भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

हिरासत में दो वर्षों तक अत्याचार झेलने के बाद तिब्बती भिक्षु की मौत

April 24, 2020

तिब्बत में सोग काउंटी का स्थान।

rfa.org

निर्वासित दलाई लामा के संदेशों को साझा करने के आरोप में चीनी अधिकारियों कैद से 2017 में भाग गए एक तिब्बती भिक्षु का निधन हो गया है। भिक्षु का स्वास्थ्य राजनीतिक कैदी के रूप में हिरासत में रहते हुए यातनाएं झेलने के कारण काफी गिर गया था। आरएफए ने यह जानकारी दी।

एक तिब्बती स्रोत ने नाम गोपनीय रखने का अनुरोध करते हुए बताया कि गेंदुन शेरब नामक इस भिक्षु की मृत्यु माना जाता है कि 18 अप्रैल को को हो गई।

सूत्र ने आरएफए की तिब्बती सेवा को बताया कि भिक्षु को तीन साल पहले वीचैट और सोशल मीडिया पर राजनीतिक रूप से संवेदनशील दस्तावेजों को साझा करने और प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कहा कि साझा किया गया यह दस्तावेज “परम पावन दलाई लामा का एक मान्यता पत्र था, जो सेरा जे लोपा खानसेन (धार्मिक व्यक्ति) के चोएदेन रिनपोछे के रूप में पुनर्जन्म की पुष्टि करता था।”

सूत्र ने कहा कि गोगुन शेरब को उनके विवादित राजनीतिक विचारों के कारण संदिग्ध मानते हुए सोग काउंटी (चीनी सू में) के रबटेन मठ से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्हें चीनी सरकार की निगरानी सूची में रखा गया था।

सूत्र ने बताया कि, ष्हिरासत में रहने के दौरान उन्हें कैद करनेवालों ने बहुत प्रताड़ित किया और इसके बाद यहां तक कि उन्हें अस्पतालों से चिकित्सा आदि कराने की अनुमति भी नहीं दी गई।ष्

सूत्र के अनुसार, “अधिकारियों ने उसे तीन महीने तक ल्हासा के एक प्रताड़ना केंद्र में रखा, इस दौरान उन्होंने उन्हें कई बार बुरी तरह से पीटा। यातना इतनी बुरी थी कि वह अपने शरीर को हिला भी नहीं पा रहे थे और न ही बोल पाने में सक्षम हो रहे थे।

सूत्र के अनुसार, प्राणघातक चोटों से पीड़ित होने के बाद अधिकारियों ने भिक्षु को रिहा कर दिया।

सूत्र ने कहा “उन्हें केवल यह स्पष्ट होने के बाद जाने दिया गया कि अब वह मर जाने वाले थे।”

“लेकिन जब से उन्होंने उनके सभी राजनीतिक अधिकारों से वंचित किया, प्रभावी रूप से उन्हें काली सूची में डाल दिया, वह अपना इलाज कराने के लिए किसी भी अस्पताल में भर्ती होने में असमर्थ हो गए थे। इसके बाद उन्होंने जल्द ही गुपचुप तरीके से ल्हासा छोड़ दिया और अपने घर में गुप्त रूप से पारंपरिक तिब्बती चिकित्सा पद्धति से उपचार करा रहे थे।

लेकिन सूत्र के अनुसार, पारंपरिक उपचारों से भी उन्हें बहुत राहत नहीं मिली। इसके बाद गेंदुन शेरब हिरासत में प्रताड़ना के कारण आई गंभीर चोटों के साथ दो साल और जीवित रहे। अंत में 50 वर्ष की आयु में सोग काउंटी के रोनकी टाउनशिप स्थित उनके पैतृक गांव बर्कल में उनकी मृत्यु हो गई। उनके पिता का नाम ग्यालजिग है।

पूर्व में स्वतंत्र राष्ट्र रहे तिब्बत पर 70 साल पहले बलपूर्वक चीन द्वारा कब्जा कर लिया गया था, जिसके बाद तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और उनके हजारों अनुयायी भारत में निर्वासन में भाग गए थे।

चीनी अधिकारियों ने अब तिब्बत और पश्चिमी चीनी प्रांतों के तिब्बती आबादी वाले क्षेत्रों पर अपना कठोर नियंत्रण स्थापित कर लिया है और तिब्बतियों की राजनीतिक गतिविधियों, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचानों और शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित कर रहे है। चीनी शासन में तिब्बतियों के लिए कारावास, यातना और गैर न्यायिक हत्याएं आम बात हो गई है।


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

7 May at 9:10 am

संबंधित पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

2 weeks ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

2 weeks ago

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

2 weeks ago

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

2 weeks ago

परम पावन दलाई लामा ने दीर्घायु प्रार्थना में भाग लिया

3 weeks ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service