भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

चीन की धमकी के खिलाफ देशों ने जवाब देना शुरू किया : सीटीए अध्यक्ष

January 27, 2019

तिब्बत.नेट, 27 जनवरी, 2019

टोक्यो में आज जापानी संसद के सदस्यों, समाजसेवियों और तिब्बत समर्थकों सहित साथ जापानियों के साथ हुई बैठक में सीटीए अध्यक्ष डॉ लोबसांग सांगेय ने कहा कि दुनिया भर के देश चीन के प्रभाव के खिलाफ तेजी से आगे आ रहे हैं, जिसमें लैटिन अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के नेता शामिल हैं। उन्हें आज इस बात का एहसास है और इसे वह कह रहे है कि तिब्बत में जो कुछ भी हुआ है वह उनके साथ भी हो सकता है।

राजधानी टोक्यो में कंपकंपाती ठंड के मौसम की परवाह न करते हुए जापानी और तिब्बती यहां दौरे पर आए सीटीए अध्यक्ष डॉ सांगेय का संदेश सुनने के लिए इकट्ठा हुए। डॉ सांगेय ने परम पावन के संपर्क कार्यालय में तिब्बती समुदाय और जापानियों से बात की। बाद में शाम को वे जापान के अपने दौरे के सम्मान में आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए।

डॉ सांगेय ने इस अवसर पर कहा, ‘मैं पिछले 7 वर्षों से कह रहा हूं कि तिब्बत के साथ जो हुआ वह आपके साथ हो सकता है और आपके साथ भी होगा। यूरोप, लैटिन अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में कई नेताओं ने अब जाकर महसूस किया है कि कैसे चीन उनके सामाजिक, संस्कृति, राजनीतिक मामलों में अपने पैर फैलाकर धमकी देता है। इसलिए वे देश अब चीन के प्रति अपनी धारणाएं बदल रहे हैं और तिब्बत में मानवाधिकार और लोकतंत्र के लिए आवाज उठा रहे हैं और चीनी सरकार की आलोचना कर रहे हैं। हालाँकि, चेक गणराज्य एक छोटा सा देश है और अपने व्यापार, राजनीति और विश्वविद्यालयों में चीन के प्रभाव से बहुत कड़े दबाव का सामना कर रहा है, लेकिन उसने अपनी संसद में पूरे यूरोप का सबसे बड़ा 51 सदस्यीय तिब्बत समर्थक समूह बनाकर चीन पर पलटवार करने और उसे चुनौती देने का फैसला किया है। इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सभी राजनीतिक दलों के नेता और सत्तारूढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री केंद्रीय तिब्बती प्रशासन द्वारा आयोजित ‘थैंक यू ऑस्ट्रेलिया’ कार्यक्रम में भाग लेने को आगे आए। कनाडा जैसे अन्य देशों ने भी इसी तरह से अनुसरण किया।

उन्होंने तिब्बत से संबंधित ‘रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट’ और ‘इंडो पैसिफिक रीअसुरेंस एक्ट’ का उल्लेख करते हुए कहा कि‍ इन कानूनों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की सहमति मिलना बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस तथ्य के कारण तिब्बत अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति बन गई है।

पूरी दुनिया में सबसे बड़े तिब्बत संसदीय सहायता समूह के गठन के लिए जापान की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति डॉ सांगेय ने उम्मीद जताई कि तिब्बत मुद्दे पर जापान की आवाज़ महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने जापान सरकार से मध्यम-मार्ग दृष्टिकोण का समर्थन करने और परमपावन दलाई लामा के दूतों और चीनी सरकार के प्रतिनिधियों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए एक बयान जारी करने की अपील की।

राष्ट्रपति डॉ सांगेय ने जापानियों से तिब्बत मुद्दे, न्याय, स्वतंत्रता, मानवाधिकार और लोकतंत्र और जापान में रहने वाले तिब्बतियों का समर्थन करने के लिए और अधिक सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया, जिससे तिब्बती स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत करने के प्रयासों में तेजी लाई जा सके।

जापानी जनता और तिब्बतियों के साथ बातचीत के दौरान डॉ सांगेय ने इस बात को स्पष्ट किया कि जापानी जनता तिब्बती मुद्दे का किस तरह से सक्रिय रूप से समर्थन कर सकती है?  अपनी प्रतिक्रिया देते हुए डॉ सांगेय ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर तिब्बत के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने, 10 मार्च को तिब्बती राष्ट्रीय जनक्रांति दिवस की 60वीं वर्षगांठ जैसी घटनाओं में भाग लेने और उसे प्रोत्साहित करने को आगे आना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें जापान के विश्वविद्यालयों में पढ़नेवाले चीनी छात्रों और विद्वानों के साथ बातचीत करना चाहिए।

उन्होंने दोहराया कि तिब्बती चीन सरकार के साथ बातचीत के माध्यम से वास्तविक स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि परमपावन दलाई लामा के तिब्बत लौटने और तिब्बतियों के लिए स्वतंत्रता की मांग करते हुए 153 तिब्बतियों ने तिब्बत में आत्मदाह कर लिया है। उन्होंने कहा कि “तिब्बत में तिब्बतियों का अलगाव और परमपावन दलाई लामा का मुद्दा बहुत लंबे समय से है और अब समय आ गया है कि परमपावन दलाई लामा को तिब्बत लौटने की अनुमति दी जाए। तिब्बती मुद्दे का समाधान तिब्बतियों और चीनियों के लिए सफलता की कहानी होगी। 60 साल से चीनी शासन के तहत तिब्बति‍यों को अलग रखने, उनका दमन, हिंसा और क्रूरता की कहानी परिवारों के एकीकरण, स्वतंत्रता और न्याय की सफलता, अहिंसा और करुणा की जीत में बदल जाएगी।’

राष्ट्रपति डॉ. सांगेय ने रेखांकित किया कि तिब्बत का संघर्ष साठ लाख तिब्बतियों के संघर्ष से बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि तिब्बती मुद्दे के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का तिब्ब्त मुद्दे के प्रति समर्थन से अहिंसा, न्याय, स्वतंत्रता और करुणा की जीत होगी।

डॉ सांगेय कल ह्यूमन वैल्यूं इंस्टीट्यूट द्वारा नेतृत्व पर आयोजित एक व्याख्यान टोक्यो में देंगे।


विशेष पोस्ट

तिब्बत पर विश्व सांसदों का नौवां सम्मेलन टोक्यो घोषणा-पत्र, टोक्यो कार्य योजना और परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के सम्मान में प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न

5 Jun at 9:29 am

दीर्घायु प्रार्थना समारोह में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा

4 Jun at 10:59 am

तिब्बत पर विश्व सांसदों के नौवें सम्मेलन के लिए दुनिया भर के सांसद टोक्यो पहुंचे

3 Jun at 3:17 pm

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

3 Jun at 7:22 am

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

संबंधित पोस्ट

तिब्बत पर विश्व सांसदों का नौवां सम्मेलन टोक्यो घोषणा-पत्र, टोक्यो कार्य योजना और परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के सम्मान में प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न

2 weeks ago

दीर्घायु प्रार्थना समारोह में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा

2 weeks ago

तिब्बत पर विश्व सांसदों के नौवें सम्मेलन के लिए दुनिया भर के सांसद टोक्यो पहुंचे

2 weeks ago

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

2 weeks ago

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

1 month ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service