
प्राग (चेक गणराज्य)। सिक्योंग पेन्पा शेरिंग १३ अक्तूबर की सुबह-सुबह प्राग पहुंचे, जो उनके यूरोपीय दौरे का अंतिम पड़ाव था। यहाँ वे १३ से १५ अक्तूबर तक होने वाले २८वें फोरम २००० में भाग लेंगे। सिक्योंग की यात्रा का पहला दिन तिब्बत समर्थक समूहों- पोटाला हिमालयन सेंटर की प्रतिनिधि जुज़ाना और लुंगटा की प्रतिनिधि एडिटा क्लेकरोवा के साथ बैठक के साथ शुरू हुआ। उनकी चर्चा परम पावन दलाई लामा के आगामी ९०वें जन्मदिन समारोह की योजनाओं पर केंद्रित थी, जिसमें परियोजना कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान दिया गया।
बातचीत के दौरान प्रतिनिधियों ने परम पावन की वर्तमान सेहत के बारे में चेक मीडिया में अपर्याप्त जागरुकता के बारे में चिंता व्यक्त की। इस कारण वहां पर परम पावन के स्वास्थ्य और तिब्बतियों, विशेष रूप से तिब्बत में रहने वालों की स्थिति के बारे में पूछताछ हुई। इस बैठक के बाद सिक्योंग ने ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ के लियाम स्कॉट और जेसिका जेरेट को साक्षात्कार दिया। इसमें उन्होंने चीन द्वारा राष्ट्रों की सीमाओं के परे जाकर दमनात्मक कार्रवाई किए जाने के मुद्दे को उठाया और तिब्बत-चेक गणराज्य संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।
सिक्योंग पेन्पा शेरिंग ने शाम को २८वें फोरम २००० में अर्जेंटीना के चैंबर ऑफ डेप्युटीज के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माननीय फर्नांडो इग्लेसियस और चेक गणराज्य में अर्जेंटीना के राजदूत माननीय क्लाउडियो जे. रोज़ेंक्वेग के साथ बैठक की। माननीय फर्नांडो इग्लेसियस ने एक पत्रकार के रूप में अपने व्यापक अनुभव और ज्ञान का उपयोग करते हुए चीनी इतिहास की गहन समझ दिखाई और मानवाधिकारों के प्रति अपना दृढ़ समर्थन व्यक्त किया और उत्पीड़न से पीड़ित लोगों के लिए चिंता व्यक्त की। सिक्योंग पेन्पा शेरिंग ने दोनों गणमान्य व्यक्तियों को ‘तिब्बत ब्रीफ २०२०’ और तिब्बत पर प्रोफेसर लाउ की पुस्तक के बारे में व्यापक समीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित किया उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे चीनी सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष प्रचारित कथानक को स्वीकार करने के बजाय इन सामग्रियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
दिन भर के कार्यक्रमों का समापन प्रतिष्ठित प्राग कांग्रेस सेंटर में आयोजित २८वें फोरम २००० के उद्घाटन और पुरस्कार समारोह के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में दुनिया भर से गणमान्य लोग एकत्रित हुए। सम्मेलन का विषय लोकतंत्र था। ताइवान की पूर्व राष्ट्रपति महामहिम साई इंग-वेन और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग पेन्पा शेरिंग प्रमुखता से अग्रिम पंक्ति में बैठे थे। उद्घाटन समारोह में मुख्य वक्ताओं में चेक गणराज्य के सीनेट के अध्यक्ष माननीय मिलोस विस्ट्रिल और वाल्टर रसेल मीड शामिल थे। मीड ने वर्तमान वैश्विक स्थिति की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा, ‘१९४० के दशक के बाद से लोकतंत्र इस तरह के खतरे में नहीं रहा है जितना अभी है और १९३० के दशक के बाद से दुनिया किसी प्रमुख शक्ति संघर्ष के इतने करीब नहीं रही है।’ उन्होंने स्वतंत्र देशों में व्यक्तियों द्वारा प्रदर्शित जिम्मेदारी और साहस की कमी पर प्रकाश डाला, जिसने चीन और अन्य जैसे देशों की भूराजनीतिक विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं को बल मिला है। वक्ताओं ने बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच सामूहिक रूप से लोकतंत्र की रक्षा करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। इस तरह इस कार्यक्रम ने गणमान्य व्यक्तियों को सार्थक संवाद में शामिल होने और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए विशिष्ट मंच प्रदान किया।






