चंडीगढ़। भारत-तिब्बत सहयोग मंच (बीटीएसएम) की रजत जयंती पर इसके उत्तर क्षेत्र चैप्टर ने ०६ अक्तूबर-२०२३ को चंडीगढ़ के लॉ भवन में सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में सम्मानित उपस्थित लोगों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता श्री प्रदीप जोशी जी, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और हरियाणा साहित्य संस्कृति अकादमी के वर्तमान कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री जी, कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज-इंडिया (सीजीटीसी-आई) के संयोजक श्री आर.के. खिरमे जी, बीटीएसएम के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल जी और सीटीए में सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) में अतिरिक्त सचिव तेनज़िन लेक्शे शामिल थे।
इन विशिष्ट अतिथियों के अलावा भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) के समन्वयक थुप्टेन रिनज़िन, आईटीसीओ की स्टाफ सदस्य ताशी डेकी, बीटीएसएम के नेता, प्रमुख स्थानीय हस्तियां और बीटीएसएम के तीन सौ से अधिक सदस्यों के अलावा समुदाय के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित हुए। बीटीएसएम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री विजय शर्मा जी ने बीटीएसएम के गठन से लेकर अब तक की यात्रा का व्यापक विवरण पेश किया और कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट किया।
श्री प्रदीप जोशी जी ने तिब्बती भाइयों और बहनों को लगे घावों को भरने और तिब्बत को चीनी कब्जे से मुक्त कराकर उनकी पीड़ा दूर करने की अनिवार्यता पर जोर दिया। डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने शांति के समर्थकों के रूप में तिब्बती संस्कृति और तिब्बती बौद्ध धर्म के वैश्विक महत्व को रेखांकित किया, जबकि इस शांति को बाधित करने वाले चीन के द्वेषपूर्ण इरादों पर अफसोस जताया। उन्होंने तिब्बत की मुक्ति सुनिश्चित करने के लिए चीन के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया।
अतिरिक्त सचिव तेनजिंग लेक्शे ने भारत-तिब्बत संबंधों और तिब्बती मुद्दे का समर्थन करने के लिए भारत की सरकार और भारत के लोगों की अपरिहार्य जिम्मेदारी के बारे में बताया। अपने संबोधन में श्री आर.के. खिरमेजी ने १९६२ के युद्ध को याद करते हुए कहा कि भारत २०२३ में एक मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा है जो चीन से अपनी शर्तों पर निपटने में सक्षम है। बीटीएसएम के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल ने विस्तारवादी चीन को दुनिया भर के शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक देशों के लिए खतरा बताया।
भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) ने सम्मेलन में तिब्बत से संबंधित किताबें और ब्रोशर वितरित कीं। इसने नव स्थापित चंडीगढ़ मेन-छे-खांग क्लिनिक को अपने उत्पादों और सेवाओं के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए आमंत्रित करके इस कार्यक्रम में योगदान दिया। क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस (आरटीवाईसी) के सदस्यों ने दर्शकों के सामने पारंपरिक तिब्बती नृत्य प्रस्तुत किया। समारोह में तिब्बत के बारे में वृत्तचित्र भी दिखाए गए। इस कार्यक्रम में सहमना व्यक्तियों और संगठनों को ऑनलाइन चर्चा में शामिल होने के लिए नेटवर्किंग की सुविधा भी प्रदान की गई।