
वाशिंगटन डीसी। सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने ०७ अप्रैल २०२४ को विभिन्न बौद्ध धार्मिक केंद्रों के प्रतिनिधियों की एक बैठक टोरंटो स्थित तिब्बत-कनाडा सांस्कृतिक केंद्र में बुलाई। इस बैठक में उन्होंने परम पावन १४वें दलाई लामा के पुनर्जन्म के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित करने और परम पावन की ९०वीं जयंती को पूरे एक वर्ष तक मनाने के कार्यक्रमों पर चर्चा कर एक संयुक्त बयान जारी करने को लेकर सहमति बनाने का प्रयास किया।
बैठक में प्रतिनिधि डॉ. नामग्याल चोएडुप के स्वागत भाषण के बाद सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने २००७ के बाद से परम पावन दलाई लामा के पुनर्जन्म के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बढ़ते हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया। हालांकि, सितंबर २०११ में ही परम पावन ने अपने पुनर्जन्म के संबंध में आदरणीय उच्च लामाओं के साथ चर्चा कर योजना की घोषणा कर दी थी। सिक्योंग ने धार्मिक केंद्रों को चीन के हस्तक्षेप की निंदा करते हुए एक संयुक्त घोषणा- पत्र जारी करने के लिए प्रोत्साहित किया। सिक्योंग ने जोर देकर कहा कि बयान में इस बात का जिक्र होना चाहिए कि इस मुद्दे पर निर्णय लेना परम पावन का विशेषाधिकार है और परम पावन जो भी निर्णय लेते हैं उसका सम्मान किया जाना चाहिए। सिक्योंग ने दलाई लामा परंपरा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए गाडेन फोडरंग संस्था के अधिकार के महत्व पर भी जोर दिया।
इसके अलावा, सिक्योंग ने परम पावन की ९०वीं जयंती पर कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए एक साल तक उत्सव आयोजित करने की कशाग की योजना में योगदान करने का भी आह्वान किया। यह जयंती उत्सव २०२५ में परम पावन के जन्मदिन से शुरू होकर अगले वर्ष के जन्मदिन तक चलेगा।
सिक्योंग द्वारा संबोधन समाप्त करने के बाद विभिन्न बौद्ध धार्मिक केंद्रों के प्रतिनिधियों ने सिक्योंग और कशाग के प्रयासों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
-ओओटी वाशिंगटन डीसी द्वारा तैयार रिपोर्ट
