रिपोर्ट: पूर्वी एशिया-प्रशांत ब्यूरो, २९ मई २०२५
कार्यकारी सारांश
२०१८ के रिसिप्रोकल एक्सेस टु तिब्बत ऐक्ट (तिब्बत प्रवेश पारस्परिक अधिनियम) की धारा ४ (८ यू.एस.सी. ११८२ नोट) के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्रालय कांग्रेस को एक वार्षिक रिपोर्ट भेजता है। इसमें चीनी अधिकारियों द्वारा अमेरिकी राजनयिकों, अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों को चीन अधिकृत तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) और अन्य तिब्बती क्षेत्रों में प्रवेश की अनुमति के बारे में बताया जाता है। यह रिपोर्टिंग अवधि वर्ष २०२४ के बारे में है और इसकी तुलना २०२३ से की गई है। रिपोर्ट में पिछले रिपोर्टिंग वर्ष के दौरान चीन के तिब्बती क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों के बीच के साथ ही एक प्रांत के अंदर ही तिब्बती और गैर-तिब्बती क्षेत्रों के बीव प्रवेश की दी गई अनुमति में अंतर के अलावा तिब्बती क्षेत्रों में यात्रा में बाधा डालने वाले आवश्यक परमिट प्रणाली और अन्य उपायों का विवरण शामिल किया जाता है।
रिपोर्ट में खुलकर आया है कि ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी राजनयिकों और अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों के लिए टीएआर और टीएआर के बाहर तिब्बती क्षेत्रों में यात्रा में बाधा डालने वाली चीनी सरकार के नियम और उसकी प्रक्रियाएं २०२४ में भी लागू रहीं। टीएआर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को यात्रा के लिए टीएआर सरकार से यात्रा परमिट की मंजूरी लेनी पड़ रही है। २०१९ के बाद से कोई भी अमेरिकी अधिकारी टीएआर का दौरा नहीं कर पाया है। २०२४ में, अमेरिकी अधिकारियों ने टीएआर की आधिकारिक यात्रा के लिए पांच अनुरोध किए, जिनमें से किसी को भी मंजूरी नहीं मिली। २०२३ में तिब्बत जाने के लिए तीन अनुरोध किए गए, जिन्हें भी मंजूरी नहीं मिली। पहले राजनयिकों और अधिकारियों को टीएआर के बाहर तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए परमिट या पूर्व सूचना की आवश्यकता नहीं पड़ती थी। हालांकि, चीन के सुरक्षा बलों ने ऐसे क्षेत्रों में आधिकारिक या व्यक्तिगत यात्रा के दौरान भी अमेरिकी राजनयिकों, अधिकारियों और विदेशियों की गतिविधियों को डराने, निगरानी करने, परेशान करने और प्रतिबंधित करने के लिए विशिष्ट निगरानी का इस्तेमाल किया। तिब्बती अमेरिकियों को तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा पर प्रतिबंधों का लगातार सामना करना पड़ रहा है। पत्रकारों के लिए इन क्षेत्रों तक पहुंच प्रतिबंधित और सीमित रही।
चेंगदू में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास में परिचालन के निलंबन का प्रभाव
ह्यूस्टन स्थित चीन के महावाणिज्य दूतावास के संचालन की अनुमति अमेरिका द्वारा वापस लेने के जवाब में चीनी सरकार ने चेंगदू (सीजी चेंगदू) में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के संचालन की सहमति वापस ले ली। इस कारण अमेरिका ने २७ जुलाई, २०२० को चेंगदू महावाणिज्य दूतावास का संचालन निलंबित कर दिया। टीएआर विभाग अब बीजिंग दूतावास के कांसुलर जिले से संचालित हो रहा है। यह स्थान सीजी चेंगदू से हजारों मील दूर हो गया है। सीजी चेंगदू में महावाणिज्य दूतावास का संचालन रोके जाने से तिब्बती क्षेत्रों तक संपर्क बनाए रखने की अमेरिकी मिशन की समग्र क्षमता गंभीर रूप से बाधित हुई है।
तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और तिब्बती क्षेत्रों तक पहुंच में अंतर
एक ओर जहां चीन ने टीएआर की यात्रा के लिए सख्त नियम को लागू रखा, वहीं अन्य प्रांतों के संवेदनशील तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा के लिए नियम अब भी अस्पष्ट हैं। टीएआर के बाहर युन्नान, सिचुआन, गांसु और किंगहाई प्रांतों में शामिल किए गए ऐतिहासिक तिब्बती क्षेत्र और वर्तमान तिब्बती आबादी वाले क्षेत्र प्रिफेक्चर और काउंटी में विभाजित कर दिए हैं। नगरपालिका स्तर और प्रिफेक्चर स्तर के चीनी अधिकारी और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के पदाधिकारी अक्सर इन क्षेत्रों में आवागमन पर भेदभावकारी प्रतिबंध थोपते रहते हैं। इसके कारण भेदभावकारी स्थितियां उत्पन्न होती हैं और इन प्रतिबंधों के औचित्य और समय के बारे में जानकारी रखना करना मुश्किल हो जाता है।
चीन के तिब्बती और गैर-तिब्बती क्षेत्रों में आवागमन की दी गई अनुमति की तुलना
राजनयिक और अन्य अधिकारी
टीएआर २०२४ में चीन का एकमात्र ऐसा क्षेत्र बना रहा, जहां राजनयिकों और अन्य विदेशी अधिकारियों को औपचारिक रूप से जाने के लिए वहां की सरकार से अनुमति लेने की जरूरत होती थी। राजनयिक आधिकारिक स्वीकृति के बिना टीएआर में प्रवेश करने के लिए हवाई या ट्रेन टिकट नहीं खरीद सकते थे।
राजनयिकों और अन्य विदेशी अधिकारियों को टीएआर के बाहर के तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा पर औपचारिक प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ता है। हालाकि चीनी अधिकारियों ने कभी-कभी इन क्षेत्रों में यात्रियों को डराने, निगरानी करने और परेशान करने के लिए विशिष्ट निगरानी का इस्तेमाल किया है।
वर्ष २०२४ के दौरान अमेरिकी मिशन के कर्मचारी टीएआर में किसी भी अमेरिकी नागरिक सेवा के लिए दौरा कराने असमर्थ थे, क्योंकि कांसुलर अधिकारियों द्वारा यात्राओं के अनुरोधों को मंजूरी नहीं दी जाती थी। २०१९ के बाद से किसी भी कांसुलर अधिकारी ने टीएआर का दौरा नहीं किया है। पिछले वर्षों में टीएआर के स्थानीय अधिकारी काउंसलर से आए अनुरोधों के आधार पर ही अमेरिकी नागरिकों को सहायता प्रदान कर पाते थे। हालांकि कभी-कभी आपातकालीन आगमन के अनुरोधों पर जवाब देने में देरी भी करते थे।
पर्यटक
बीजिंग द्वारा लागू नियमों के कारण टीएआर क्षेत्र में पर्यटन के लिए आए अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों की यात्रा को नियंत्रित हुआ है। इस तरह का प्रतिबंध चीन में किसी अन्य प्रांतों द्वारा लागू नहीं किया गया है। १९८९ के केंद्रीय सरकार के नियमन के अनुसार, अमेरिकी नागरिकों सहित अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों को टीएआर सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक पुष्टि-पत्र प्राप्त करना आवश्यक था, जो टीएआर क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले बीजिंग में केंद्र सरकार को सूचना देता है। अधिकांश पर्यटकों को चीनी सरकार के साथ आधिकारिक रूप से पंजीकृत ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से यात्राएं करने पर ऐसे पत्र प्राप्त हुए। चीन ने टीएआर में रहने के दौरान अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के साथ सरकार द्वारा नामित एक टूर गाइड का रहना अनिवार्य कर दिया। विदेशियों को सड़क मार्ग से टीएआर में