा व्यक्त की।
श्रीमती रिनचेन ल्हामो ने सत्र में अपने संक्षिप्त संबोधन में भारत-तिब्बत सहयोग मंच को अपने दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया और तिब्बत और तिब्बतियों के लिए मंच के काम और समर्थन के बारे में जानकर खुशी व्यक्त की। उन्होंने मंच को उनके प्रयासों में अपना पूरा समर्थन देने की बात कही।
डॉ. के.सी. अग्निहोत्री, श्री राजू और श्री चंद्रेश अग्रवाल ने भी समापन-सत्र को संबोधित किया। अंत में मंच के राष्ट्रीय महासचिव श्री पंकज गोयल ने कहा कि संगठन को मजबूत करने एवं रजत जयंती वर्ष को जन-जन के बीच चर्चा का विषय बनाने के लिए क्षेत्रों और विभागों के अनुसार आयोजित बैठकों में विस्तार से चर्चा की गई। भारत-तिब्बत सहयोग मंच के सभी सदस्यों ने माननीय इंद्रेश कुमार जी की तिब्बत को मुक्त कराने की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतरने का संकल्प लिया।
स्थानीय जनता को तिब्बत के प्रति जागरूक करने के लिए गाजियाबाद के इंदिरापुरम में जन प्रतिनिधियों द्वारा भारत माता की जय, वन्दे मातरम, जय भारत और जय तिब्बत के नारों के साथ जागरूकता यात्रा भी निकाली गई। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंत में स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संरक्षक डॉ. कुलदीप चंद्र अग्निहोत्री, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मास्टर मोहन लाल, चंद्रशेखर साहू, स्वामी दिव्यानंद महाराज, राष्ट्रीय मंत्री नीरा शास्त्री, शिवकांत तिवारी, विजय शर्मा, रामकिशोर पासारी, नर्सिंग मेंगजी, श्री प्रमोद गोयल, श्री अनिल मोंगा और देश भर के ३५० प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। दो दिवसीय बैठक में भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय की प्रभारी समन्वयक ताशी देकी और कर्मचारी, तिब्बती युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गोनपो धुंडुप, उपाध्यक्ष छेरिंग चोम्फेल और तिब्बती महिला संघ की उपाध्यक्ष छेरिंग डोल्मा ने भी भाग लिया।