धर्मशाला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तरी क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने २३ सितंबर २०२३ को निर्वासित तिब्बती संसद का दौरा किया और डिप्टी स्पीकर डोल्मा छेरिंग तेखांग से मुलाकात की।
डिप्टी स्पीकर ने बातचीत के दौरान आरएसएस प्रतिनिधियों को निर्वासन में तिब्बती लोकतंत्र के विकास, निर्वासित तिब्बती संसद की संरचना और कार्यप्रणाली और चीन-तिब्बत संघर्ष को हल करने के सीटीए के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। डिप्टी स्पीकर ने लंबे समय से तिब्बत मुद्दे को समर्थन देने के लिए भारत और उसके लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रतिनिधियों से तिब्बत के संदेश को भारत में अपने-अपने क्षेत्रों में आगे बढ़ाने की अपील की।
डिप्टी स्पीकर ने उन्हें निर्वासित तिब्बती संसद में महिला प्रतिनिधियों के आरक्षण, टीपीआईई की द्वि-वार्षिक संसद, निर्वासित तिब्बतियों के चार्टर को अपनाने और ग्रीनबुक के माध्यम से तिब्बती स्वैच्छिक योगदान के महत्व के बारे में भी जानकारी दी। डिप्टी स्पीकर ने यह भी बताया कि तिब्बत भारत के लिए विशेष रूप से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में क्यों मायने रखता है। इसके बाद उन्होंने दुनिया भर में तिब्बती प्रवासियों की चुनाव प्रक्रिया, निर्वासित तिब्बती संसद के कामकाज, भारत भर में तिब्बती स्कूलों के बारे में प्रतिनिधिमंडल द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिनिधिमंडल को संसद भवन की एक-एक जानकारी देते हुए का भ्रमण भी कराया गया।