भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा का बड़ा एलान, अगला उत्तराधिकारी भारत से, चीन का एतराज

March 21, 2019

अमर उजाला, 20 मार्च 2019

तिब्बत में बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने एक बड़ा एलान करते हुए कहा है कि उनका अगला अवतार भारत से हो सकता है। अपने उत्तराधिकारी पर बयान देने वाले 14वें दलाईलामा ने भारत में अपने जीवन के 60 साल निर्वासित होकर बिताए हैं। उन्होंने आगाह किया कि चीन द्वारा घोषित अन्य उत्तराधिकारी को सम्मान न दिया जाए।

दलाईलामा ने अपने निर्वासन के 60 साल पूरे होने के ठीक एक दिन बाद सोमवार को यह बात कही। 1959 में भारत ने दलाईलामा को शरण दी थी। उस वक्त वह एक सैनिक के लिबास में हिमालय को पार कर गए थे। तिब्बत में सराहनीय कामों के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘चीन दलाईलामा के पुनर्जन्म की महत्ता समझता है। बीजिंग अगले दलाईलामा को लेकर चिंतित भी है। भविष्य में यदि दो दलाईलामा अस्तित्व में आते हैं, एक यहां स्वतंत्र देश से और दूसरा जिसे चीन चुने, तो ऐसे में चीन द्वारा चुने गए दलाईलामा को कोई सम्मान नहीं देगा। यह चीन के लिए बड़ी समस्या है और यह संभव है।’

दलाईलामा ने कहा कि उनके और चीनी अधिकारियों के बीच आधिकारिक मुलाकात 2010 तक हुई थी। हालांकि अब सेवानिवृत्त चीनी अधिकारी और कारोबारी समय-समय पर मिलते हैं। उन्होंने कहा, मेरी मृत्यु के बाद दलाईलामा की भूमिका के लिए इस वर्ष के अंत में तिब्बती बौद्धों के बीच बैठक में होगी। उन्होंने कहा, यदि उन्हें वापस मातृभूमि जाने का मौका मिले तो वह चीनी यूनिवर्सिटी में भाषण देना चाहेंगे। लेकिन चीन में कम्युनिस्टों की सरकार होने तक उनकी वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है।

बच्चे के रूप में पुनर्जन्म की मान्यता
चीन सरकार कहती है कि उसे अगले दलाईलामा के चयन का अधिकार है। लेकिन तिब्बत के लोग मानते हैं कि बौद्ध साधु की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा एक बच्चे में समा जाती है और वह पुनर्जन्म लेता है। चीन के 60 लाख से भी अधिक तिब्बती लोग दलाईलामा का सम्मान करते हैं जबकि सरकार ने उनकी तस्वीरों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर पाबंदी लगा रखी है।

चीन की ताकत बंदूक आधारित है
दलाईलामा ने कहा कि चीन एक प्राचीन देश है, लेकिन उसकी राजनीतिक प्रणाली एकपक्षीय है, इसलिए मैं यहां रहना पसंद करूंगा। हमारी ताकत और मजबूती सत्य पर आधारित है, जबकि चीन की ताकत बंदूक पर आधारित है। छोटे अंतराल के लिए बंदूक निर्णायक हो सकती है लेकिन लंबी अवधि के लिए सत्य कहीं अधिक ताकतवर साबित होता है।

चीन सरकार देगी अगले धार्मिक नेता को अनुमति : चीन
चीन ने दलाईलामा के अवतार संबंधी दावे को खारिज करते हुए कहा है कि तिब्बत का अगला आध्यात्मिक नेता कम्युनिस्ट सरकार द्वारा ही अनुमोदित किया जाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हम तिब्बती बौद्ध धर्म में पुनर्जन्म प्रणाली के तरीकों का सम्मान करते हैं। लेकिन यह भी सच है कि दलाईलामा 1959 में तिब्बती विद्रोह के दौरान भारत भाग गए थे।

Link of news article: https://www.amarujala.com/shimla/china-rejects-dalai-lama-successor-from-india


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

1 week ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

2 weeks ago

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

2 weeks ago

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

2 weeks ago

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

2 weeks ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service