tibet.net / कुशीनगर। कुशीनगर में भूतपूर्व प्रधनमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपयी जी की जयन्ती के अवसर पर भारत में तिब्बत समर्थक समूहों में से एक ‘भारत तिब्बत संवाद मंच’ के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. शुभलाल शाह, आईटीसीओ समन्वयक श्री जिग्मे त्सुल्ट्रिम, नामग्याल मठ, कुशीनगर के भिक्षु कुंचोक तेनक्योंग, कुशीनगर के विधायक श्री रजनीकांत मणि त्रिपाठी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम रखा गया। इसका मकसद कम्युनिस्ट चीन के पंजे में जकड़े हुए तिब्बत के बारे में भारतीय लोगों को, विशेष रूप से युवाओं को तिब्बती संस्कृति की विशिष्टता के बारे में जानकारी देने के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम कुशीनगर में शुरू किया जाना था।
उक्त विचार को आगे बढ़ाते हुए भारत-तिब्बत संवाद मंच ने भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय, दिल्ली के सहयोग से बुद्ध पीजी कॉलेज, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में तिब्बत समर्थक और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की ९७वीं जयंती के अवसर पर २५ दिसंबर, २०२१ की शाम को ‘तिब्बत पर सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का आयोजन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुशीनगर के माननीय संसद सदस्य श्री विजय कुमार दुबे, विशिष्ट अतिथि कुशीनगर के विधायक श्री रजनीकांत मणि त्रिपाठी, सम्मानित अतिथि नामग्याल मठ, कुशीनगर के प्रमुख लामा वेन. कुंचोक तेनक्योंग, बुद्ध पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य दया शंकर त्रिपाठी, गणित विभाग के प्रमुख डॉ. सी.एस.सिंह, संस्कार भारती के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ आशीष यादव, अति वरिष्ठ मेडिकल सर्जन डॉ.सी.पी.गुप्ता, संस्कार भारती के कुशीनगर जिला अध्यक्ष डॉ. अनिल सिन्हा के अलावा श्रीलंका, थाईलैंड, कोरिया के प्रतिनिधि और वेन. महेंद्र बंटे आदि उपस्थित थे।
पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग स्थित एक तिब्बती प्रदर्शन कला समूह गंगजोंग दोघर के कलाकारों द्वारा प्रवेश द्वार से मंच तक मेहमानों का स्वागत किया गया। ये कलाकार तिब्बत की समृद्ध और जीवंत संस्कृति काप्रदर्शन करने के लिए पवित्र बौद्ध तीर्थ शहर और भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर आए थे।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुई। इसके बाद परम पावन १४वें दलाई लामा और भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्रों पर एक- एक पवित्र सफेद दुपट्टा ‘खटक’ अर्पित की गई।
आईटीसीओ समन्वयक श्री जिग्मे त्सुल्ट्रिम ने कार्यक्रम के उद्देश्यों का परिचय दिया और उन पर प्रकाश डाला।
गंगजोंग दोघर के कलाकारों ने विभिन्न प्रकार के तिब्बती गीतों और नृत्यों का प्रदर्शन करके दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। उनके प्रदर्शन का मुख्य आकर्षण स्नो लायन डांस था जो सभी को बहुत पसंद आया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कार भारती, कुशीनगर के कलाकारों की प्रस्तुतियां भी देखी गईं। यह कुल मिलाकर, भारत और तिब्बत के बीच सदियों पुराने पवित्र संबंधों को दर्शाने वाली तिब्बती और भारतीय कला प्रदर्शनों का मिश्रण था।
सांसद श्री विजय कुमार दुबे ने कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की सराहना की और उनके हर प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं। तिब्बती कलाकारों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए श्री दुबे ने कहा कि यह उत्कृष्ट है कि तिब्बतियों ने अपनी मातृभूमि से बाहर होने के बावजूद अपनी संस्कृति को जीवित रखा है। इसे उन्होंने प्रशंसनीय बताया और साथ ही कहा कि एक समुदाय के लिए ऐसा करना महत्वपूर्ण है।
विधायक श्री रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने कहा कि कुशीनगर में इस तरह के और भी कार्यक्रम होने चाहिए जिससे तिब्बती संस्कृति को चारों ओर फैलाया जा सके और आम लोगों में तिब्बत के प्रति जागरुकता पैदा की जा सके।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन तिब्बती और भारतीय राष्ट्रगान के साथ हुआ।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लेने के लिए विशिष्ट अतिथियों के अलावा, तिब्बत समर्थक समूह के सदस्य, बुद्ध पीजी कॉलेज, कुशीनगर के कर्मचारी और छात्र और आम जनतावहां मौजूद थी।
कार्यक्रम का संचालन श्री राज कुमार मधेसी और सुश्री वंदना ने किया।