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जयपुर साहित्य महोत्सव में दलाई लामा बोले, भारत हमारा गुरु

January 25, 2013

आज तक, 25 जनवरी 2013

एक शांत सुबह के बाद दिग्गी पैलेस में इस कद्र भीड़ का उमड़ना अपने आप में अलग और खास है. जयपुर साहित्य महोत्सव में यह भीड़ अपने उस चहेते की एक झलक पाने को उमड़ रही थी, जिसके आने की सूचना ,केवल एक सप्ताह पहले की जारी की गई थी. और वह शख्सियत है दलाई लामा. भीड़ देखकर कहा जा सकता है कि यह फेस्टिवल एशिया का सबसे बड़ा लिटरेसी फेस्टिवल होगा. तिब्बतीयन धर्म गुरु दलाई लामा को सुनने के लिए इस फेस्टिवल में प्रवेश पाने को तकरीबन आधा किलोमीटर लंबी पंक्तिबद्ध होकर लोग प्रतीक्षा कर रहे थे. वे इस धर्म गुरु को सुनना चाहते थे.

दिग्गी पैलेस का फ्रंट लॉन भीड़ से इस तरह खचाखच भरा था कि वहां पैर रखने की जगह खोजना भी मुमकिन नहीं था. और बावजूद इसके कईयों को निराश होकर लौटना भी पड़ा. नोबल पुरस्कार पा चुके इस धर्म गुरु ने जब संबोधित किया तो कुछ ऐसा कहा जो देश के लिए गौरव की बात है. दलाई लामा ने कहा, ‘भारत हमारा गुरु है.’ और ‘हम इसके चेले हैं. हमने जो कुछ भी सीखा है, जाना है, हासिल किया है, वह भारत से ही हम तक पहुंचा है.’

बुद्धवाद का विज्ञान से नाते से लेकर भ्रष्टाचार और धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करके दलाई लामा ने यह भी जोड़ा कि मैं 77 वर्ष का हो गया हूं और भी संसार की खोज में हूं. तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा, ‘जो मैं सीख सकता हूं, हमेशा उसे सीखने का प्रयास करता हूं.’ ब्रिटिश उपन्यासकार पिको लिर से बात करते हुए दलाई लामा ने कहा कि मैं अब भी खुद का एक विद्यार्थी समझता हूं. सेशन के बाद लामा ने भारतीय समाज की प्रकृति के बारे में प्रश्नों के जवाब दिए, खासकर गैंगरेप की घटना के बारे में, जिसने युवा भारतीयों को सड़कों पर एकजुट कर दिया था.

दलाई लामा ने कहा, मुझे लगता है कि एक बड़े शहर में, 24 घंटे में, कोई न कोई कत्ल या रेप की घटना घटती ही है. यह चीजें हमेशा होती रहती हैं. निर्भर करता है कि हम इन घटनाओं को किस तरह देखते हैं. लामा कहते हैं, ‘साचिए, जब कोई किसी एक को मारता है तो हम उसे कातिल कहते हैं, परंतु जब कोई हजारों को मार डालता है तो हम उसे हीरो की संज्ञा देते हैं.’ हालांकि वह रेप के आरोप में मौत की सजा से सहमत तो नहीं हैं, पर कहते हैं यह तो देश के कानून का मामला है, देश को ही सोचना है कि इस तरह की घटनाओं के बाद किस तरह के कदम उठाए जाने सही होंगे. हर देश अपने तरीके से यह निर्धारित कर सकता है. फिर भी, वह कहते हैं कि इस तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए समाज में असमानता को कम करने की तरफ कदम उठाए जाने चाहिए, कानून व्यवस्था सही हो और जागरुकता बढ़ाई जानी चाहिए.

धर्म गुरु कहते हैं, हां यह जरूरी है कि महिलाओं के लिए खास सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए. लेकिन मुख्य सुरक्षा शिक्षा ही हो सकती है. केवल शिक्षा ही समाज में परिवर्तन ला सकती है. तिब्बत के इस धर्म गुरु को चीन की तरफ से हमेशा नकारा जाता रहा है, इस बारे में जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने किसी भी राजनीतिक प्रश्न का जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इतना ही कहा कि वह अब रिटायर हो चुके हैं.

दलाई लामा ने कहा कि भारत को अपने उत्तरी पड़ोसियों का साथ पाने के लिए कोई उपयुक्त रास्ता खोजना होगा. उन्होंने कहा यह 21वीं शताब्दी बातचीत की शताब्दी है. भूतकाल की तरह यदि आज हिंसा होती है तो यह दोनों पक्षों के लिए विनाशकारी साबित होगी… उन्होंने अपनी बात खत्म करने से पहले कहा, हमें याद रखना चाहिए ‘हिन्दी चीनी भाई भाई’.


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