
धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेन्पा शेरिंग को १३ जून २०२४ को वाशिंगटन डीसी में तिब्बतियों की ओर से लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा करने में उनके विशिष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित लोकतंत्र सेवा पदक से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर एमेरिटस नैन्सी पेलोसी, अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल, जेल में बंद रूसी विपक्षी नेता व्लादिमीर कारा-मुर्ज़ा और फ्री बेलारूस की नेता स्वियातलाना शिखानौस्काया सहित कई अन्य प्रमुख हस्तियों को भी इस समारोह में सम्मानित किया गया।
कल १३ जून को नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी (एनईडी) द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य प्रतिनिधि जोआक्विन कास्त्रो ने सिक्योंग पेन्पा शेरिंग को लोकतंत्र सेवा पदक प्रदान करते हुए टिप्पणी की, ‘भले ही हमारे देश का राजनीतिक रूप से ध्रुवीकरण हो गया हो, फिर भी दशकों से अमेरिकी कांग्रेस ने तिब्बत के लोगों के लिए दृढ़ और सर्वसम्मत समर्थन बनाए रखा है। कल ही मैंने प्रतिनिधि सभा में अपने सहयोगियों के साथ दोनों दलों द्वारा पेश ‘रिज़ोल्व तिब्बत ऐक्ट’ पारित किया है, जिस पर राष्ट्रपति बिडेन जल्द ही हस्ताक्षर करेंगे। यह कानून तिब्बत के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा और इसके भविष्य के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराएगा।’
प्रतिनिधि जोआक्विन कास्त्रो ने आगे कहा, ‘जैसा कि आप जानते हैं, तिब्बती लोगों का एक लंबा और गौरवशाली इतिहास रहा है। यह इतिहास तिब्बत की ऐतिहासिक भूमि में गहराई से निहित है। हाल के वर्षों में तिब्बती लोगों के खिलाफ बलपूर्वक जनसंख्या का स्थानांतरण और अन्य अपराधों में खतरनाक वृद्धि हुई है। इसके बावजूद तिब्बत के नेताओं, विशेष रूप से निर्वासित तिब्बती सरकार के नेताओं ने अपने देशवासियों के बीच अपनी छवि को जीवंत रखने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है।’
निर्वासित तिब्बतियों द्वारा २०२१ के सिक्योंग चुनाव में ७७% मतदान का उल्लेख करते हुए प्रतिनिधि ने कहा कि ‘यह निर्वासित सरकार के इतिहास में सबसे अधिक मतदान था और तिब्बत के भीतर लोकतंत्र की लालसा का एक शक्तिशाली संकेत था।’ उन्होंने कहा, ‘सिक्योंग पेन्पा शेरिंग ने पदभार संभालने के बाद से चीन के दुनिया भर में प्रभाव का मुकाबला करने के लिए काम किया है और तिब्बत के सहयोगियों को तिब्बत के भीतर सांस्कृतिक पहचान के दमन के खिलाफ बोलने के लिए संगठित किया है। उन प्रयासों के लिए उनके विशिष्ट योगदान को देखते हुए नेशनल एंडोमेंट फ़ॉर डेमोक्रेसी की ओर से सिक्योंग पेन्पा शेरिंग को २०२४ का लोकतंत्र सेवा पदक प्रदान करना मेरे लिए सम्मान की बात है।’
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में सिक्योंग पेन्पा शेरिंग ने कहा, ‘मैं एनईडी बोर्ड के सदस्यों और इसके पिछले नेता हॉल कुशमैन को धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने कई वर्षों तक तिब्बतियों के साथ मिलकर काम किया है और एनईडी में उनका ३० से अधिक वर्षों का करियर है। इसके साथ ही वर्तमान नेता डेमन विल्सन और उनकी टीम को इस सेवा पदक से हमें सम्मानित करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ।’
अपने साथ ही इस पुरस्कार से सम्मानित हुई हस्तियों को हार्दिक बधाई देते हुए सिक्योंग ने कहा, ‘मैं एक बहुत ही साधारण व्यक्ति हूं, मैं बस परम पावन की इच्छाओं का अनुसरण करने का प्रयास करता हूँ, आज तिब्बतियों के पास जो कुछ भी है, उसका श्रेय परम पावन १४वें दलाई लामा को जाता है। सिक्योंग ने कहा, ‘वह इसके निर्माता हैं; आज हम जो कुछ भी हैं या जो कुछ भी हमारे पास है, उसके पीछे उनकी ही आत्मा है। मैंने व्यक्तिगत रूप से उतना योगदान नहीं दिया है जितना आप उम्मीद करते हैं। तिब्बती लोगों के लिए मेरी सेवा के केवल ३० वर्ष हुए हैं और यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है जिनकी मैं सेवा करता हूं। वे तिब्बती लोग हैं और उनका प्रतिनिधि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन है।’
