भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

जयपुर साहित्य महोत्सव में दलाई लामा बोले, भारत हमारा गुरु

January 25, 2013

आज तक, 25 जनवरी 2013

एक शांत सुबह के बाद दिग्गी पैलेस में इस कद्र भीड़ का उमड़ना अपने आप में अलग और खास है. जयपुर साहित्य महोत्सव में यह भीड़ अपने उस चहेते की एक झलक पाने को उमड़ रही थी, जिसके आने की सूचना ,केवल एक सप्ताह पहले की जारी की गई थी. और वह शख्सियत है दलाई लामा. भीड़ देखकर कहा जा सकता है कि यह फेस्टिवल एशिया का सबसे बड़ा लिटरेसी फेस्टिवल होगा. तिब्बतीयन धर्म गुरु दलाई लामा को सुनने के लिए इस फेस्टिवल में प्रवेश पाने को तकरीबन आधा किलोमीटर लंबी पंक्तिबद्ध होकर लोग प्रतीक्षा कर रहे थे. वे इस धर्म गुरु को सुनना चाहते थे.

दिग्गी पैलेस का फ्रंट लॉन भीड़ से इस तरह खचाखच भरा था कि वहां पैर रखने की जगह खोजना भी मुमकिन नहीं था. और बावजूद इसके कईयों को निराश होकर लौटना भी पड़ा. नोबल पुरस्कार पा चुके इस धर्म गुरु ने जब संबोधित किया तो कुछ ऐसा कहा जो देश के लिए गौरव की बात है. दलाई लामा ने कहा, ‘भारत हमारा गुरु है.’ और ‘हम इसके चेले हैं. हमने जो कुछ भी सीखा है, जाना है, हासिल किया है, वह भारत से ही हम तक पहुंचा है.’

बुद्धवाद का विज्ञान से नाते से लेकर भ्रष्टाचार और धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करके दलाई लामा ने यह भी जोड़ा कि मैं 77 वर्ष का हो गया हूं और भी संसार की खोज में हूं. तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा, ‘जो मैं सीख सकता हूं, हमेशा उसे सीखने का प्रयास करता हूं.’ ब्रिटिश उपन्यासकार पिको लिर से बात करते हुए दलाई लामा ने कहा कि मैं अब भी खुद का एक विद्यार्थी समझता हूं. सेशन के बाद लामा ने भारतीय समाज की प्रकृति के बारे में प्रश्नों के जवाब दिए, खासकर गैंगरेप की घटना के बारे में, जिसने युवा भारतीयों को सड़कों पर एकजुट कर दिया था.

दलाई लामा ने कहा, मुझे लगता है कि एक बड़े शहर में, 24 घंटे में, कोई न कोई कत्ल या रेप की घटना घटती ही है. यह चीजें हमेशा होती रहती हैं. निर्भर करता है कि हम इन घटनाओं को किस तरह देखते हैं. लामा कहते हैं, ‘साचिए, जब कोई किसी एक को मारता है तो हम उसे कातिल कहते हैं, परंतु जब कोई हजारों को मार डालता है तो हम उसे हीरो की संज्ञा देते हैं.’ हालांकि वह रेप के आरोप में मौत की सजा से सहमत तो नहीं हैं, पर कहते हैं यह तो देश के कानून का मामला है, देश को ही सोचना है कि इस तरह की घटनाओं के बाद किस तरह के कदम उठाए जाने सही होंगे. हर देश अपने तरीके से यह निर्धारित कर सकता है. फिर भी, वह कहते हैं कि इस तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए समाज में असमानता को कम करने की तरफ कदम उठाए जाने चाहिए, कानून व्यवस्था सही हो और जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए.

धर्म गुरु कहते हैं, हां यह जरूरी है कि महिलाओं के लिए खास सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए. लेकिन मुख्य सुरक्षा शिक्षा ही हो सकती है. केवल शिक्षा ही समाज में परिवर्तन ला सकती है. तिब्बत के इस धर्म गुरु को चीन की तरफ से हमेशा नकारा जाता रहा है, इस बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने किसी भी राजनीतिक प्रश्न का जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इतना ही कहा कि वह अब रिटायर हो चुके हैं.

दलाई लामा ने कहा कि भारत को अपने उत्तरी पड़ोसियों का साथ पाने के लिए कोई उपयुक्त रास्ता खोजना होगा. उन्होंने कहा यह 21वीं शताब्दी बातचीत की शताब्दी है. भूतकाल की तरह यदि आज हिंसा होती है तो यह दोनों पक्षों के लिए विनाशकारी साबित होगी… उन्होंने अपनी बात खत्म करने से पहले कहा, हमें याद रखना चाहिए ‘हिन्दी चीनी भाई भाई’.


विशेष पोस्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया गया

9 Sep at 10:50 am

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने 65वां तिब्बती लोकतंत्र दिवस मनाया

3 Sep at 10:45 am

पैंसठवें तिब्बती लोकतंत्र दिवस पर निर्वासित तिब्बती संसद का वक्तव्य

2 Sep at 10:32 am

परम पावन दलाई लामा लद्दाख में डेढ़ महीने से अधिक के प्रवास के बाद सुरक्षित धर्मशाला लौटे

2 Sep at 9:56 am

तिब्बती लोकतंत्र दिवस की पैंसठवीं वर्षगांठ पर कशाग का वक्तव्य

2 Sep at 9:38 am

संबंधित पोस्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया गया

6 days ago

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने 65वां तिब्बती लोकतंत्र दिवस मनाया

2 weeks ago

पैंसठवें तिब्बती लोकतंत्र दिवस पर निर्वासित तिब्बती संसद का वक्तव्य

2 weeks ago

परम पावन दलाई लामा लद्दाख में डेढ़ महीने से अधिक के प्रवास के बाद सुरक्षित धर्मशाला लौटे

2 weeks ago

तिब्बती लोकतंत्र दिवस की पैंसठवीं वर्षगांठ पर कशाग का वक्तव्य

2 weeks ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service