
भारत तिब्बत सेहोग मंच के महामंत्री श्री पंकज गोयल मीडिया के द्वारा अपनी बात रखते हुए
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चाणक्यपुरी, नई दिल्ली। प्रमुख तिब्बत समर्थक समूह ‘भारत-तिब्बत सहयोग मंच’ ने १५० से अधिक सदस्यों के साथ, २० अक्तूबर १९६२ के चीनी आक्रमण की बरसी पर यहां विरोध-प्रदर्शन किया। चीनी आक्रमण के दौरान हजारों भारतीय सैनिक मारे गए थे और इसने दोनों देशों के बीच २९ अप्रैल १९५४ को हुए पंचशील समझौते को कमजोर कर दिया।
बीटीएसएम अपने संरक्षण श्री इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में ०५ मई १९९९ को अपनी स्थापना के समय से ही तिब्बती मुद्दे के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक रहा है। यह संगठन पिछले कई वर्षों से चीनी दूतावास के पास इसे लेकर विरोध प्रदर्शन करता रहा है और दुनिया को कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बतियों और उसके पड़ोसी देशों के प्रति की गई क्रूरता और अमानवीय कृत्य की याद दिलाता रहा है। विरोध- प्रदर्शन के दौरान सदस्यों ने ‘तिब्बत में हत्या बंद करो’, ‘चीन अक्साई चिन छोड़ो’, ‘तिब्बत की आजादी और कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति’, ‘चीन वापस जाओ’ जैसे नारे लगाए।

भारत तिब्बत सहयोग मंच के महिला कार्यकर्ता
राजधानी दिल्ली में विरोध रैली के अलावा, चंडीगढ़, अवध, छत्तीसगढ़, अंबाला और चित्तौड़ में बीटीएसएम की क्षेत्रीय इकाइयों ने आंदोलन को आगे बढ़ाया और इस महत्वपूर्ण दिन के बारे में जागरुकता पैदा की। बीटीएसएम के पूरे भारत में २५० से अधिक चैप्टर हैं और यह तिब्बती मुद्दे के सबसे सक्रिय समर्थकों में से एक है।

दिल्ली प्रान्त के तिब्बत महिला संगठन
विरोध-प्रदर्शन में बीटीएसएम के राष्ट्रीय महासचिव श्री पंकज गोयल, दिल्ली के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री अनिल मोंगा, दिल्ली में विभिन्न तिब्बती समुदायों के प्रतिनिधि, विशेष रूप से क्षेत्रीय तिब्बती महिला संघ, क्षेत्रीय तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन, क्षेत्रीय तिब्बती युवा कांग्रेस, आईटीसीओ और अन्य स्थानीय तिब्बती समुदाय शामिल हुए।

अन्य क्षेत्रों पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्यकर्ता