
आईटीसीओ, 19 जून, दिल्ली। कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया ने कम्युनिस्ट चीन द्वारा दशकों से चलाए जा रहे शैतानी कृत्यों की कड़ी निंदा की। सबसे पहले, कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत के 11वें पंचेन लामा के किए जाने के 25 साल पूरे हो गए हैं। गेधुन चोएक्यी न्यिमा को 1995 में परम पावन 14वें दलाई लामा द्वारा 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी गई थी और उसी समय छह साल की उम्र में उनके परिवार के साथ उनका अपहरण कर उन्हें दुनिया का सबसे कम उम्र का राजनीतिक कैदी बना दिया गया। तब से, चीन ने हमेशा उनके ठिकाने के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया और तिब्बती लोगों को नियंत्रित करने के लिए अपने स्वयं के पंचेन लामा को स्थापित किया। क्योंकि पंचेन लामा परम पावन दलाई लामा के बाद तिब्बत में श्रद्धालु धार्मिक व्यक्तित्वों में दूसरे स्थान पर हैं।
दूसरा, दुनिया कोविड-19 महामारी की खतरनाक बीमारी से जूझ रही है, जिसकी उत्पत्ति चीनी शहर वुहान से हुई थी। रोग के बारे में सूचना न देने और गलत सूचना ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को पंगु बनाकर दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली है। यह सब धोखे और उत्पीड़न के चीनी मॉडल को दर्शाता है। दुनिया को अपने स्वार्थी लक्ष्यों के लिए नष्ट करने के ऐसे बुरे इरादों के साथ चीन को रोकना होगा। ये सभी मानवता के खिलाफ अपराध हैं।
तीसरा, कम्युनिस्ट चीन ने आक्रामकता को दोहराया है, जिसके परिणामस्वरूप लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 15 जून 2020 की आधी रात को झड़प हो गई और जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। यह बहुत ही निंदनीय है। यह स्पष्ट रूप से चीनी शासन की बुरी मानसिकता को दर्शाता है। कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया ने कड़े शब्दों में इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की और उन बहादुर भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया। हम लोगों से आग्रह करते हैं कि कम्युनिस्ट चीन के बुरे कामों का विरोध करने के लिए चीनी सामानों का पूरी तरह से बहिष्कार करें और अपने बहादुर जवानों के साथ एकजुटता से खड़े हों।