भाषा
བོད་ཡིག中文English
  • मुख पृष्ठ
  • समाचार
    • वर्तमान तिब्बत
    • तिब्बत समर्थक
    • लेख व विचार
    • कला-संस्कृति
    • विविधा
  • हमारे बारे में
  • तिब्बत एक तथ्य
    • तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
    • तिब्बतःएक अवलोकन
    • तिब्बती राष्ट्रीय ध्वज
    • तिब्बती राष्ट्र गान (हिन्दी)
    • तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र
    • तिब्बत पर चीनी कब्जा : अवलोकन
    • निर्वासन में तिब्बती समुदाय
  • केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
    • संविधान
    • नेतृत्व
    • न्यायपालिका
    • विधायिका
    • कार्यपालिका
    • चुनाव आयोग
    • लोक सेवा आयोग
    • महालेखा परीक्षक
    • १७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां
    • CTA वर्चुअल टूर
  • विभाग
    • धर्म एवं सांस्कृति विभाग
    • गृह विभाग
    • वित्त विभाग
    • शिक्षा विभाग
    • सुरक्षा विभाग
    • सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
    • स्वास्थ विभाग
  • महत्वपूर्ण मुद्दे
    • तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
    • चीन-तिब्बत संवाद
    • मध्य मार्ग दृष्टिकोण
  • वक्तव्य
    • परम पावन दलाई लामा द्वारा
    • कशाग द्वारा
    • निर्वासित संसद द्वारा
    • अन्य
  • मीडिया
    • तस्वीरें
    • विडियो
    • प्रकाशन
    • पत्रिका
    • न्यूज़लेटर
  • तिब्बत समर्थक समूह
    • कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज़ – इंडिया
    • भारत तिब्बत मैत्री संघ
    • भारत तिब्बत सहयोग मंच
    • हिमालयन कमेटी फॉर एक्शन ऑन तिबेट
    • युथ लिब्रेशन फ्रंट फ़ॉर तिबेट
    • हिमालय परिवार
    • नेशनल कैंपेन फॉर फ्री तिबेट सपोर्ट
    • समता सैनिक दल
    • इंडिया तिबेट फ्रेंडशिप एसोसिएशन
    • फ्रेंड्स ऑफ़ तिबेट
    • अंतरष्ट्रिया भारत तिब्बत सहयोग समिति
    • अन्य
  • संपर्क
  • सहयोग
    • अपील
    • ब्लू बुक

तिब्बत कभी चीन का हिस्सा नहीं रहा लेकिन मध्यम मार्ग समाधान एक उपयुक्त समाधान हो सकता है: सीटीए ने प्रमुख त्रिभाषा रिपोर्ट जारी किया

October 30, 2018

तिब्बत.नेट, 29 अक्तूबर, 2018

नई दिल्ली। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सूचना एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग (डीआईआईआर) ने 29 अक्तूबर को “तिब्बत कभी चीन का हिस्सा नहीं रहा लेकिन मध्यम मार्ग दृष्टिकोण एक व्यवहार्य समाधान है” शीर्षक से एक प्रमुख रिपोर्ट तीन भाषाओं में प्रकाशित किया। रिपोर्ट तिब्बती, अंग्रेजी और चीनी भाषाओं में प्रकाशित हुई है और इसका विमोचन समाजवादी और सुधारक प्रोफेसर आनंद कुमार और सीटीए के राष्ट्रपति डॉ लोबसांग सांगेये ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित एक समारोह में किया।

चुनिंदा विद्वानों, विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, राजनयिकों और पत्रकारों की सभा को संबोधित करते हुए प्रोफेसर आनंद कुमार ने एक प्रामाणिक पुस्तिका लाने के लिए सीटीए के प्रयासों की सराहना की और कहा, ‘तिब्बत की असलियत उन लोगों के लिए एक दर्पण है जो समाजवाद की चीनी धारणा में विश्वास करते हैं। यह धारणा एक असफल है।’

प्रो आनंद ने कहा कि चीनी कब्जे के तहत यह न केवल बौद्ध धर्म बल्कि पूरी विश्वास प्रणाली ही पीड़ित है। इस बात पर शोक जताते हुए कि साम्राज्यवाद का कोई भविष्य नहीं है, प्रो आनंद ने कहा कि भारत और बाकी दुनिया के लिए तिब्बत दुनिया में शांति कायम करने के समाधान की शुरुआत है।

प्रोफेसर आनंद कुमार ने कहा, ‘तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करती है और इसलिए तिब्बत की त्रासदी को नजरअंदाज करना जीवन को इनकार करने के समान है।’

प्रो आनंद कुमार ने परमपावन दलाई लामा द्वारा प्रतिपादित मध्यम मार्ग दृष्टिकोण के सिद्धांतों को प्रशंसा की और कहा कि परम पावन और एशियाई रोडमैप की उनकी समझ हमारा (भारत का) रोडमैप है। प्रोफेसर आनंद कुमार ने अपने भाषण को समाप्त करते हुए कहा, ‘हमारी समझ यह है कि तिब्बत में एशिया में स्थिरता की कुंजी है।’

