
धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने निर्वासन में ताशी ल्हुनपो मठ के सहयोग से आज ११वें कुंजिग पंचेन रिनपोछे जेत्सुन तेनजिन गेधुन येशी त्रिनले फुंटसोक पाल सांगपो के ३५वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में छुगलगखांग में एक समारोह आयोजित किया। समारोह में एस्टोनियाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल, हिमालयी क्षेत्र के बौद्ध नेता और ताशी ल्हुनपो मठ के महंत वेन ज़ीकग्याब रिनपोछे उपस्थित रहे।
एस्टोनियाई संसद के सदस्य और एस्टोनियाई पार्लियामेंटरी सपोर्ट ग्रुप फॉर तिब्बत के अध्यक्ष माननीय जुकु-काले रेड ने परम पवित्र ११वें पंचेन रिनपोछे के ३५वें जन्मदिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। चीनी सरकार द्वारा अपहरण कर लिए गए पंचेन लामा के बारे में पिछले २९ साल एक महीने से कोई अता-पता नहीं है। इस समारोह में विशेष अतिथि सिक्किम सरकार के धार्मिक मामलों के विभाग के पूर्व सचिव छेचोकलिंग रिनपोछे, लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष रेगज़िन दोरजे, एस्टोनियाई संसद के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष हेन पल्लुआस, एस्टोनियाई संसद के सदस्य टार्मो टैम, एस्टोनियाई तिब्बत समर्थक समूह के समन्वयक रॉय स्ट्राइडर, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन का नेतृत्व और आज के अवसर पर धर्मशाला का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य, जिनमें प्रतिष्ठित मीडिया घरानों के प्रमुख पत्रकार हैं, भी शामिल हुए।
इस अवसर पर सिक्योंग पेन्पा छेरिंग और स्पीकर खेन्पो सोनम तेनफेल द्वारा क्रमश: कशाग (कैबिनेट) और निर्वासित तिब्बती संसद के वक्तव्य को पढ़कर सुनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कार्यक्रम के अतिथियों ने संयुक्त रूप से ११वें पंचेन रिनपोछे के चित्र के साथ अंकित एक जिग्सॉ पहेली का उद्घाटन किया, जिसके बाद एक औपचारिक केक काटा गया।
एस्टोनियाई सरकार के विदेश मामलों के आयोग के सदस्य मुख्य अतिथि जुकु-काले रेड ने अपने मुख्य भाषण में तिब्बतियों की सभा में मुख्य रूप से कहा कि, ‘हमारा अतीत भी एक जैसा रहा है और हमारा अतीत भी उतना ही भयानक था। लेकिन हमें उम्मीद है कि हमारा भविष्य भी ऐसा ही होगा जो भयानक नहीं होगा।’ आज सुबह एक विशेष सभा के दौरान परम पावन दलाई लामा के साथ हुई बातचीत का खुलासा करते हुए एस्टोनियाई पार्लियामेंटरी सपोर्ट ग्रुप फॉर तिब्बत के अध्यक्ष ने अपनी बात समाप्त करने से पहले तिब्बतियों के स्वतंत्र भविष्य की कामना की।
इसी तरह पंचेन लामाओं के पारंपरिक मठ- ताशी ल्हुनपो मठ- के महंत ने सभी तिब्बतियों से परम पावन दलाई लामा द्वारा मान्यता प्राप्त ११वें पंचेन लामा की रिहाई के पक्ष में अभियान चलाने के लिए अपने प्रयासों को एकजुट करने का आग्रह किया। रिनपोछे ने सभा को लंबे समय से लापता पंचेन रिनपोछे और चैड्रेल रिनपोछे की रिहाई और और न्याय दिलाने के लिए निर्वासन में ताशी ल्हुनपो मठ द्वारा चलाए गए अभियान के बारे में जानकारी दी।
समारोह के दौरान अन्य अतिथियों ने भी भाषण दिया और इस कार्यक्रम में तिब्बती गायक छेरिंग ग्युरमी और टीआईपीए कलाकारों द्वारा पंचेन रिनपोछे के सम्मान में ताज़ा निर्मित गीतों का गायन किया गया। साथ ही तिब्बती विद्वान थिनले वांगचुक की एक नई पुस्तक और निर्वासन में ताशी ल्हुनपो मठ द्वारा किए गए पांच प्रकाशनों का विमोचन भी हुआ।



