नई दिल्ली। कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़- इंडिया (सीजीटीसी-आई) के सदस्यों ने आज 6 जून को नवनिर्वाचित माननीय सिक्योंग पेऩपा त्सेरिंग के साथ अपनी पहली आभासी बैठक की। बैठक का उद्देश्य औपचारिक रूप से सभी सीजीटीसी-आई सदस्यों का अभिवादन करना, अपेक्षित परिणामों, प्रगति के क्षेत्रों और आगामी गतिविधियों के परिणामों के बारे में आकलन और कोर समूह के कार्यों का समग्र मूल्यांकन पर विचार-विमर्श करना था। दो घंटे की लंबी बैठक की शुरुआत सबसे पहले सीजीटीसी-आई की अब तक की विकास यात्रा के बारे में परिचय से हुई। सीजीटीसी-आई की शुरुआत 2002 में 7 सदस्यों (1 राष्ट्रीय संयोजक और 6 सह-संयोजकों के साथ) के साथ हुई जिनकी संख्या 2021 में 22 सदस्यों (1 राष्ट्रीय संयोजक, 4 राष्ट्रीय सह-संयोजक, 17 क्षेत्रीय संयोजक के साथ) तक पहुंच गई। ये सभी पदाधिकारी उन सभी संबंधित संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो भारत के तिब्बत समर्थक समूहों के सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं। इसके बाद, सदस्यों ने उन सभी प्रतिष्ठित सदस्यों का सम्मान करते हुए एक फोटो स्क्रीनिंग प्रस्तुत की, जिन्होंने तिब्बत मुक्ति साधना की आधारशिला रखी और इसकी मशाल वर्तमान पदाधिकारियों को सौंपते समय तक इसकी लौ को जलाए रखा। बैठक में जयप्रकाश नारायण, मधु लिमये, जॉर्ज फर्नांडीस, सत्य प्रकाश मालवीय, डॉ. एन.के. त्रिखा से लेकर बुधप्रिया थूल, निर्मला देशपांडे, सुंदरलाल बहुगुणा और ऐसी अनेक विभूतियों को श्रद्धांजलि दी गई।
सीजीटीसी-आई के राष्ट्रीय संयोजक श्री आर.के. खिरमे ने अपने संबोधन में माननीय सिक्योंग श्री पेन्पा त्सेरिंग को औपचारिक रूप से बधाई दी। उन्होंने एक योग्य व्यक्ति का चुनाव करने के लिए तिब्बती लोगों के ज्ञान की प्रशंसा की, जिन्होंने राजनीतिक ढांचे और सीटीए के प्रशासनिक कामकाज दोनों का ज्ञान हासिल किया है। श्री खिरमे ने कोर ग्रुप के पिछले कार्यों का सिंहावलोकन किया। इसमें कोर ग्रुप ने कहां तक हासिल किया था, उद्यम के दौरान कितनी विफलताएं सामने आईं और जरूरी पड़ने पर कहां तक इसने पुनर्निर्माण किया, का लेखा- जोखा था। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक भारतीयों की एकमात्र इच्छा है कि तिब्बत परम पावन 14वें दलाई लामा के जीवनकाल में स्वतंत्रता के प्रकाश को देखे और परम पावन गर्व से तिब्बत लौटें। इसके बाद पूर्वी क्षेत्र के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार ने माननीय सिक्योंग को बधाई दी और वर्तमान महामारी परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए कोर ग्रुप के सदस्यों की कार्य योजनाओं के विकास में उनका मार्गदर्शन मांगा। पश्चिमी क्षेत्र के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री अरविंद निकोस ने;चीनी सामानों का बहिष्कार; के अभियान का हवाला देते हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हितों में बाधा डालने वाली व्यावहारिक कार्यप्रणाली पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। दक्षिणी क्षेत्र के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री अमृत जोशी ने अपने गृह राज्य कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले नेता और एक क्षम नेता के तिब्बतियों के सिक्योंग के रूप में चुने जाने पर दोहरी खुशी व्यक्त की।
