
धर्मशाला। आज ०२ अक्तूबर की सुबह केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के नेतृवर्ग और वरिष्ठ कर्मचारियों ने १५५वीं गांधी जयंती पर गंगचेन क्याशोंग में बैठक आयोजित कर अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के कार्यवाहक सिक्योंग कालोन थरलम डोल्मा चांगरा, सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के कालोन नोरज़िन डोल्मा, महालेखा परीक्षक लखपा ग्यालत्सेन और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के विभिन्न विभागों के सचिव और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मीडिया को संबोधित करते हुए कार्यवाहक सिक्योंग थरलम डोल्मा चांगरा ने गांधी की शिक्षाओं और अहिंसा के सिद्धांत के सार्वभौमिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ‘हम तिब्बतियों के लिए ये सिद्धांत विशेष महत्व रखते हैं क्योंकि परम पावन ने बार-बार महात्मा गांधी की अहिंसा के मार्ग पर चलने पर जोर दिया है।’
अहिंसा की वैश्विक प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कलोन थरलम डोल्मा चांगरा ने कहा कि वर्तमान में बढ़ती वैश्विक उथल-पुथल के मद्देनजर अहिंसा का सिद्धांत वैश्विक शांति और सद्भाव लाने में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। शिक्षा कालोन ने औपचारिक रूप से समारोह की शुरुआत करने के लिए औपचारिक रूप से घी का दीपक जलाने से पहले इस दिन के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
इसके बाद, कालोन नोरज़िन डोल्मा और सचिवों ने महात्मा गांधी के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित करके उनकी विरासत के प्रति अपना सम्मान व्यक्त किया।