प्रवेश करने की अनुमति शायद ही कभी मिली हो। विदेशी प्रभावशाली लोगों और यात्रा ब्लॉगर्स को दी गई विशेष छूट की भी रिपोर्टें हैं, जिनमें से कुछ को चीनी सरकारी मीडिया ने आगे बढ़ाया है। अधिकारियों ने कई अवसरों पर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को टीएआर में प्रवेश से रोक दिया, जिन्हें सरकार राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानती थी। इसमें चीन के १९५९ में तिब्बत पर आक्रमण के खिलाफ तिब्बती विद्रोह की १० मार्च की सालगिरह का दिन और जुलाई में दलाई लामा का जन्मदिन के अवसर शामिल हैं। टीएआर पर्यटन ब्यूरो ने बताया कि २०२३ में टीएआर में साढ़े पांच करोड़ से अधिक घरेलू और विदेशी पर्यटक आए। २०१९ में सीजी चेंगदू ने अनुमान लगाया गया कि लगभग १०,००० अमेरिकी नागरिकों ने इस क्षेत्र का दौरा किया। यह ज्ञात नहीं है कि २०२४ में कितने अमेरिकी नागरिकों ने टीएआर का दौरा किया, लेकिन कुल मिलाकर अमेरिकी संख्या २०१९ की संख्या से कम रहने का अनुमान है।
तिब्बती मूल के अमेरिकी नागरिकों को टीएआर का दौरा करने के लिए चीनी वीजा या यात्रा परमिट के लिए आवेदन करते समय अन्य अमेरिकी नागरिकों की तुलना में सख्त जांच प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। उनके आवेदनों को यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (यूएफडब्ल्यूडी) द्वारा जांच-पड़ताल की जाती है। उन्हें अक्सर तिब्बती क्षेत्र में किसी रिश्तेदार या मेजबान से प्राप्त एक पत्र दिखाना होता है, चीनी दूतावास में तिब्बती मामलों के प्रभारी या वाणिज्य दूतावास अधिकारी के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार देना होता है और प्राकृतिककरण प्रमाण-पत्र लेना होता है, जन्म प्रमाण-पत्र, स्कूल और कार्य रिकॉर्ड, शपथ-पत्र और अन्य दस्तावेजों की प्रतियां आदि जमा करना होता है। तिब्बती अमेरिकियों ने चीन के अन्य क्षेत्रों की तुलना में तिब्बती क्षेत्रों में सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लगातार उत्पीड़न की अधिक सूचना दी, जिसमें स्थानीय यूएफडब्ल्यूडी कार्यालय में रिपोर्ट करने की आवश्यकताएं शामिल हैं जहां कुछ लोगों से कथित तौर पर पूछताछ की गई, धमकी दी गई और उन्हें अपने मोबाइल फोन पर ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया गया। तिब्बती अमेरिकी समुदाय के कुछ सदस्यों ने बताया इन बाधाओं के बावजूद, तिब्बती मूल के अमेरिकी या यूरोपीय पासपोर्ट रखने वाले लोगों ने भी पिछले वर्षों की तुलना में टीएआर तक अधिक आवागमन किया। यह जानकारी वास्तविक है, तिब्बती अमेरिकियों को जारी किए गए वीज़ा की संख्या पर कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
पत्रकार
बीजिंग ने अमेरिकी पत्रकारों को टीएआर क्षेत्र में आवागमन पर कड़ा प्रतिबंध लगा रखा है। चीनी नियमों के तहत अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को टीएआर क्षेत्रों के अलावा चीन के किसी भी हिस्से में यात्रा करने के लिए पूर्व अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती है। चीन में स्थित अंतरराष्ट्रीय प्रेस कोर के पेशेवर संगठन- फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब ऑफ चाइना (एफसीसीसी) के अनुसार, सरकार ने अमेरिकी पत्रकारों द्वारा टीएआर क्षेत्र का दौरा करने और वहां से रिपोर्ट भेजने के अधिकांश अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया