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दुनिया के सबसे बड़े मानवाधिकार फिल्म समारोह ‘वन वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल’ में राष्ट्रपति सांगेय का बीज भाषण

March 8, 2019

तिब्बत.नेट, 07 मार्च, 2019

प्राग। चेक गणराज्य के एक गैर सरकारी संगठन ‘पीपुल्स इन नीड’ के आमंत्रण पर सीटीए के अध्यक्ष डॉ लोबसांग सांगेय ने दुनिया के सबसे बड़े मानवाधिकार फिल्म समारोह ‘वन वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल’ के उद्घाटन समारोह में बीज भाषण दिया। इस समारोह की विशालता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में इसके 1,25,947 दर्शक थे। समारोह में डॉ सांगेय ने 2019 का होमो होमिनी अवार्ड भी प्रदान किया। यह अवार्ड इस वर्ष निकारागुआ के किसान और किसान अधिकार कार्यकर्ता फ्रांसिस्का रामरेज़ को दिया गया। ‘पीपुल्स इन नीड’ द्वारा यह पुरस्कार मानव अधिकारों, लोकतंत्र और शांति की पहल में अतुलनीय योगदान को देखते हुए किसी व्यक्ति को दिया जाता है।

वन वर्ल्ड के निदेशक ओन्ड्रेज कामेनिकी के स्वागत भाषण और मॉडरेटर लिंडा बार्टोसोवा द्वारा अपने परिचय के बाद डॉ सांगेय ने चीन के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और मानवाधिकारों पर चीनी विदेश नीति के प्रभावों पर अपना विशेष मुख्य भाषण दिया।

डॉ सांगेय ने फेलो कार्यकर्ता फ्रांसिस्का रामिरेज़ को होमो होमिनी पुरस्कार प्रदान करने पर खुद को सम्मानित महसूस किया और निर्वासन में रहने की उनकी भी स्थिति से खुद की तुलना की। फेस्टिवल की थीम ‘क्लोज प्रॉक्सिमिटी’ पर टिप्पणी करते हुए डॉ सांगेय ने बढ़ते राष्ट्रवाद और उग्रवाद के समय में इसकी प्रासंगिकता को रेखांकित किया, जहां उदारवाद और अंतर्राष्ट्रीयवाद को एक विभाजित समाज और एक विभाजित दुनिया में अपने लिए जगह खोजनी पड़ रही है।  उन्होंने कहा कि, ‘अपनी स्वयं की पहचान के साथ दूसरों से निकटता केवल संवाद और अहिंसा के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि  ये दोनों थीम तिब्बती बौद्ध धर्म की सामान्य भावना, परमपावन दलाई लामा के दर्शन के साथ ही साथ वेल्वेट रिवोल्यूशन, चार्टर 77 और वेक्लेव हावेल के चिंतन मे भी पाए जा सकते हैं।’

डॉ सांगेय ने कहा कि इस पुरस्कार को प्रदान करना उनके लिए सौभाग्य की बात है क्योंकि यह संवाद और अहिंसा के माध्यम से दुनिया को एक साथ लाना चाहता है।

डॉ सांगेय ने कहा कि इसके विपरीत चीनी सरकार दुनिया को विभाजित करने या विश्व व्यवस्था को बदलने के लिए अपनी पूरी शक्ति का उपयोग कर रही है ताकि उन्हें बाकी दुनिया के मुकाबले अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में चली उस गहन बहस का हवाला देते हुए बताया कि कैसे चीन मानवअधिकारों को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश कर रहा है। चीनी सरकार ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें कहा गया है कि मानवाधिकारों को प्राप्त करने के लिए विकास प्राथमिक आधार होना चाहिए न कि वियना घोषणा, जो विकास को महत्वपूर्ण तो मानती है लेकिन  राजनीतिक या व्यक्तिगत अधिकारों को  इसके समान या इससे अधिक महत्वपूर्ण मानती है।

डॉ सांगेय ने कहा, ‘अब यदि चीनी सरकार ने मानवाधिकारों के लिए विकास के योगदान की परिभाषा को महत्वपूर्ण बना दिया है, तो विकास का उपयोग राजनीतिक अधिकारों और बुनियादी मानवाधिकारों को अस्वीकार करने के लिए एक बहाने के रूप में किया जा सकता है। तथाकथित विकास से आपकी बोलने की स्वतंत्रता छिन्न-भिन्न हो जाएगी। इसलिए चीनी सरकार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ इसका इस्तेमाल करने के लिए मानवाधिकारों को फिर से परिभाषित करने की कोशिश कर रही है। डॉ सांगेय ने चेतावनी दी कि ‘चीन संयुक्त राष्ट्र के पुनर्गठन तक की कोशिश कर रहा है और इसके दूसरे सबसे बड़े वित्तीय योगदानकर्ता बन जाने के कारण वह इस बारे में विशेष अधिकार शक्ति भी प्राप्त करता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों में अपनी पसंद के प्रमुख कर्मियों को रखवाने के माध्यम से चीन प्रभावी होता जा रहा है। और जहां तक लोकतंत्र का सवाल है चीनी सरकार ने चीनी चरित्र के साथ समाजवाद को आदर्श घोषित कर रखा है।

डॉ सांगेय ने उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से चीनी विकास के नाम पर हुए नुकसान की कीमत चुकानी बाकी है। उन्होंने बताया कि चीन की वन रोड नीति शांति और समृद्धि का वादा करती है जबकि सैंकड़ों सड़कें हमारे प्राकृतिक संसाधनों, हमारे जल विद्युत परियोजनाओं और हमारे जंगलों तक बन गई हैं। एक हवाई अड्डा के नाम पर 30 हवाई अड्डे बन गए। वन रोड नीति के कारण हमने अपना देश खो दिया। उन्होंने देशों को ‘वन बेल्ट एंड वन रोड’ से सावधान रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा,“जब आप चीन के साथ व्यापारिक समझौते करते हैं तो यह राजनीतिक प्रभाव, सामाजिक प्रभाव और यहां तक कि अकादमिक प्रभाव तक का रूप ले लेता है।’

डॉ सांगेय ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘मुझे पता है कि चेक गणराज्य में वेल्वेट रिवोल्यूशन की भावना अभी भी जीवित है क्योंकि चेक संसद ने यूरोप में तिब्बत के लिए सबसे बड़ा संसदीय सहायता समूह बनाया है और तीन साल के अंतराल के बावजूद तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज एक बार फिर प्राग के टाउन हॉल समेत चेक गणराज्य के 700 से अधिक टाउन हॉल, स्कूलों और संगठनों में उड़ान भरेगा। यह चेक लोगों की भावना है जो कि चार्टर 77 की आत्मा है, यही वेक्लेव हॉवेल की आत्मा है। इसलिए इस समारोह हमें यहां बुलाने के लिए आभारी हूं। इस तरह की घटनाएं और फोरम 2000 जो मुक्त भाषण को बढ़ावा देते हैं, आम नहीं है और हमें ऐसे मंचों को सुरक्षित और संरक्षित करना चाहिए।’


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