
वाशिंगटन डीसी। तिब्बत-चीन विवाद के समाधान को बढ़ावा देनेवाला ‘रिज़ॉल्व तिब्बत बिल (तिब्बत समाधान विधेयक), एस- १३८’ को १६ अप्रैल २०२४ को अमेरिकी सीनेट की विदेश मामले संबंधी समिति द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया गया।
समिति की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए समिति के अध्यक्ष सीनेटर बेन कार्डिन ने इस विधेयक के संबंध में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में एक रात पहले सिक्योंग के साथ अपनी चर्चा की जानकारी दी और कहा कि विधेयक की भाषा बिल्कुल वैसी ही थी जैसी निचले सदन ने मंजूरी दी थी।
तिब्बती भाषा के प्रसारण में कहा गया कि बिल को सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद सीनेटर जेफ मर्कले (डेमोक्रेटिक पार्टी) और सीनेटर टॉड यंग (रिपब्लिकन पार्टी) ने बताया कि समिति द्वारा बिल को मंजूरी तिब्बत-चीन संघर्ष को हल करने के लिए परम पावन दलाई लामा या उनके प्रतिनिधि और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच बातचीत शुरू कराने के लिए अमेरिका द्वारा चलाए जा रहे शांतिपूर्ण अभियान की नीति का एक और उदाहरण है। उन्होंने आगे कहा कि बिल अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहले ही पारित हो चुका है और अब इसे सीनेट में पेश किया जाना है।
प्रतिनिधि डॉ. नामग्याल चोएडुप ने उत्तर अमेरिकी तिब्बती संघों के सदस्यों को यह बड़ी खुशखबरी दी और अपने-अपने राज्यों के सीनेटरों से समर्थन मांगने की प्रतिबद्धता के लिए केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की ओर से उनकी सराहना की और निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया। यह सुनिश्चित करते हुए कि तिब्बत कार्यालय और इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत (आईसीटी) अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रतिनिधि ने बताया कि सिक्योंग अमेरिका में चल रही इस यात्रा के दौरान कानून निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं ताकि इसे पारित करने की वकालत की जा सके।
उन्होंने अमेरिकी सीनेट समिति के अध्यक्ष सीनेटर बेन कार्डिन के साथ सिक्योंग पेन्पा छेरिंग और आईसीटी अध्यक्ष रिचर्ड गेरे की सफल बैठक की भी सराहना की, जिसके दौरान बेन कार्डिन ने बिल के पारित होने के लिए अपने दृढ़ समर्थन की पुष्टि की।
-तिब्बत कार्यालय, वाशिंगटन डीसी द्वारा तैयार रिपोर्ट