है। जब कभी चीनी सरकार ने वहां जाने की अनुमति दी भी है तो सुरक्षा अधिकारियों ने हर समय इन पत्रकारों की गतिविधियों की निगरानी की और इनकी गतिविधियों को नियंत्रण में रखा है। एफसीसीसी की २०२३ की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, केवल एक विदेशी पत्रकार को टीएआर की यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। चीनी सरकार व्यक्तिगत अनुमति नहीं देती बल्कि चीनी अधिकारियों द्वारा चुने गए पंजीकृत पत्रकारों को ही क्षेत्र के संगठित सामूहिक दौरों की अनुमति देती है।
अगर कभी अमेरिकी पत्रकारों को तिब्बती क्षेत्रों में जाने की अनुमति दी भी गई तो चीनी सरकार ने वहां के तिब्बतियों को डरा-धमकाकर उनसे बातचीत करने से रोका। और इस तरह अमेरिकी पत्रकारों को तिब्बत के बारे में रिपोर्ट करने के सारे स्रोतों को ही दबा दिया।
इसी तरह से सामूहिक पर्यटन कराने की नीति को सरकार ने क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और अधिक आवागमन वाला बताया है। हालांकि जानकारी देने पर पर सख्त नियंत्रण बनाए रखा है।
तिब्बती और गैर-तिब्बती क्षेत्रों के बीच आवागमन के स्तर की तुलना
राजनयिक और अन्य अधिकारी
पहले अमेरिकी राजनयिकों और अन्य अधिकारियों को टीएआर के बाहर तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए आवेदन नहीं करना पड़ता था। हालांकि कभी-कभी कुछ विशेष क्षेत्रों तक आवागमन अवरुद्ध हो जाती थी और स्थानीय सरकार, धार्मिक और सामुदायिक नेताओं के साथ बैठकों के लिए स्थानीय विदेश मामलों के कार्यालय (एफएओ) की अनुमति लेनी होती थी। यह नियम पूरे चीन में कई इलाकों के लिए आम था। चीनी सुरक्षा कर्मियों ने टीएआर के बाहर तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा करने वालों को डराने के लिए विशिष्ट निगरानी का इस्तेमाल किया है। सरकार द्वारा नामित निगरानीकर्ताओं ने राजनयिकों और अधिकारियों का पीछा किया, उन्हें स्थानीय संपर्कों से मिलने या बात करने से रोका, उनसे पूछताछ की और उनकी आवाजाही को प्रतिबंधित किया है। सिचुआन प्रांत में कर्दज़े (चीनी: गंजी) तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर (टीएपी) और न्गाबा (चीनी: आबा) टीएपी के तिब्बती क्षेत्रों में मठों तक उनकी आवाजाही को सीमित कर दिया गया। हाल के वर्षों में युन्नान, सिचुआन, गांसू और किंगहाई प्रांतों के तिब्बती क्षेत्रों में दौरे के दौरान स्थानीय अधिकारियों ने अमेरिकी राजनयिकों पर निगरानी रखी है और कई मामलों में उन्हें कुछ मठों में प्रवेश करने से रोक दिया, कुछ विशेष सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, उन्हें स्थानीय वार्ताकारों के साथ बैठक या बातचीत करने से रोका तथा उनकी बातचीत पर नजर रखी।
पर्यटक
अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को कभी-कभी टीएआर के बाहर तिब्बती क्षेत्रों की यात्रा करने पर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। कुछ विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया जाता है। इनमें प्रमुख मठों वाले क्षेत्र या विरोध गतिविधियों के इतिहास वाले क्षेत्र शामिल हैं, जैसे कि न्गाबा (जहां २००८ के विद्रोह के बाद कई आत्मदाह हुए)।
पत्रकार
