
धर्मशाला। निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्यों- खेन्पो जामफाल तेनजिन, शेरिंग डोल्मा, चोएडक ग्यात्सो और तेनजिन फुंटसोक डोरिंग से मिलकर गठित संसदीय प्रतिनिधिमंडल ऑस्ट्रेलिया में अपनी एडवोकेसी के प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।
१९ अगस्त २०२४ को प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बत सूचना कार्यालय में ऑस्ट्रेलिया-तिब्बत परिषद के कार्यकारी अधिकारी डॉ. ज़ो बेडफोर्ड के साथ बैठक की, जहां डॉ. बेडफोर्ड ने सुबह ऑस्ट्रेलिया के लोकतांत्रिक कामकाज का परिचय दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई बौद्धिक मामलों के संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. ब्रायस वेकफील्ड के साथ एक बैठक हुई। इस बैठक में तिब्बती प्रतिनिधियों ने तिब्बत की गंभीर स्थिति के बारे में उनके साथ संवाद किया।
इसके बाद, तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑस्ट्रेलियन ऑल पार्टी पार्लियामेंटरी ग्रुप फॉर तिब्बत के सदस्यों के साथ बैठक की। उन्हें १२-सूत्रीय अपील-पत्र सौंपा गया और तिब्बत की वर्तमान गंभीर स्थिति से अवगत कराया गया। बैठक बहुत रचनात्मक रही और ऑस्ट्रेलियाई सांसदों ने हमें आश्वासन दिया कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे। बैठक में सीनेटर डेबोरा ओ‘नील, सांसद सुसान टेम्पलमैन, सीनेटर डीन स्मिथ, पूर्व उप प्रधानमंत्री और सांसद माइकल फ्रांसिस मैककॉर्मैक और सदन के पूर्व अध्यक्ष और सांसद एंड्रयू ब्रूस वालेस की गरिमामय उपस्थिति थी। उन्होंने मैकेलर्स से संघीय सांसद डॉ. सोफी स्कैम्प्स से भी मुलाकात की।
दौरे पर आए तिब्बती संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में उक्त सांसदों ने न्यूकैसल के संघीय सांसद और प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष शेरोन क्लेटन और सीनेटर जॉर्डन अलेक्जेंडर स्टील-जॉन के साथ संसद में रात्रिभोज का आयोजन किया।
प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रतिनिधि कर्मा सिंगे, चीनी संपर्क अधिकारी दावा सांग्मो और तिब्बत सूचना कार्यालय के सचिव ल्हावांग ग्यालपो, ऑस्ट्रेलिया-तिब्बत परिषद के डॉ. ज़ो बेडफोर्ड और कैनबरा तिब्बती समुदाय के कार्यकारी सदस्य थुप्टेन भी थे।