
नई दिल्ली। ०२ सितंबर २०२४ को ‘कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया (सीजीटीसी-आई)’ की बैठक परम पावन दलाई लामा ब्यूरो ऑफिस, नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत भारत- तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) की कार्यवाहक समन्वयक ताशी देकि के स्वागत भाषण और आईटीसीओ के दो नए कर्मचारियों के परिचय के साथ हुई। बैठक की अध्यक्षता सीजीटीसी-आई के राष्ट्रीय संयोजक श्री आर.के. खिरमे जी ने की। बैठक की शुरुआत तिब्बत के पुराने मित्र प्रोफेसर रमेश तिवारी जी के शोक में दो मिनट के मौन के साथ हुई। इसके बाद मुख्य भाषण दिया गया और परम पावन दलाई लामा के घुटने की सर्जरी के बाद उनके शीघ्र स्वस्थ होने और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की गई। इसके साथ ही उनकी लंबी उम्र की कामना की गई। भारत-तिब्बत समन्वय कार्यालय (आईटीसीओ) की कार्यवाहक समन्वयक ताशी देकि, लेखाकार मिग्मार छमचो और कार्यक्रम अधिकारी नावांग छोडेंन द्वारा आयोजित बैठक की अध्यक्षता कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक श्री आर.के. खिरमे ने की। बैठक में खिरमे जी के साथ सीजीटीसी-आई के राष्ट्रीय सह-संयोजक श्री सुरेंद्र कुमार जी और श्री अरविंद निकोसे जी, सीजीटीसी-आई के क्षेत्रीय संयोजक डॉ संजय शुक्ला जी, श्री सौरभ सारस्वत जी, श्री सुधेश कुमार चंद्रवंशी जी, श्री संदेश मेश्राम जी, डॉ अमित ज्योतिकर जी, श्री जे.पी. उर्स करवाटक जी और श्री पुडु वाई. अधवन जी ने भी हिस्सा लिया।
इसके बाद कोर ग्रुप के सदस्यों का परिचय हुआ और बैठक में कई निर्णय किए गए, जो इस प्रकार है:-
– ०६ जुलाई, २०२५ को परम पावन दलाई लामा के ९०वां जन्मदिन को करुणा वर्ष के रूप में मनाना।
– शीतकालीन संसदीय सत्र के दौरान दिसंबर में ‘तिब्बत के लिए अखिल भारतीय संसदीय मंच (एपीआईपीएफटी)’ के संयोजक और सह-संयोजक सहित संसद सदस्यों (सांसदों) के साथ कोर ग्रुप के सदस्यों का विचार- विमर्श।
– क्षेत्रीय स्तर के पत्रकारों के साथ समन्वय करना और तिब्बत के बारे में जागरुकता फैलाना।
– भारतीय विदेश मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के साथ बैठक।
बैठक में अखिल भारतीय तिब्बत समर्थक समूहों के सातवें सम्मेलन के बाद से आयोजित क्षेत्रीय गतिविधियों और कार्यक्रमों पर अद्यतन जानकारी भी देखी गई। इसके अतिरिक्त, बैठक में क्षेत्रीय रणनीतिक कार्रवाइयों का भी आह्वान किया गया, जिनमें शामिल हैं- ‘तिब्बत दिवस’ कार्यक्रम की निरंतरता।
– लखनऊ में एक तिब्बती क्लिनिक (मेंटसीखांग) के लिए सुविधाओं (भूमि) के आवंटन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क करना।
– तिब्बती संस्कृति और तिब्बती आंदोलन पर कार्यशाला सत्र आयोजित करना।
बैठक का समापन आईटीसीओ के कार्यक्रम अधिकारी नावांग छोडेंन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ हुआ।




