
धर्मशाला। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेताओं और प्रतिष्ठित हिंदू आध्यात्मिक संतों के प्रतिनिधिमंडल को आज २१ मई २०२५ की सुबह धर्मशाला में परम पावन दलाई लामा के निवास पर उनसे मिलने का धर्मलाभ प्राप्त हुआ। इस मुलाकात से तिब्बती और भारतीय धार्मिक परंपराओं के बीच बढ़ते आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और घनिष्ठता मिली।
मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बत संग्रहालय का दौरा किया, जहां उन्होंने तिब्बती लोगों के समृद्ध इतिहास और स्थायी सहजता को देखा और उससे अभिभूत हुए।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल का केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) में कार्यवाहक सिक्योंग डोल्मा ग्यारी द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान उनके साथ धर्म और संस्कृति विभाग के अतिरिक्त सचिव कुंगा ग्यालत्सेन भी थे।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती जैसे प्रमुख हिंदू संत शामिल थे। वह सम्मानित युवा संन्यासी हैं और वेदांत, ध्यान और सामाजिक सेवा पर अपनी शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं। वे पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती के शिष्य हैं और बेंगलुरु में आर्ष विद्या गुरुकुलम और आर्ष विद्या केंद्र में अध्यापन करते हैं। स्वामीजी श्री वासवी पीठम के प्रमुख भी हैं। प्रतिनिधिमंडल में श्री कैलाश आश्रम महासंघ ट्रस्ट और उससे जुड़ी संस्थाओं के आध्यात्मिक प्रमुख श्री जयेंद्र पुरी स्वामी जी भी मौजूद थे। अपने गहन शास्त्र ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान से परिपूर्ण महास्वामी जी वैश्विक परिव्राजक के तौर पर जाने जाते हैं। वे कई भाषाओं में अपने भक्तों और साधकों को प्रवचन देते हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा अंतर-धार्मिक समझ को बढ़ावा देने और भारतीय और तिब्बती समुदायों के बीच आध्यात्मिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
– सुरक्षा विभाग, सीटीए