श्री जोशी ने प्रो. समदोंग रिनपोछे के दृष्टिकोण और शब्दों को याद दिलाया, जिसमें श्री रिनपोछे ने कहा था कि;संबंधित कार्यों का निर्वाहन करते समय वह रणनीति में प्रतिबिंबित होना चाहिए।’ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक श्री पंकज गोयल; उत्तरी क्षेत्र-I के क्षेत्रीय संयोजक श्री फुंसोक लद्दाखी; उत्तरी क्षेत्र-द्वितीय के क्षेत्रीय संयोजक श्री ऋषि कुमार; पूर्व और मध्य यूपी के क्षेत्रीय संयोजक श्री सुंदरलाल सुमन; पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के क्षेत्रीय संयोजक श्री रवि बख्शी; पूर्वी क्षेत्र- I के क्षेत्रीय संयोजक श्री सुदेश कुमार चंद्रवंशी; पूर्वी क्षेत्र- II के क्षेत्रीय संयोजक श्री पेमा वांडा भूटिया; पूर्वी क्षेत्र-III की क्षेत्रीय संयोजक श्रीमती रूबी मुखर्जी; पूर्वोत्तर क्षेत्र- I के क्षेत्रीय संयोजक श्री सौम्यदीप दत्ता; उत्तर पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक श्री नरेंद्र चौधरी; पश्चिमी क्षेत्र-I के क्षेत्रीय संयोजक श्री संदेश मेश्राम; पश्चिमी क्षेत्र-II के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. महेंद्र संघपाल; दक्षिण पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक श्री जे. पी. उर्स और दक्षिण पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संयोजक श्री जैकब डेविड ने बैठक में भाग लिया और नए सिक्योंग को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
माननीय सिक्योंग श्री पेन्पा त्सेरिंग ने अपने संबोधन में सीजीटीसी-आई के सदस्यों द्वारा दिए गए सम्मान के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने तिब्बती मुद्दे पर लगातार विश्वास और समर्थन दिखाने के लिए विशेष रूप से उन्हें धन्यवाद दिया और वर्षों से तिब्बत पर राष्ट्रव्यापी समर्थन जारी रखने के लिए उनकी सराहना की। इसके अलावा सिक्योंग ने परम पावन दलाई लामा के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में तिब्बती लोगों के लिए अपनी सेवा की राह में आने वाली चुनौतियों और प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने नेतृत्व की प्रतिबद्धताओं को दोहराया, जिसमें चीनी सरकार के साथ रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करना, वैश्विक स्तर पर तिब्बत मुद्दे के प्रचार प्रसार करने में 25 देशों में लगे युवा तिब्बती समूहों की क्षमता का उपयोग करना शामिल है। उन्होंने कोर ग्रुप के सदस्यों को याद दिलाया कि समय महत्वपूर्ण है और इसके साथ ही उन्हें लंबे समय से चले आ रहे चीन-तिब्बत संघर्ष के समाधान में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
उप समन्वयक श्री तेनज़िन जॉर्डन ने उपस्थित सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। आईटीसीओ के श्री चोनी त्सेरिंग और श्री जामयांग चोफेल ने तकनीकी सहायता प्रदान की। कोर ग्रुप के कुछ सदस्य जिनमे, उत्तरी क्षेत्र के राष्ट्रीय सह-संयोजक डॉ. के.सी. अग्निहोत्री; उत्तरी क्षेत्र-III के क्षेत्रीय संयोजक श्री हरजीत सिंह ग्रेवाल; उत्तर पूर्व क्षेत्र- II के क्षेत्रीय संयोजक श्री लोबसंग जेनचेन और उत्तर पूर्व क्षेत्र- III के क्षेत्रीय संयोजक श्री एस. प्रेमानंद शर्मा बैठक में उपस्थित नहीं हो सके।