
धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के शिक्षा विभाग की कलोन (मंत्री) थरलम डोल्मा चांगरा ने ०२ जून २०२४ को तिब्बती स्कूल एसईईएल कार्यक्रम में भाग लेनेवालों के विशेष प्रशिक्षण के लिए एसईई लर्निंग (एसईईएल) और संज्ञानात्मक आधारित करुणा प्रशिक्षण (सीबीसीटी) पर पांच दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
शिक्षा कलोन ने अपने मुख्य भाषण में कहा, ‘हमने देखा है कि एक नैतिक समाज में अशिक्षित लोग सामाजिक मुद्दों को नहीं उठा पाते हैं। हालांकि, पूरी तरह से शिक्षित होने के बाद भी कोई नैतिक आचार नहीं रखने वाले लोग भी ऐसा करते हैं। चूंकि खुद में नैतिकवान होना महत्वपूर्ण है, इसलिए शिक्षा विभाग ने स्कूलों में एसईई लर्निंग की धारणा को आगे बढ़ाया है और शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को प्रशिक्षण की शृंखला प्रदान की है।’ कलोन ने कार्यशाला के प्रशिक्षकों की बड़ी प्रशंसा की और प्रतिभागियों को कार्यशाला से सीखी गई बातों को अपने-अपने स्कूलों में आचरण में लाने के लिए प्रोत्साहित किया। कलोन ने कहा, ‘शिक्षा विभाग का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी तिब्बती स्कूली छात्रों को मानकीकृत शिक्षा और नैतिक आचरण प्रदान की जाए। यह सर्वविदित है कि आज के समाज में समस्याओं का मुख्य कारण नैतिकता की कमी है।’
कार्यशाला के समापन समारोह में शिक्षा कलोन के अलावा एमोरी विश्वविद्यालय से कार्यकारी निदेशक प्रो. लोबसांग तेनजिन नेगी और एसईई लर्निंग के सहायक निदेशक और कार्यक्रम के प्रायोजक त्सोंडु सम्फेल उपस्थित रहे। शिक्षा विभाग के शिक्षा परिषद के अतिरिक्त सचिव तेनजिन पेमा भी विभिन्न तिब्बती स्कूलों के ३८ प्रतिभागियों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कार्यशाला का पूरा वित्तीय खर्च दानिडा द्वारा वहन किया गया था।