दैनिक जागरण, 15 नवंबर, 2012
धर्मशाला, 15 नवम्बर (निस)। तिब्बत आंदोलनों की आग में जल रहा है, ऐसे में विश्व भर में निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहे निर्वासित तिब्बतियों व तिब्बत समर्थक समूह 16 से 18 नवंबर तक तिब्बत निर्वासित सरकार के मुख्यालय मैक्लोडगंज में तिब्बत मसले पर गहन मंथन के लिए जुटेंगे। तिब्बती प्रतिनिधियों का यह सम्मेलन तिब्बत समस्या हल करने की दशा और दिशा तय करेगा। चीन में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन व तिब्बत में तेजी से फैल रहे आंदोलनों व आत्मदाह की घटनाओं से विश्व के 43 देशों में रह रहे निर्वासित तिब्बतियों के प्रतिनिधि स्पेशल इंटरनेशनल तिब्बत स्पोर्ट ग्रुप के बैनर तले तिब्बत समस्या के हल व चीनी प्रशासन की दबाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
विश्व के 43 देशों के 400 तिब्बती प्रतिनिधियों के तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ 16 नवंबर को तिब्बत निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री डा. लोबसंग सांगये करेंगे। 18 नवंबर को सम्मेलन में भारत सरकार के पूर्व विदेश सचिव डी. मेहता शिरकत करेंगे। सितंबर माह में भी निर्वासित तिब्बतियों द्वारा बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें तिब्बतियों ने चीन अधिकृत तिब्बत में वर्ष 2009 में आरंभ हुए आंदोलनों पर चिंता जताते हुए निर्वासित तिब्बतियों सहित तिब्बत समर्थक समूहों से एक मंच पर एकत्रित होने का आह्वान किया था। चीन अधिकृत तिब्बत में तिब्बत की आजादी और दलाईलामा की वतन वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शनों के दौरान आत्मदाह करने वाले तिब्बती युवाओं का आंकड़ा 71 तक पहुंच गया है।
तिब्बत में बिगड़ी स्थिति : तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा द्वारा अपनी राजनीतिक शक्तियों का हस्तांतरण निर्वाचित प्रतिनिधि को करने के बाद तिब्बत में स्थितियां दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही हैं। दलाईलामा भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं तथा उन्होंने भी सार्वजनिक मंचों से इस पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व समुदाय से इस समस्या के हल के लिए आगे आने का आह्वान कर चुके हैं।