भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

जर्मन मानवाधिकार आयुक्त तिब्बत में मानवाधिकार वार्ता का नेतृत्व करेंगे

December 7, 2018

तिब्बत.नेट, 06 दिसंबर, 2018

धर्मशाला। जर्मन मानवाधिकार आयुक्त बारबेल कोफ्लर 6 और 7 दिसंबर को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में जर्मनी-चीन मानवाधिकार वार्ता की अध्यक्षता करेंगी।  इससे पहले इस साल ‘झिंझियांग’ जाने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया था।

कोफ़्लर ने अपने बयान में ‘तुर्क मूल के उग्युर अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार की रिपोर्ट पर सदमा व्यक्त किया और ‘झिंझियांग’ जाने से खुद के वंचित किए जाने पर निराशा व्यक्त की। इससे उन्हें स्थिति के बारे में पहले अनुमान लगाने में मदद मिली। लेकिन वह इस बात से आश्वस्त है और झिंझियांग जाने की अनुमति प्राप्त करने के लिए अपना प्रयास अनवरत जारी रखेंगी।

तिब्बत में बातचीत के स्थल में परिवर्तन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘तिब्बत में  मानवाधिकार की गंभीर स्थिति’ ने बातचीत करने के लिए उपयुक्त मौका दिया है। तिब्बत को चिंता वाले क्षेत्रों में गिनते हुए उन्होंने ‘अत्यधिक नियंत्रण, सजा, परिवार के सदस्यों के अपराधों के लिए रिश्तेदारों को सजा, सामान्य धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध और देशभक्तिपूर्ण शिक्षा को उदाहरण के तौर पर रखा, जिसका उपयोग आज भी तिब्बत में किया जा रहा है।

बारबेल कोफ़्लर ने चीन में भी मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि ‘यह हाल के वर्षों में अधिक गंभीर हो गया है। ’आखिरी द्विपक्षीय मानवाधिकार वार्ता 2016 में जर्मनी में आयोजित की गई थी जिसके बाद चीन में आयोजित होने वाले 2017 के संवाद को चीन ने रद्द कर दिया था।

बारबेल की तिब्बत यात्रा एक सकारात्मक विकास के रूप में देखी जा रही है। चीन ने हाल के वर्षों में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा तिब्बत-यात्रा के लिए किए गए अनुरोधों को बार-बार अस्वीकार कर दिया है, जिनमें पूर्व मानवाधिकार उच्चायुक्त प्रिंस जैद भी शामिल हैं।

हाल ही में समाप्त हुई  चीन की तीसरी वैश्विक आवधिक समीक्षा (2 नवंबर) को जर्मनी ने चीन को धर्म और विश्वास, राय और अभिव्यक्ति, शांतिपूर्ण सभा और संस्कृति की स्वतंत्रता के अधिकारों का सम्मान करने की सिफारिश की थी जो तिब्बतियों, उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए भी थी।

सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन के सूचना और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) के संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार डेस्क के थिनले चुक्की ने टिप्पणी की, “चीन की यूपीआर के दौरान जर्मनी द्वारा चीन को दी गई सिफारिशों के प्रकाश में हमें उम्मीद है कि जर्मन मानवाधिकार आयुक्त सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चीन के साथ बातचीत करेंगी और मुद्दों को उठाएंगी। इसके अलावा, हम आशा करते हैं कि यह वार्ता चीन के तहत सभी क्षेत्रों में अधिकारों की स्थिति और विशेष रूप से तिब्बत में  समग्र  मानव अधिकारों के उल्लंघन को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच नियमित और करीबी आदान-प्रदान का निर्माण करने में मदद करेगी।


विशेष पोस्ट

तिब्बत पर विश्व सांसदों का नौवां सम्मेलन टोक्यो घोषणा-पत्र, टोक्यो कार्य योजना और परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के सम्मान में प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न

5 Jun at 9:29 am

दीर्घायु प्रार्थना समारोह में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा

4 Jun at 10:59 am

तिब्बत पर विश्व सांसदों के नौवें सम्मेलन के लिए दुनिया भर के सांसद टोक्यो पहुंचे

3 Jun at 3:17 pm

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

3 Jun at 7:22 am

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

संबंधित पोस्ट

तिब्बत पर विश्व सांसदों का नौवां सम्मेलन टोक्यो घोषणा-पत्र, टोक्यो कार्य योजना और परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के सम्मान में प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न

2 weeks ago

दीर्घायु प्रार्थना समारोह में शामिल हुए परम पावन दलाई लामा

2 weeks ago

तिब्बत पर विश्व सांसदों के नौवें सम्मेलन के लिए दुनिया भर के सांसद टोक्यो पहुंचे

2 weeks ago

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

2 weeks ago

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

1 month ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service