
धर्मशाला। निर्वासित तिब्बती संसद की डिप्टी स्पीकर डोल्मा छेरिंग तेखांग ने ०२ अप्रैल, २०२४ को ‘इंटरनेशनल कंपेन फॉर तिब्बत’ के बोर्ड सदस्य स्टीव श्रोएडर, उनके परिवार के सदस्यों और आईसीटी अध्यक्ष तेनचो ग्याछो के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान आने वाले मेहमानों को उपसभापति द्वारा निर्वासित तिब्बती संसद के बारे में जानकारी दी गई, जिसके बाद उनको संसद भवन का भ्रमण कराया गया।
परम पावन दलाई लामा की दूरदर्शी सोच और तिब्बतियों को लोकतांत्रिक प्रणाली की उनकी महान आकांक्षा पर प्रकाश डालते हुए डिप्टी स्पीकर ने उन्हें निर्वासित तिब्बती संसद के विकास, कामकाज और संरचना के बारे में जानकारी दी। इसमें एक-दूसरे के मतभेदों का सम्मान करने और विचारों की विविधता को अपनाने के अवसर के बारे में भी जानकारी शामिल थी जो इसके विकास की विशेषता है।
डिप्टी स्पीकर ने निर्वासित तिब्बती संसद के अर्धवार्षिक सत्रों के बारे में विस्तार से बताया। इसमें मार्च सत्र के दौरान सामुदायिक जरूरतों के आधार पर बजट को प्राथमिकता दी जाती है और सितंबर के आम सत्र के दौरान कार्यकारी उपक्रमों की जांच पर जोर दिया जाता है।
तिब्बती संसद की समय-समय पर यात्राओं, पक्षधरता अभियानों, आउटरीच कार्यक्रमों और अन्य पहलों पर विस्तार से बताते हुए डिप्टी स्पीकर ने तिब्बत के उचित मुद्दे को दृढ़ समर्थन के लिए अमेरिका के लोगों और उसकी सरकार के प्रति विशेष रूप से अमेरिकी कांग्रेस में कई तिब्बत संबंधित बिल पारित करने के लिए गहरा आभार व्यक्त किया।
तिब्बती समाज में महिलाओं की ऐतिहासिक और समकालीन भूमिकाओं के बारे में बोलते हुए हुए, उपाध्यक्ष ने संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए परम पावन दलाई लामा के आरक्षण व्यवस्था के प्रावधान पर प्रकाश डाला, जिसने तिब्बती महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे उन्हें समुदाय के भीतर नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षमता मिली और इसके काबिल बनाया गया है। इसमें केंद्रीय तिब्बती प्रशासन भी एक है।
अंत में, डिप्टी स्पीकर ने तिब्बत के उचित मुद्दे के लिए उनके अमूल्य योगदान और समर्थन के लिए आए मेहमानों को धन्यवाद दिया।