राष्ट्रपति डॉ लोबसांग सांगेय ने तिब्बत की स्थिति पर महत्वपूर्ण दस्तावेज का परिचय और संदर्भ से लोगों को अवगत कराया। चीनी कब्जे के तहत तिब्बत में होनेवाले अधिकारों के उल्लंघन की ओर इशारा करते हुए डॉ सांगेय ने पुष्टि की ‘तिब्बत में 152 लोगों का आत्मदाह इस तथ्य को साबित करता है कि तिब्बत समाजवादी व्यवस्था के तहत नहीं है और तिब्बती अपनी भूमि में ही उसके मालिक नहीं हैं।’
लामाओं, बिशप और इमाम के पुनर्जन्म को चिह्नित करने के लिए चीनी नेतृत्व के हास्यास्पद प्रयासों की ओर इशारा करते हुए डॉ सांगेय ने दृढ़ विश्वास के साथ स्वीकार किया कि तिब्बती बौद्ध धर्म के मामले में लामाओं के पुनर्जन्म को अधिकृत करने का एकमात्र अधिकार तिब्बती लामाओं के पास ही है।

डॉ सांगेय ने मध्यम मार्ग दृष्टिकोण को लंबे समय से चले आ रहे चीन-तिब्बत मुद्दे को हल करने का सबसे व्यवहार्य विकल्प बताते हुए परमपावन दलाई लामा के प्रतिनिधियों और चीनी प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की बहाली का आह्वान किया।

डीआईआईआर के अंतरराष्ट्रीय संबंध सचिव और सीटीए के प्रवक्ता सोनम नोरबू दाग्पो ने सीटीए में, विशेष रूप से डीआईआईआर में तीन भाषाओं में रिपोर्ट के प्रकाशन में योगदान के लिए 18 से अधिक लेखकों और संपादकों का धन्यवाद किया। सचिव दाग्पो ने अपनी बात को समाप्ते करते हुए कहा, ‘चीन ने तिब्बत के बारे में विश्व के दृष्टिकोण को ओझल करने में कितना भी प्रयास करे, यह बात तब तक मायने नहीं रखता है जब तक तिब्बती और उनके समर्थक इस तरह की सच्चाई को उद्धाटित करने वाली सूचनाएं प्रकाशित और प्रचारित करना जारी रखते हैं कि इस क्षेत्र में क्या चल रहा है। तिब्बतियों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा। यह रिपोर्ट सीटीए के इस प्रयास में वर्तमान योगदान को दर्शाती है।’

डीआईआईआर के सूचना सचिव धारदोंग शर्लिंग ने इस कार्यक्रम की शुरुआत इन शब्दों के साथ की, ‘जब हम आज यहां बोल रहे हैं, दक्षिण पूर्व चीन के फ़ुज़ियान प्रांत के पुतियन में पांचवां विश्व बौद्ध फोरम चल रहा है। वहां तीन दिवसीय फोरम में बौद्ध धर्म, बेल्ट और रोड पहल तथा बौद्ध धर्म और मैरीटाइम सिल्क रोड एजेंडा में सबसे ऊपर है। ‘यह समझाते हुए कि रिपोर्ट तिब्बत की छवि खराब करने के खिलाफ चुनौती को मजबूत करने के लिए एक उपकरण प्रदान करना चाहती है, सचिव धारदोंग ने कहा कि रिपोर्ट है तिब्बत के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर सबसे व्यापक दृष्टि प्रदान करती है।’


विशेष पोस्ट

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

3 Jun at 7:22 am

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

13 May at 10:44 am

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

9 May at 11:40 am

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

9 May at 10:26 am

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

8 May at 9:05 am

संबंधित पोस्ट

परमपावन दलाई लामा ने तिब्बत पर 9वें विश्व सांसद सम्मेलन को संदेश भेजा

4 days ago

स्वर्गीय हंगकर रिनपोछे की माता का लंबी बीमारी और दुःख के बाद निधन हो गया।

4 weeks ago

सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ को हार्दिक बधाई दी।

4 weeks ago

परम पावन 14वें दलाई लामा ने परम पावन पोप लियो XIV को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

4 weeks ago

दलाई लामा के उत्तराधिकार में चीन के हस्तक्षेप के प्रयासों का यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में कड़ा विरोध

1 month ago

हमारे बारे में

महत्वपूर्ण मुद्दे
तिब्बत जो मुद्दे सामना कर रहा
मध्य मार्ग दृष्टिकोण
चीन-तिब्बत संवाद

सहयोग
अपील
ब्लू बुक

CTA वर्चुअल टूर

तिब्बत:एक तथ्य
तिब्बत:संक्षिप्त इतिहास
तिब्बतःएक अवलोकन
तिब्बती:राष्ट्रीय ध्वज
तिब्बत राष्ट्र गान(हिन्दी)
तिब्बत:स्वायत्तशासी क्षेत्र
तिब्बत पर चीनी कब्जा:अवलोकन
निर्वासन में तिब्बती समुदाय

केंद्रीय तिब्बती प्रशासन
संविधान
नेतृत्व
न्यायपालिका
विधायिका
कार्यपालिका
चुनाव आयोग
लोक सेवा आयोग
महालेखा परीक्षक
१७ केंद्रीय तिब्बती प्रशासन आधिकारिक छुट्टियां

केंद्रीय तिब्बती विभाग
धार्मीक एवं संस्कृति विभाग
गृह विभाग
वित्त विभाग
शिक्षा विभाग
सुरक्षा विभाग
सूचना एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग
स्वास्थ विभाग

संपर्क
भारत तिब्बत समन्वय केंद्र
एच-10, दूसरी मंजिल
लाजपत नगर – 3
नई दिल्ली – 110024, भारत
दूरभाष: 011 – 29830578, 29840968
ई-मेल: [email protected]

2021 India Tibet Coordination Office • Privacy Policy • Terms of Service