फ्रैंकफर्ट। तिब्बती मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन को और मजबूत करने के उद्देश्य से २०- २१ मई २०२५ को फ्रैंकफर्ट गए प्रतिनिधिमंडल ने वहां अनेक बैठकें कीं। इन बैठकों में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जिनेवा स्थित तिब्बत ब्यूरो की प्रतिनिधि थिनले चुक्की ने किया। प्रतिनिधिमंडल में उनके साथ पूर्व विशेष दूत और स्थायी रणनीति समिति के सलाहकार केलसांग ग्यालत्सेन और जिनेवा स्थित तिब्बत कार्यालय से संयुक्त राष्ट्र में पक्षधर अधिकारी फुंटसोक तोबग्याल भी थे।
फ्रैंकफर्ट में प्रतिनिधिमंडल ने ‘फ्रेंड्स फॉर फ्रेंड्स’ के अध्यक्ष फ्रैंक ऑथ और हेसेन राज्य के मुख्य प्रोटोकॉल अधिकारी डाइटर बीन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करने और राजनीतिक अधिकारों और मानवीय गरिमा के लिए तिब्बत के संघर्ष को समर्थन और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
प्रतिनिधि चुक्की ने तिब्बत के अंदर मौजूदा मानवाधिकार स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदान की और उपस्थित लोगों को परम पावन १४वें दलाई लामा के ९०वें जन्मदिन के अवसर पर दुनिया भर में आयोजित होनेवाले समारोहों की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने चीनी शासन के तहत तिब्बती लोगों के शांतिपूर्ण संघर्ष को प्रसारित करने के लिए निरंतर अंतरराष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने जर्मनी के पूर्व राजनेता और कानूनी विशेषज्ञ रोलांड कोच के साथ भी बातचीत की। इस बातचीत के दौरान व्यापक भू-राजनीतिक माहौल, तिब्बत के अंदर की चुनौतियों और जर्मनी द्वारा तिब्बती मुद्दे के समर्थन को और बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। कोच ने तिब्बती लोगों की सरलता की प्रशंसा की और नई वैश्विक वास्तविकताओं के साथ तालमेल बिठाते हुए इस मुद्दे को आगे बढ़ाने पर अपने दृष्टिकोण पेश किए।
प्रतिनिधि केलसांग ग्यालत्सेन ने अपने संबोधन में कहा कि यद्यपि तिब्बत के ऊपर दुनिया का ध्यान कम हो रहा है और परम पावन दलाई लामा वृद्ध हो रहे हैं, लेकिन तिब्बती मुक्ति साधना, खासकर युवा पीढ़ी के बीच अब भी मजबूत है। उन्होंने कहा कि तिब्बती आंदोलन कमजोर नहीं पड़ रहा है, बल्कि आगे बढ़ रहा है। शिक्षित और जागरूक तिब्बतियों की नई पीढ़ी आगे आकर जिम्मेदारी ले रही है। वे शांतिपूर्ण तरीकों और संवाद के माध्यम से संघर्ष को आगे बढ़ाने को लेकर कटिबद्ध हैं।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पक्षधरता अभियान में यूरोप के बढ़ते महत्व पर भी प्रकाश डाला और लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लंबे समय से समर्थक रहे जर्मनी से इस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान तिब्बत का समर्थन करने में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया।
प्रतिनिधिमंडल ने जर्मनी स्थित तिब्बत हाउस में रुककर अपनी यात्रा का समापन किया। यहां पर उन्होंने जर्मन जनता के लिए तिब्बती संस्कृति, धर्म और त्योहारों को बढ़ावा देने पर चर्चा की। प्रतिनिधि चुक्की ने परम पावन दलाई लामा की फोटो प्रदर्शनियों का भी अवलोकन किया। इन प्रदर्शनियों में तिब्बती आंदोलन के लिए जागरुकता और एकजुटता में सांस्कृतिक पक्ष के महत्व को रेखांकित किया गया था।
– तिब्बत कार्यालय, जिनेवा