
धर्मशाला। चीनी सरकार द्वारा आजीवन कारावास की सजा से नवाजे गए तिब्बती उद्यमी दोरजे ताशी की बहन गोन्पो क्यी ने ल्हासा चेंगगुआन जिला पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो ल्हासा पर इस साल मार्च की शुरुआत में मुकदमा दायर किया था। यह मुकदमा उन्होंने तिब्बत में एक शांतिपूर्ण याचिका दायर करने के आरोप में पिछले साल दिसंबर में १० दिनों की प्रशासनिक हिरासत में रखने के खिलाफ दायर की थी। एक विश्वसनीय सूत्र का कहना है कि ल्हासा चेंगगुआन जिला पीपुल्स कोर्ट ने इस साल जून के अंत में उनके सभी दावों को खारिज कर दिया।
गोन्पो की और उनके पति चोएकयोंग जनवरी २०२३ से लगातार कई बार तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र उच्चतर जन न्यायालय के सामने अपने भाई के साथ हुए अन्याय के खिलाफ याचिका दायर कर रहे हैं। इन याचिकाओं में मांग की गई है कि अधिकारी दोरजे ताशी के मामले की फिर से जांच करें और उन्हें दोरजे ताशी से मिलने की अनुमति दें जिन्हें १५ वर्षों से अधिक समय से हिरासत में रखा गया है। तिब्बत से मिले एक वीडियो में गोन्पो की तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र उच्चतर जन न्यायालय के सामने लेटी हुई दिखाई दे रही हैं, उनके हाथ में ‘दोरजे ताशी दोषी नहीं हैं’, ‘तिब्बत उच्च न्यायालय ने कानून को गलत ठहराया है’ जैसे नारे लिखे बैनर और शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन में शी जिनपिंग की तस्वीर है। उन्होंने अनुरोध किया है कि दोरजे ताशी के वकील केस फाइल की समीक्षा करें और अदालत त्रुटि सुधार प्रक्रिया को फिर से शुरू करे।
ल्हासा म्यूनिसिपल पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो के चेंगगुआन जिला पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो ने ल्हासा में याचिका गतिविधियों के दौरान कई बार गोन्पो की को जबरन घसीट कर बाहर फेंका है। पिछले दिसंबर में चेंगगुआन जिला सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने ‘इकाई के आदेश को बाधित करने’ के लिए गोन्पो क्यी को १० दिनों के लिए हिरासत में लिया और याचिका बैनर और संबंधित वस्तुओं को जब्त कर लिया।
नतीजतन, गोन्पो क्यी ने अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए चेंगगुआन जिला सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो के खिलाफ इस साल की शुरुआत में ल्हासा शहर में चेंगगुआन जिला पीपुल्स कोर्ट में मुकदमा दायर किया। उसने अनुरोध किया कि अदालत ल्हासा शहर के चेंगगुआन जिला सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो द्वारा उसके खिलाफ अवैध रूप से लगाए गए प्रशासनिक दंड को रद्द कर दे और उसके खिलाफ ‘प्रशासनिक दंड निर्णय’ को रद्द कर दिया जाए। सरकारी मानकों के अनुसार, प्रतिवादी को १०-दिवसीय हिरासत के दौरान वादी को हुए आर्थिक नुकसान के लिए मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। इसके अतिरिक्त, याचिका से संबंधित बैनर और व्यक्तिगत सामान भी जब्त कर लिया गया।
ल्हासा चेंगगुआन जिला पीपुल्स कोर्ट ने इस साल २७ जून को मामले की सुनवाई की और एक कॉलेजियम पैनल ने आश्चर्यजनक रूप से और पूर्वाग्रह से फैसला सुनाया कि गोन्पो क्यी ने ‘यूनिट के आदेश को बाधित किया’, जिसने कानूनों के अनुसार प्रशासनिक जुर्माना लगाने के लिए सुरक्षा ब्यूरो को अधिकृत किया। इसके अलावा, जब्त की गई वस्तुओं की वापसी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया।
इसके अलावा, अदालत ने फैसला सुनाया कि गोन्पो क्यी के प्रशासनिक मुआवजे के अनुरोध में तथ्यात्मक और कानूनी आधार का अभाव था और उनका अवैध व्यवहार कानून द्वारा संरक्षित नहीं था। इसलिए प्रतिवादी यानी सरकार प्रशासनिक मुआवजे के लिए जिम्मेदार नहीं थी और प्रासंगिक चीनी कानूनों के अनुसार गोन्पो क्यी के सभी दावों को खारिज कर दिया।
दोरजे ताशी १५ से अधिक वर्षों से चीनी जेल में बंद है। पिछले कुछ वर्षों में दोरजे ताशी के परिवार के सदस्य उनकी स्वास्थ्य स्थितियों को लेकर बहुत चिंतित रहे हैं। उनके परिवार को जेल में उनसे मिलने से मना कर दिया गया है और उच्च अधिकारियों से अपील भी बेकार साबित हुई है। दोरजे ताशी को शुरू में १० जुलाई २००८ को निर्वासन में रह रहे तिब्बतियों को दान देने और तिब्बत में तिब्बती प्रदर्शनकारियों को धन मुहैया कराने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें १७ मई २०१० को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
-संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ और मानवाधिकार डेस्क, तिब्बत एडवोकेसी सेक्शन, डीआईआईआर की रिपोर्ट