पत्रकारों को टीएआर के बाहर के क्षेत्रों में, जहां तिब्बती आबादी ठीकठाक संख्या में है, यात्रा करने की अनुमति दी जाती है। हालांकि उनकी बहुत कठोर निगरानी की जाती है। कुछ क्षेत्रों से उन्हें सीधे तौर पर जाने से रोका जाता है और सरकार द्वारा धमकाया गया है। एफसीसीसी की २०२३ की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पत्रकारों को टीएआर के बाहर तिब्बती क्षेत्रों में रिपोर्टिंग करते समय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। द इकोनॉमिस्ट के पत्रकारों ने जुलाई २०२४ में तिब्बती छात्रों के लिए बोर्डिंग स्कूलों पर रिपोर्ट करने के लिए किंघई के एक तिब्बती क्षेत्र की यात्रा के दौरान लगातार पुलिस निगरानी का वर्णन किया है।
२०२४ और २०२३ के बीच आवागमन के स्तर की तुलना
राजनयिक और अन्य अधिकारी
तिब्बतियों के पास जाने की सुविधा २०२४ में बेहतर नहीं हुई। चीन ने विदेशी राजनयिकों के दौरे की व्यवस्था की और टीएआर में कार्यक्रम खुद आयोजित किए। ऐसी व्यवस्थाएं सरकार द्वारा सख्ती से व्यवस्थित और प्रबंधित की गईं और टीएआर के लोगों के साथ सार्थक बातचीत को रोकने के लिए हरसंभव व्यवस्थाएं की गईं।
पत्रकार
एफसीसीसी की २०२३ की वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि विदेशी पत्रकारों के लिए टीएआर क्षेत्र में जाने पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध है। रिपोर्टरों को विशेष अनुमति के लिए सरकार से आवेदन करना होता या चीन की स्टेट काउंसिल या विदेश मंत्रालय (एमएफए) द्वारा आयोजित प्रेस टूर में शामिल होना होता है। २०२३ में केवल एक पत्रकार को अनुमति दी गई।
तिब्बती क्षेत्रों में यात्रा को बाधित करने वाले परमिट प्रणाली और अन्य उपाय
ऊपर वर्णित परमिट और अन्य प्रतिबंधों के अलावा, जिन पर्यटकों के तिब्बत यात्रा परमिट के अनुरोध को चीनी सरकार ने पिछले वर्षों में स्वीकार किया है, उन्हें टीएआर जाने में एक बार बाधा का सामना करना पड़ा है। टीएआर में सक्रिय ट्रैवल एजेंटों के अनुसार, तिब्बत यात्रा परमिट से टीएआर के सभी क्षेत्रों की यात्रा नहीं की जा सकती है। कुछ क्षेत्र आम तौर पर आगंतुकों के लिए बंद हैं और वहां जाने के लिए टीएआर पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो से पूरक अनुमति की आवश्यकता होती है। माउंट एवरेस्ट जैसे कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में जाने की योजना बनाने वाले पर्यटकों को भी सैन्य मामलों के कार्यालय से सैन्य क्षेत्र प्रवेश परमिट और टीएआर एफएओ से विदेशी मामलों के परमिट लेनी होती है। चीनी सरकार ने टीएआर की यात्रा करने की अनुमति देने की अपनी नीति का खुलासा नहीं किया, न ही उसने टीएआर का दौरा करने के लिए अमेरिकी नागरिकों को यात्रा परमिट जारी करने में शामिल अधिकारियों के नाम बताए। ऐतिहासिक रूप से, बीजिंग के अधिकारियों ने टीएआर का दौरा करने के प्रत्येक अमेरिकी के आधिकारिक अनुरोध का मामला-दर-मामला मूल्यांकन किया। टीएआर एफएओ को आम तौर पर किसी भी आधिकारिक यात्रा के लिए एक राजनयिक नोट की आवश्यकता होती है। एक बार जब टीएआर सरकार को अनुरोध प्राप्त होता है तो वह कथित तौर पर विदेशी मामलों की अग्रणी समिति को सूचित करता है। इसमें यूएफडब्ल्यूडी, राज्य सुरक्षा मंत्रालय, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और एमएफए के प्रिफेक्चुरल, प्रांतीय और केंद्रीय स्तर के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह समिति इन अनुरोधों की समीक्षा करती है। हालांकि अक्सर इस तरह के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जाता है।