निर्वासित तिब्बती समुदाय की मजबूत और पूरी तरह गतिशील तिब्बती लोकतांत्रिक राजनीति के साक्ष्य के तौर पर सिक्योंग ने केंद्रीय तिब्बती प्रशासन में तीन लोकतांत्रिक स्तंभों की उपस्थिति को स्पष्ट किया और आगे तीन स्वायत्त निकायों, अर्थात् चुनाव आयोग, महालेखा परीक्षक का कार्यालय, और लोक सेवा आयोग के अतिरिक्त सरकार में सात मंत्रालयों के वजूद के बारे में विस्तार से बताया। इसके लिए उन्होंने भारत और अमेरिका की सरकारों के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया।
इसके अलावा, सिक्योंग ने तिब्बत के भीतर सांस्कृतिक संहार के चिंताजनक तरीके के बारे में बात की, जो चीन द्वारा विविध पहचानों की कीमत पर एकसंस्कृतिवाद को बढ़ावा देने और विभिन्न तरीकों से तिब्बती लोगों के दमन के कारण बढ़ रहा है। उन्होंने कहा ‘ऐसे कई अन्य मुद्दे हैं, जिन्हें आप अमेरिका और दुनिया के अन्य स्वतंत्र देशों में में आम तौर पर देखते हैं, तिब्बत में मौजूद नहीं हैं।’ इस अवसर पर सिक्योंग ने दोनों पक्षों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने वाले ‘तिब्बत समाधान अधिनियम’ को आगे बढ़ाने में समर्थन देने के लिए अमेरिकी प्रतिनिधियों और अमेरिकी कांग्रेस के महिला-पुरुष सांसदों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी देशों से यह भी कहता हूं कि एक ओर तो वे कहते हैं कि तिब्बत पीआरसी का हिस्सा है और दूसरी ओर वे कहते हैं कि हम परम पावन दलाई लामा के प्रतिनिधियों और चीनी सरकार के बीच वार्ता का समर्थन करते हैं। इस पर मैं उनसे कहना चाहता हूं कि ऐसा कहकर आप वार्ता के लिए आधार ही खत्म कर रहे हैं, क्योंकि तिब्बत को पीआरसी का हिस्सा मानने वाले देश अनजाने में परम पावन दलाई लामा के प्रतिनिधियों और चीनी सरकार के बीच वार्ता के प्रयासों को कमजोर कर रहे हैं।’
अपने संबोधन का समापन करते हुए सिक्योंग ने कहा, ‘हम इस दुनिया में स्वतंत्र पैदा हुए हैं, सभी मनुष्य स्वतंत्र रहने के लिए ही पैदा हुए हैं न कि शारीरिक या मानसिक रूप से गुलाम होने के लिए। लेकिन तिब्बत के अंदर ठीक यही हो रहा है और हमें आपके समर्थन की पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।’
यह पदक लंबे समय से तिब्बत समर्थक अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर एमेरिटस नैन्सी पेलोसी को भी दुनिया भर में लोकतंत्र के पैरोकारों और इसके लिए बहुत बड़ा जोखिम उठाने वालों को मुखर समर्थन के लिए प्रदान किया गया। वह खास तौर पर ताइवान और यूक्रेन सहित लोकतांत्रिक सहयोगियों के लिए अपनी आवाज उठाती रही हैं।
इसी समय, तिब्बत एक्शन इंस्टीट्यूट को तिब्बत में सरकारी औपनिवेशिक प्रणाली के आवासीय स्कूलों में तिब्बती बच्चों को जबरन दाखिला देकर उनकी पहचान मिटाने के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रयासों का दस्तावेजीकरण करने के लिए इस वर्ष के लोकतंत्र पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार क्षेत्रीय मानवाधिकार केंद्र और वेई संगठन को भी प्रदान किया गया।
१९९९ से एनईडी ने कई अलग- अलग क्षेत्रों में काम करने वाले उन व्यक्तियों को लोकतंत्र सेवा पदक से सम्मानित किया है, जिन्होंने व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के माध्यम से स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की उन्नति और लोकतांत्रिक संस्थानों के निर्माण के लिए अपने समर्पण का प्रदर्शन किया है।



