अमर उजाला, 19 नवंबर, 2011
धर्मशाला: तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने तिब्बत में विरोध स्वरूप आत्मदाह की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह ऐसी घटनाओं को प्रोत्साहित नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि वह बौद्ध भिक्षुओं के आत्मदाह की बढ़ती घटनाओं से चिंतित हैं।
एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में दलाई लामा ने कहा कि कोई शक नहीं कि ऐसी घटनाओं के लिए साहस चाहिए लेकिन इसके प्रभावशाली होने पर प्रश्नचिह्न है। चीनी नीतियों के विरोध, तिब्बत की स्वतंत्रता एवं दलाई लामा की स्वदेश वापसी की मांग को लेकर तिब्बत में 11 लोगों ने आत्मदाह किया है।
तिब्बती लोगों के खिलाफ कार्रवाई की आशंका के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कई तिब्बतियों ने अपनी जिंदगी कुर्बान की है। कोई नहीं जानता कि कितने लोगों को प्रताड़ित किया गया और मार डाला गया। बहुत बड़ी संख्या में लोग कष्ट झेल रहे हैं। लेकिन इसका प्रभाव कितना है? चीन का रुख और कड़ा होता जा रहा है। इससे पहले आध्यात्मिक गुरु ने चीन से 60 वर्ष पुरानी अपनी तिब्बत नीति की समीक्षा करने की अपील की थी।