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एक बार फिर तिब्बत दुनिया में दूसरा सबसे कम स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध

March 4, 2020

tibet.net

धर्मशाला। अमेरिका स्थित गैर-सरकारी संगठन फ्रीडम हाउस ने लगातार 5वें वर्ष सीरिया से ऊपर तिब्बत को दूसरा सबसे कम मुक्त क्षेत्र के रूप में स्थान दिया। रिपोर्ट, श्फ्रीडम इन द वर्ल्ड 2020रू ए लीडरलेस स्ट्रगल फॉर डेमोक्रेसीश् ने दुनिया भर के 210 देशों और क्षेत्रों का आकलन किया है। इनमें से 83 देशों और 1 क्षेत्र को श्मुक्तश् दर्जा दिया गया है, 63 देशों और 4 क्षेत्रों को श्आंशिक रूप से मुक्तश् और 49 देशों और 10 क्षेत्रों को श्बिल्कुल स्वतंत्र नहींश् की श्रेणी में शामिल किया गया है।

देशों और क्षेत्रों को शून्य से सौ के बीच अंकों के आधार पर आंका गया है, जहां शून्य सबसे कम स्वतंत्र क्षेत्र को इंगित करता है वहीं 100 सबसे ज्यादा स्वतंत्र क्षेत्र को इंगित करता है। प्रत्येक देश द्वारा प्राप्त किए गए स्कोर वहां राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के आधार पर हैं। तिब्बत ने राजनीतिक अधिकारों के मामले में 40 में से -2 और नागरिक स्वतंत्रता के मामले में 60 में से 3 स्कोर बनाए। इस तरह इसने कुल 100 में से 1 अंक प्राप्त किया।

डीआईआईआर की संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और मानवाधिकार डेस्क की प्रमुख दुकथेन क्यी ने कहा, ष्तिब्बत पूरी दुनिया में दूसरे सबसे कम स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में सूची में सबसे ऊपर है, वह भी लगातार पिछले 5 साल से। उन्होंने कहा कि चीनी कब्जे के तहत तिब्बत में स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का कितना गंभीर उल्लंघन हो रहा है, इस रिपोर्ट में इसकी गहन जानकारी दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि तिब्बत में स्थिति समय के साथ बिगड़ती ही जा रही है क्योंकि चीन सरकार तिब्बत में तिब्बती लोगों पर दमनकारी नीतियों को लागू करती जा रही है।

फ्रीडम हाउस 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया दुनिया का सबसे कम स्वतंत्र क्षेत्र है। इससे ऊपर क्रमशरू तिब्बत, तुर्कमेनिस्तान, दक्षिण सूडान और उत्तर कोरिया का नाम आता है।

वर्ल्ड- 2020 रिपोर्ट में फ्रीडम हाऊस ने कहा है कि चीन 15 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक है और उन 11 देशों में से एक है जिन्हें फ्रीडम हाउस ने नस्लीय संहार के तौर पर सूचीबद्ध किया है।

घरेलू दमन को लेकर वर्ष के सबसे भयानक उदाहरणों में से एक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का झिंझियांग में सांस्कृतिक विनाश का अभियान था जो नस्लीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताए जाने के दशकों के अनुभव से उत्पन्न हुआ है। इसमें तकनीकी विकास और अचूक उपायों का संयोजन किया गया है। फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका प्रयोग पहले तिब्बतियों पर किया गया। फिर फालुन गोंग साधकों और अन्य पर लागू किया गया।

राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता के वार्षिक वैश्विक मूल्यांकन से पता चला कि 2019 वैश्विक स्वतंत्रता में गिरावट का लगातार 14वां वर्ष रहा है। रिपोर्ट में पाया गया कि स्थापित लोकतंत्र का स्तर धीरे धीरे गिरता जा रहा है जबकि लोकतंत्र और बहुलवाद पर गंभीर हमले हो रहे हैं।


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