भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर चीन द्वारा तिब्बत में १० लाख तिब्बती बच्चों को जबरन आत्मसात करने और अलग रखने के प्रति चेताया

February 6, 2023


tibet.net

जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र के तीन स्वतंत्र विशेषज्ञों के एक समूह ने ०६ फरवरी को कड़े शब्दों में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में औपनिवेशिक शैली के बोर्डिंग स्कूलों में १० लाख से अधिक तिब्बती बच्चों को उनके परिवारों से जबरन अलग करने और तिब्बती संस्कृति को आत्मसात करने की नीति के लिए चीन की कड़ी निंदा की। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए चीनी सरकार के साथ हुई अपनी बातचीत सार्वजनिक की थी।

प्रेस विज्ञप्ति में अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रिपोर्टियर श्री फर्नांड डी. वारेनस, शिक्षा के अधिकार पर विशेष दूत सुश्री फरीदा शाहीद और सांस्कृतिक अधिकार मामले की विशेष दूत सुश्री एलेक्जेंड्रा ज़ांथकी ने संयुक्त रूप से ‘आवासीय विद्यालय प्रणाली के माध्यम से तिब्बती लोगों को सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई रूप से आत्मसात करने’ के उद्देश्य से लागू चीनी नीतियों पर चिंता व्यक्त की। विशेषज्ञों ने चेताया कि करीब दस लाख तिब्बती बच्चे इस नीति से प्रभावित हुए हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि वे ‘तिब्बती बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय प्रणाली’ से परेशान हैं, जो हाल के वर्षों में तिब्बतियों को बहुसंख्यक हान संस्कृति में विलीन करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने के कार्यक्रम चलाता हुआ प्रतीत होता है।

चीन के अधीन तिब्बत के बच्चों को तिब्बती भाषा, इतिहास और संस्कृति की जगह मंदारिन भाषा में अनिवार्य शिक्षा देने के पाठ्यक्रम का वर्णन करते हुए संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा, ‘इसका परिणाम यह हुआ है कि तिब्बती बच्चे अपनी मूल भाषा से अनभिज्ञ हो रहे हैं। तिब्बती भाषा में अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ आसानी से बात करने की उनकी क्षमता नष्ट हो रही है और इससे उनकी पहचान पर संकट मंडरा रहा है जो उन्हें हान संस्कृति में विलीन होने की ओर ले जाता है।

विशेषज्ञों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि तिब्बत में आवासीय विद्यालयों की संख्या चीन के अन्य क्षेत्रों की तुलना में बहुत अधिक है और यह हाल के वर्षों में बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा कि तिब्बती आबादी वाले क्षेत्रों में ग्रामीण स्कूलों को जबरन बंद करने और टाउनशिप या राष्ट्रीय स्तर के स्कूलों में बदले जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। असल में टाउनशिप या राष्ट्रीय स्तर के स्कूल विशेष रूप से शिक्षण और संचार में चीनी भाषा का उपयोग करते हैं। इस कारण भी तिब्बत में आवासीय स्कूलों की संख्या बढ़ी है।

विशेषज्ञों ने तिब्बती शिक्षण, धार्मिक और भाषाई संस्थानों के खिलाफ शृंखलाबद्ध दमनकारी कार्रवाइयों के माध्यम से तिब्बती सांस्कृतिक पहचान को हान वर्चस्व वाले चीनी बहुमत में ‘जबरन विलीन’ करने की चीनी नीति पर चिंता व्यक्त की। विशेषज्ञों ने तिब्बती भाषा और शिक्षा की वकालत करने वाले तिब्बती कार्यकर्ताओं के प्रति चीन के अनवरत उत्पीड़न पर भी ध्यान आकृष्ट किया। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने कहा कि वे नवंबर २०२२ में चीन के साथ किए गए संवाद में उठाए गए उपर्युक्त मुद्दों के संबंध में चीनी अधिकारियों के संपर्क में हैं।

प्रतिनिधि थिनले चुएक्यी ने कहा कि ‘यह तिब्बत पर संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों द्वारा जारी पहली प्रेस विज्ञप्ति में से एक है। इसमें तिब्बत में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का विवरण दिया गया है और हम आशा करते हैं कि तिब्बत में गंभीर स्थिति को देखते हुए कई लोग इसी तरह की प्रतिक्रिया देंगे। उन्होंने बताया कि तिब्बत दुनिया में सबसे कम आजाद क्षेत्र है। जैसा कि विशेषज्ञों ने उल्लेख किया है कि भले ही चीन के अन्य हिस्सों में कई आवासीय विद्यालय हैं, लेकिन तिब्बत में उनकी संख्या बहुत अधिक है। यह तिब्बती भाषा, संस्कृति और धर्म को नष्ट करने के चीन के ठोस और व्यवस्थित प्रयासों की ओर इशारा करता है। हम विशेषज्ञों से आह्वान करते हैं कि वे चीन के साथ बातचीत कर इन तथाकथित आवासीय विद्यालयों को बंद करने और इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए दबाव डालें।


विशेष पोस्ट

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

भारत-तिब्बत सहयोग मंच की 26वीं वर्षगांठ के समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ शामिल हुईं कलोन डोल्मा ग्यारी

7 May at 10:35 am

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने भारत का ७६वां गणतंत्र दिवस मनाया

26 Jan at 10:14 am

संबंधित पोस्ट

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने टोरंटो में कनाडाई सांसद जेम्स मैलोनी, करीम बार्डेसी और पूर्व मंत्री आरिफ विरानी से मुलाकात की।

1 day ago

सांसद तेनपा यारफेल और फुरपा दोरजी ग्यालधोंग ने नेपाल में लो-त्सेरोक नामग्यालिंग का दौरा किया

1 day ago

तिब्बती बस्ती अधिकारी डॉ. त्सेवांग फुंत्सोक ने देहरादून में 2569वें वैशाख बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

2 days ago

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

3 days ago

शेरब नांगजे वीकेंड स्कूल ने प्रेम और दयालुता पर प्रकाश डालते हुए मातृ दिवस समारोह का आयोजन किया

3 days ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: indiatibet7@gmail.com

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service