भंडारा। भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) ने भारत-तिब्बत मैत्री संघ (आईटीएफएस) के भंडारा चैप्टर के सहयोग से २५ अक्तूबर-२०२३ को महाराष्ट्र के भंडारा जिले के बेला स्थित महेंद्र जूनियर साइंस कॉलेज में तिब्बत जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य हस्तियों में मुख्य अतिथि के तौर पर लोकप्रिय मराठी कवि और लेखक श्री प्रमोद कुमार अनारव, सम्मानित अतिथि में भंडारा नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री महेंद्र गडकरी, कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज-इंडिया (सीजीटीसी-आई) के राष्ट्रीय सह-संयोजक (पश्चिमी क्षेत्र) श्री अरविंद निकोसे, आईटीएफएस महाराष्ट्र के अध्यक्ष श्री अमृत बंसोड़, आईटीएफएस नागपुर के श्री सचिन रामटेके, कॉलेज प्रिंसिपल श्री सचिन गभाने, कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल श्री मोरेश्वर घेदम के साथ ही आईटीसीओ से ताशी देकी और छोनी छेरिंग शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और उपस्थित विशिष्ट अतिथियों द्वारा परम पावन दलाई लामा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। श्री अमृत बंसोड़ ने उपस्थित दर्शकों को तिब्बत जागरुकता कार्यक्रम के उद्देश्य से अवगत कराते हुए परिचयात्मक भाषण दिया। उन्होंने तिब्बत, तिब्बत मुक्ति साधना और तिब्बती मुद्दे का समर्थन करने के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री सचिन गभाने ने कॉलेज में तिब्बत जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की, जिसमें छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए इसके संभावित लाभों पर जोर दिया गया। इससे उन्हें तिब्बत की गहरी समझ हासिल करने में मदद मिली।
ताशी देकी ने तिब्बत जागरुकता कार्यक्रम के उद्देश्यों को स्पष्ट किया, जिसका उद्देश्य युवा भारतीयों को भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक संबंधों, तिब्बत के भीतर वर्तमान स्थिति और तिब्बत मुक्ति साधना के बारे में शिक्षित करना है। उन्होंने तिब्बत पर एक व्यापक पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें भारत और तिब्बत के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध, तिब्बत पर अवैध कब्ज़ा, एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में तिब्बत की ऐतिहासिक स्थिति, तिब्बत की वर्तमान स्थितियां और भारत के लिए तिब्बत के महत्वपूर्ण होने के कारण जैसे विषय शामिल थे।
श्री महेंद्र गडकरी और श्री प्रमोद कुमार अनारव ने भारत के लिए तिब्बत के महत्व को रेखांकित किया और कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत पर अवैध कब्जे की निंदा की। उन्होंने तिब्बत और तिब्बती मुक्ति साधना के प्रति अपना समर्थन दोहराया। श्री अरविंद निकोसे ने तिब्बत पर चीन के अवैध कब्जे और भारत की सीमा सुरक्षा पर इसके प्रभावों के बारे में चर्चा की। उन्होंने तिब्बत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों और तिब्बती मुक्ति साधना को समर्थन देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए और तिब्बत पर निबंध लिखने वाले पांच छात्रों को सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय ने भी कॉलेज को तिब्बत से संबंधित पुस्तकें दान में दीं। जागरुकता कार्यक्रम में कॉलेज के २५० से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। आईटीसीओ कार्यक्रम अधिकारी छोनी छेरिंग ने गणमान्य व्यक्तियों, आईटीएफएस भंडारा, कॉलेज और कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
उन्होंने कहा, ‘हमारे जागरुकता कार्यक्रम के सफल समापन के साथ भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) ने अपने संपर्क और जागरुकता अभियान का प्रभावी ढंग से समापन कर दिया है, जिसमें नागपुर क्षेत्र में तिब्बत समर्थक समूहों को शामिल किया गया है। हमारे प्रयासों में कॉलेज में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करना और २३ से २५ अक्तूबर-२०२३ तक धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस में सक्रिय भागीदारी करना भी शामिल है।‘उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आईटीसीओ की ओर से कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज-इंडिया (सीजीटीसी-आई) के राष्ट्रीय सह-संयोजक (पश्चिमी क्षेत्र) श्री अरविंद निकोसे जी और नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिब्बत सपोर्ट (एनसीएफटीएस), आईटीएफएस नागपुर चैप्टर और अन्य तिब्बत समर्थक समूहों के साथ उनकी समर्पित टीम के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। उनके सामूहिक प्रयास इस संपर्क और जागरुकता कार्यक्रम की सफलता में सहायक बने हैं। नई दिल्ली स्थित आईटीसीओ के समन्वयक थुप्टेन रिनज़िन ने कहा, ‘आगे हमारा लक्ष्य आने वाले महीनों में अन्य क्षेत्रों तक पहुंचने का है। तिब्बती मुद्दे के लिए हमारा जागरुकता और समर्थन बढ़ाने का मिशन को जारी रहने वाला हैं।‘